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इस वजह से लोग होते है बार-बार बेहोश, छोटी सी लापरवाही से जा सकती है जान

इस वजह से लोग होते है बार-बार बेहोश, छोटी सी लापरवाही से जा सकती है जान

Health Tips: अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग बेहोश (Faint) होकर गिर जाते हैं, ऐसा कई बार हो तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति के दिल से जुड़ी बीमारी (Heart Disease) का भी संकेत हो सकता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक व्यक्ति तब बेहोश हो जाता है जब दिल (Heart) मस्तिष्क (Brain) को उतना ब्लड पंप नहीं कर पाता है, जितने की उसे जरूरत होती है, इसलिए व्यक्ति थोड़े समय के लिए बेहोश हो जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, खासकर तब जब बेहोशी की घटना बार-बार होती है। यह हार्ट के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह स्ट्रोक या अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है।

एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि बेहोशी (Fainting) हार्ट डैमेज के अन्य रूप और इसकी इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Electrical System) से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, बेहोशी गंभीर चोटों का कारण भी बन सकती है, अगर जल्दी से इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

क्या है धारणा

बेहोशी को लेकर एक गलत धारणा यह भी है कि बेहोशी केवल न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स के कारण हो सकती है, इसी वजह से जिन लोगों को यह समस्या होती है तो वो इसे कभी दिल से जोड़कर नहीं देखते हैं और धीरे-धीरे दिल की बीमारियों का शिकार हो जाते है।

बेहोशी के लक्षण

-अनियमित दिल की धड़कन 

-जी मिचलाना

-चक्कर आना

-अचानक गिरना

-कमजोरी

-अस्थिर महसूस करना

-दृष्टि में बदलाव होना

-सिरदर्द

-पीली त्वचा

-घरघराहट

इन बातों का रखें ध्यान

- जब भी बेहोशी आए उन सभी का रिकॉर्ड रखना आपके लिए जरूरी है, क्योंकि इससे डॉक्टर को इलाज करने में आसानी होगी।

-व्यक्ति जब भी बेहोश हो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि बीमारी को जल्द से जल्द पता चल सके।

-अचानक बेहोशी की स्थिति में, चोटों से बचने के लिए तुरंत बैठना या लेटना चाहिए। यह मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण में सुधार भी सुनिश्चित करेगा।

-सिंकोप को लाइफस्टाइल में बदलाव, दवा और उपचार के साथ भी प्रबंधित किया जा सकता है। इसलिए, हेल्दी डाइट, वजन कंट्रोल और भरपूर नींद लेनी है और नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक है।

-यदि बेहोशी असामान्य रूप से धीमी गति से दिल की धड़कन (ब्रैडीकार्डिया) की वजह से होती है, तो पेसमेकर लगाने को मानक उपचार माना जाता है। दरअसल, पेसमेकर एक छोटा उपकरण है, जिसका उपयोग दिल को विद्युत संकेत भेजकर अनियमित दिल की धड़कन को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।


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