Bhalsore, ओडिशा में हुए गंभीर रेल हादसे के बाद, अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिखाई दे रहा है कि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आ रही हैं। वीडियो में एक लोकल ट्रेन दिखाई दे रही है जो एक ट्रैक पर खड़ी है, जबकि दूसरी ओर से एक और ट्रेन आ रही है। रेलवे द्वारा इस घटना के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
वीडियो के अनुसार, यह घटना जयराम नगर और बिलासपुर क्षेत्र के बीच की ट्रेनों के आमने-सामने आने की है। इसके अनुसार, शनिवार की शाम को बिलासपुर जिले के जयराम नगर और जांजगीर-चांपा जिले के कोटमीसोनर के बीच एक मेमू ट्रेन और एक मालगाड़ी ट्रेन एक ही पटरी पर आ गईं। मेमू ट्रेन कोरबा जा रही थी और दोनों ट्रेनों को समय पर रोका गया। रेलवे ने वीडियो के संदर्भ में जवाब देते हुए कहा है कि जयराम नगर-बिलासपुर क्षेत्र ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन है.
रेलवे के पीआरओ अंब्रिश साहू ने बताया कि एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों का सुरक्षित परिचालन सिग्नल के आधार पर एक ही समय में किया जाता है। रेलवे के अलग-अलग खंडों में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन में भी गाड़ियों का परिचालन इसी नियम के अनुसार होता है।
वायरल वीडियो को लेकर पीआरओ ने कहा कि यात्रियों के बीच गलतफहमी फैल गई कि दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आमने-सामने आ गईं और टक्कर हो जातीं, हालांकि ऐसा नहीं होता है।
रेलवे सिग्नलिंग कैसे काम होता है:
रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एक तकनीक है जिसका उपयोग रेलवे सिग्नलिंग को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह एक सुरक्षा प्रणाली है जो सिग्नल और स्विच के बीच के ऑपरेटिंग सिस्टम को कंट्रोल करके ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह प्रणाली रेलवे लाइनों पर चल रही ट्रेनों के बीच सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है।
इसकी मदद से रेलवे यार्ड के कामों को नियंत्रित किया जाता है, जिससे नियंत्रित क्षेत्र के माध्यम से ट्रेनों का सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सकता है। रेलवे सिग्नलिंग इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग सिस्टम, मैकेनिकल और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंटरलॉकिंग से लेकर आधुनिक हाई-टेक सिग्नलिंग तक का एक लंबा सफर तय कर चुका है।
बालासोर हादसे में क्या हुआ था:
बालासोर, ओडिशा में हुए हादसे के संबंध में रेलवे ने बताया कि ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस जब शालीमार से मद्रास जा रही थी, उसी समय वो एक मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन पूरी गति में चल रही थी और उसे स्टेशन पर रोकना संभव नहीं था। इसके परिणामस्वरूप, 21 कोच डेरेल हो गए और 3 कोच डाउन लाइन पर जा चले गए।
उसी समय, डाउन लाइन पर चल रही दूसरी ट्रेन, 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस, बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही थी और वह कोरोमंडल एक्सप्रेस से टक्कर हो गई। इसके बाद, हावड़ा एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे के अनुसार, कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 यात्री थे जबकि हावड़ा यशवंतपुर एक्सप्रेस में 1039 यात्री थे.
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