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CWC बैठक में खड़गे का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, मनरेगा से लेकर लोकतंत्र तक उठाए सवाल

CWC बैठक में खड़गे का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, मनरेगा से लेकर लोकतंत्र तक उठाए सवाल

नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा और बहुआयामी हमला बोला। बैठक की शुरुआत में ही खड़गे ने कहा कि देश इस समय लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों के सबसे गंभीर संकट से गुजर रहा है। ऐसे हालात में कांग्रेस को केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि ठोस और आक्रामक रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा।

मनरेगा पर बड़ा आरोप: “गरीबों की पीठ में छुरा”

खड़गे ने संसद के शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मनरेगा को लगभग खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला करोड़ों गरीबों, मजदूरों और कमजोर वर्गों को बेसहारा छोड़ने जैसा है।
खड़गे के शब्दों में, “यह सिर्फ गरीबों के पेट पर लात नहीं, बल्कि उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। मनरेगा को खत्म करना महात्मा गांधी के विचारों पर सीधा हमला है।”

संविधान और नीति निर्देशक सिद्धांतों का हवाला

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनिया गांधी के एक लेख का जिक्र करते हुए कहा कि मनरेगा ने ‘सर्वोदय’ की भावना को जमीन पर उतारा। उन्होंने बताया कि यह योजना संविधान के अनुच्छेद 41 और नीति निर्देशक सिद्धांतों की आत्मा है, जिसके तहत यूपीए सरकार ने काम का अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अधिकारों को मजबूत किया था।

मनरेगा से बदली ग्रामीण भारत की तस्वीर

खड़गे ने मनरेगा की शुरुआत की पृष्ठभूमि याद दिलाते हुए कहा कि 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली से शुरू हुई इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदल दिया। इससे पलायन रुका, अकाल और भूख से राहत मिली और दलितों, आदिवासियों, महिलाओं व भूमिहीन मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिली।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार को गरीबों की चिंता नहीं, बल्कि चुनिंदा पूंजीपतियों के मुनाफे की चिंता है।

बिना सलाह के फैसले, किसानों जैसा आंदोलन दोहराने की चेतावनी

खड़गे ने कहा कि बिना किसी अध्ययन और परामर्श के मनरेगा को कमजोर करना वैसा ही है, जैसा तीन कृषि कानूनों के साथ किया गया था। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी और सरकार को पीछे हटने पर मजबूर करेगी।

वोटर लिस्ट और SIR पर गंभीर चिंता

कांग्रेस अध्यक्ष ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के वोट काटे जा रहे हैं।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और BLAs को घर-घर जाकर मतदाता सूची की निगरानी करने के निर्देश दिए।

संगठन सृजन और चुनावी रणनीति

खड़गे ने संगठन सृजन अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि करीब 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है और अगले 120 दिनों में पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी एकजुटता से मैदान में उतरेगी।

केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

खड़गे ने ED, IT और CBI के कथित दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इन एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने और बदनाम करने के लिए किया गया है। नेशनल हेराल्ड मामले में भी कांग्रेस कानूनी लड़ाई लड़ रही है और पीछे हटने वाली नहीं है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा

कांग्रेस अध्यक्ष ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की। साथ ही भारत में भी क्रिसमस के दौरान सौहार्द बिगाड़ने की घटनाओं पर चिंता जताई।
अंत में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई कठिन जरूर है, लेकिन कांग्रेस लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर डटी रहेगी।

 


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