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सरकार का बड़ा कदम: देश में पहली बार लोग खुद भर सकेंगे जनगणना फॉर्म 

सरकार का बड़ा कदम: देश में पहली बार लोग खुद भर सकेंगे जनगणना फॉर्म 

नई दिल्ली: भारत में होने वाली अगली जनगणना को लेकर सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें आम लोग खुद भी अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। इसके लिए सरकार एक खास वेब पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। इसके अलावा, मोबाइल ऐप के जरिए भी जनगणना का काम पूरा किया जाएगा। भारत में अब तक जनगणना के लिए घर-घर जाकर सरकारी कर्मचारी कागज पर जानकारी इकट्ठा करते थे। लेकिन अब सरकार इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने जा रही है। पहली बार मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए लोगों की जानकारी ली जाएगी। इससे न केवल काम तेजी से होगा, बल्कि डेटा भी सुरक्षित तरीके से सीधे सरकार के केंद्रीय सर्वर पर पहुंचेगा।

दो चरणों में होगी जनगणना :

सरकार ने कहा है कि नागरिक चाहें तो खुद ही अपनी जनगणना की जानकारी वेब पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए दो चरणों में जनगणना होगी। पहला चरण 'हाउस लिस्टिंग एंड हाउसिंग सेंसस यानी घर और मकान की जानकारी, और दूसरा चरण 'पॉपुलेशन एनुमरेशन' यानी जनसंख्या की गिनती। दोनों चरणों में लोग खुद अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे।

कब होगी अगली जनगणना ?

जनगणना 2026 और 2027 में दो चरणों में होगी। पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती की जाएगी। दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा, जिसमें लोगों की जनसंख्या, जाति और बाकी जरूरी जानकारियां जुटाई जाएंगी। इसके लिए 16 जून 2024 को सरकारी अधिसूचना जारी की गई है। यह आजादी के बाद भारत की 8वीं और कुल 16वीं जनगणना होगी।

34 लाख कर्मचारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग:

इतने बड़े काम के लिए सरकार ने देशभर में करीब 34 लाख लोगों को नियुक्त किया है। इन कर्मचारियों को तीन स्तरों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले राष्ट्रीय ट्रेनर, फिर मास्टर ट्रेनर और आखिर में फील्ड ट्रेनर इन्हें तैयार करेंगे। हर गांव और शहर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जाएगा और हर हिस्से के लिए एक कर्मचारी जिम्मेदार होगा। इससे कोई भी घर या व्यक्ति गिनती से न छूटे।

सीमाओं में बदलाव के आखिरी तारीख तय : 

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि अगर वे अपने जिलों, तहसीलों या पुलिस थानों की सीमाओं में कोई बदलाव करना चाहते हैं, तो उसे 31 दिसंबर 2025 से पहले कर लें। उसके बाद वही सीमाएं जनगणना में अंतिम रूप से मानी जाएंगी। सीमाएं तय करने के तीन महीने बाद ही जनगणना शुरू की जा सकती है। इससे जनसंख्या गिनती में कोई गड़बड़ी नहीं होगी।


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