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BREAKING NEWS : बड़ी खबर ! मनरेगा योजना के नाम में हुआ बदलाव, अब कहलायेगा पूज्या बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी

BREAKING NEWS : बड़ी खबर ! मनरेगा योजना के नाम में हुआ बदलाव, अब कहलायेगा पूज्या बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी

दिल्ली : मध्य प्रदेश सहित देशभर में इन दिनों योजनाओं और जगहों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आज मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मनरेगा योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया है। इतना ही नहीं आज केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव में मुहर भी लगा दी गई है। 

क्या है MNREGA?

मनरेगा, जिसे नरेगा के नाम से भी जाना जाता है, देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक बहुत ही खास योजना है.इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आजीविका यानी रोजी-रोटी को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत, सरकार हर वित्त वर्ष में हर परिवार को कम से कम 100 दिनों का रोजगार देती है.यह काम उन वयस्क सदस्यों को दिया जाता है जो अकुशल श्रमिक कार्य (मेहनत-मजदूरी) करने के लिए तैयार होते हैं। 

कानून को 7 सितंबर 2005 को संसद ने किया गया पास

शुरूआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), 2005 कहा जाता था।​ लेकिन बाद में, इसे महात्मा गांधी के नाम पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कर दिया गया, जिसे आम भाषा में मनरेगा कहा जाता है। इस कानून को 7 सितंबर 2005 को संसद ने पास किया था।​ इसे 2 अक्टूबर 2006 को लागू किया गया, जो महात्मा गांधी की जयंती थी। शुरू में यह 200 जिलों में लागू हुई, और धीरे-धीरे पूरे देश में बढ़ाया गया।

योजना को एक नई पहचान देगा मुख्य उद्देश्य 

सूत्रों के अनुसार, नया नाम रोजगार गारंटी योजना को एक नई पहचान देगा और इसके दायरे को मजबूत बनाता है। मनरेगा (MGNREGA) सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना है।
 


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