दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित OBC सम्मेलन में आज एक महत्वपूर्ण और बड़ा बयान दिया है। इस सार्वजनिक मंच से उन्होंने यह स्वीकार किया कि जाति जनगणना कांग्रेस के शासनकाल में नहीं कराना एक बड़ी गलती थी। अब मैं उस गलती को सुधारना चाहता हूं. राहुल गांधी ने कहा, 'आप मेरी बहन से पूछना, अगर कभी मुलाकात हो तो प्रियंका से आप पूछना, अगर राहुल ने मन बना लिया तो जो ठाना है वो काम पूरा किए बिना पीछे नहीं हटता है। न सिर्फ जाति गणना कोई भी काम अगर मैंने ठाना है तो उसे हर हाल में पूरा करता हूं। ' अगर मैंने उस समय ओबीसी का भी ध्यान देकर जातिगणना कराया होता तो भूकंप ही आ गया होता,तेलंगाना में नतीजे हैरान करने वाले हैं। ओबीसी पर उस समय ध्यान नहीं देना कांग्रेस की नहीं यह मेरी ही गलती थी।
पिछड़ों को अधिकार नहीं दे रही सरकार :
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज OBC महासम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सामाजिक न्याय के मुद्दों से भाग रही है और पिछड़ों को उनका अधिकार नहीं दे रही. खड़गे ने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों पर भी बात की. उन्होंने दावा किया कि अगर कांग्रेस को 30 और सीटें मिलतीं तो आज देश में उनकी सरकार होती. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने 2024 का लोकसभा चुनाव सामाजिक न्याय के मुद्दे पर लड़ा था. उन्होंने जोर देकर कहा, "अगर कांग्रेस को 30 और सीटें मिल जातीं, तो हम सरकार बना लेते।
खड़गे ने लगाया आरोप :
खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी शैक्षिक रूप से पिछड़े और वंचित समुदायों को आरक्षण देने से बचते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी पहले सवर्ण जाति से थे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद को पिछड़ा वर्ग में शामिल करा लिया. खड़गे ने कहा, “पीएम मोदी खुद को पिछड़ा कहते हैं, लेकिन उनके फैसले पिछड़ों के खिलाफ होते हैं।”
दिग्गज नेता सम्मेलन हुए शामिल:
दिल्ली में आज कांग्रेस का ओबीसी महासम्मेलन हुआ। कास्ट सेंसस के बाद अब कांग्रेस ओबीसी वाला दांव आजमाना चाह रही है। अलग-अलग राज्यों से दिग्गज नेता आज ओबीसी सम्मेलन में आए। इस सम्मेलन का नाम है- ओबीसी लीडरशिप भागीदारी न्याय महासम्मेलन’ दिया गया। ओबीसी महासम्मेलन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग और सामाजिक न्याय के अधिकारों को केंद्र में रखकर बीजेपी के प्रभुत्व को चुनौती दे रही है.