नागपुर: राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका वंदनीय प्रमिला-ताई मेढ़े का निधन 31 जुलाई 2025 को नागपुर में हो गया। वे 96 वर्ष की थीं। उनका पूरा जीवन राष्ट्रभक्ति, भारतीय संस्कृति और नारी सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा। समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उनके निधन से समाज ने एक समर्पित, तपस्विनी और प्रेरणादायी नेता को खो दिया है।
प्रमिला-ताई मेढ़े: जीवन और कार्य
प्रमिला-ताई मेढ़े का जन्म 8 जून 1929 को हुआ था। वे राष्ट्र सेविका समिति से युवावस्था में ही जुड़ गई थीं और जीवनभर इसी संगठन के कार्यों में सक्रिय रहीं। 1978 से 2003 तक उन्होंने अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका के रूप में कार्य किया।इसके बाद 2003 से 2006 तक वे सह प्रमुख संचालिका रहीं। फिर 22 जुलाई 2006 से 20 जुलाई 2012 तक वे समिति की चौथी प्रमुख संचालिका बनीं। उनके नेतृत्व में समिति का कार्य अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा। विश्व विभाग के तहत उन्होंने विदेशों में रहने वाले हिंदुओं को संगठित करने और हिंदुत्व के विचारों का प्रचार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
नागपुर में बिताया जीवन
प्रमिला-ताई वर्ष 1965 से नागपुर स्थित देवी अहिल्या मंदिर परिसर में रह रही थीं। अंतिम समय तक वे संगठन और राष्ट्रीय विचारधारा के साथ सक्रिय बनी रहीं। शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में उन्होंने समान रूप से योगदान दिया और समिति में विभिन्न ज़िम्मेदारियाँ भी संभालीं।
नितिन गडकरी ने दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया के ज़रिए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, "प्रमिला-ताई मातृशक्ति की प्रतीक थीं। उन्होंने समिति के विस्तार में ऐतिहासिक भूमिका निभाई और समाज को जागरूक करने में अग्रणी रहीं। उनका मातृतुल्य व्यक्तित्व, नेतृत्व और मार्गदर्शन हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से सामाजिक क्षेत्र को गहरी क्षति पहुँची है।"