होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
अध्यात्म
मनोरंजन
सेहत
जॉब अलर्ट
जरा हटके
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में राजनीति के एक युग का अंत...

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में राजनीति के एक युग का अंत...

Khaleda Zia Death News: बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शामिल और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का मंगलवार को 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनकी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद खबर की पुष्टि की। खालिदा जिया के निधन के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति का एक ऐतिहासिक और निर्णायक अध्याय समाप्त हो गया है।

शेख हसीना बनाम खालिदा जिया: दशकों पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता

खालिदा जिया और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच चली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने करीब तीन दशकों तक बांग्लादेश की राजनीति की दिशा तय की। सत्ता संघर्ष, चुनावी मुकाबले और विरोध प्रदर्शनों के कारण यह टकराव देश की राजनीति की पहचान बन गया। दोनों नेताओं के बीच की यह लड़ाई केवल सत्ता की नहीं, बल्कि वैचारिक और व्यक्तिगत स्तर तक जाती रही।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया शोक:

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ढाका से आई यह खबर बेहद पीड़ादायक है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि खालिदा जिया ने बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई। पीएम मोदी ने वर्ष 2015 में ढाका में हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि वह मुलाकात उन्हें हमेशा स्मरण रहेगी।

कौन थीं खालिदा जिया? (Who Was Khaleda Zia):

खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को हुआ था। वह बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में एक सैन्य विद्रोह में हत्या कर दी गई थी। पति की मृत्यु के बाद खालिदा जिया ने राजनीति में कदम रखा और सैन्य शासन के खिलाफ जनआंदोलन का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप 1990 में तानाशाही शासन का अंत हुआ।

भारत से खास रिश्ता:

कम लोग जानते हैं कि खालिदा जिया का भारत से भी गहरा नाता रहा। उनका जन्म वर्तमान पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के दिनाजपुर में बस गया।

प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:

पहला कार्यकाल: 1991 – 1996, दूसरा कार्यकाल: 2001 – 2006 और 1991 में लोकतंत्र बहाल होने के बाद खालिदा जिया पहली बार प्रधानमंत्री बनीं। 2001 में उन्होंने शेख हसीना को हराकर दोबारा सत्ता में वापसी की।

भ्रष्टाचार के आरोप और कानूनी संघर्ष:

अपने राजनीतिक करियर के दौरान खालिदा जिया को कई भ्रष्टाचार मामलों का सामना करना पड़ा, जिन्हें उन्होंने हमेशा राजनीतिक प्रतिशोध बताया। जनवरी 2025 में बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतिम लंबित भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया था।

लंबी बीमारी और विदेश में इलाज:

खालिदा जिया लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। जनवरी 2025 में अंतरिम सरकार ने उन्हें विदेश में इलाज की अनुमति दी थी। इससे पहले उनकी विदेश यात्रा की मांग कई बार अस्वीकार की गई थी।

बांग्लादेश की राजनीति में खालिदा जिया की विरासत:

खालिदा जिया को बांग्लादेश में लोकतंत्र, बहुदलीय राजनीति और सत्ता संतुलन की मजबूत आवाज के रूप में देखा जाता है। उनका निधन न केवल BNP बल्कि पूरे देश के लिए एक अपू


संबंधित समाचार