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स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर शामिल करने को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल, बोले-'विदेश मंत्री ने किया विश्वासघात'

स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर शामिल करने को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल, बोले-'विदेश मंत्री ने किया विश्वासघात'

दिल्ली: एनसीईआरटी ने ऑपरेशन सिंदूर का इतिहास तीसरी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का फैसला लिया है। इसका उद्देश्य बच्चों को भारत की रक्षा रणनीति, कूटनीतिक प्रतिक्रिया और भारतीय सेना के पराक्रम से अवगत कराना है। एक तरफ जहां इस पहल की भारतीय जनता पार्टी के नेता सराहना कर रहे हैं, वहीं  दूसरी ओर इस पर विपक्ष के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं।

NCERT के फैसले पर उठाया सवाल:

इसी कड़ी में कांग्रेस नेता उदित राज ने स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर शामिल करने के लेकर बीजेपी को चेताया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाएगा तो यह भी बात सामने आएगी कि पीओके के ऊपर हमारी सेना ने जब हमला किया, तो हमारे ही विदेश मंत्री ने विश्वासघात किया।
 
विपक्ष ने लगाए कई आरोप:
 
बता दें कि विपक्ष का आरोप रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकी ठिकानों पर हमले से पहले ही पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दे दी थी। विपक्ष यह भी सवाल उठा रहा है कि जब भारतीय सेना पाक अधीन कश्मीर वापस लेने की स्थिति में थी, तब अचानक सीजफायर क्यों किया गया। इससे संबंधित कई आरोप हैं, जो कि लगातार विपक्ष की तरफ से उठाए जा रहे हैं।

NCERT के फैसले को भाजपा ने सराहा:

भाजपा सांसद मनोज तिवारी और प्रवीण खंडेलवाल ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर शामिल करने के फैसले की सराहना की। मनोज तिवारी ने कहा कि देश में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जो कि बच्चों को पढ़ाई जानी चाहिए थी। अब ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। बच्चों को भारतीय सेना के पराक्रम के साथ ही पड़ोसी देश की साजिशों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

स्कूली पाठ्यक्रम में किया स्वागत:

उधर, भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को हमारी सेनाओं की शौर्य गाथा पढ़ाना और बताना बहुत जरूरी है।


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