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धनखड़ की कुर्सी के लिए हरिवंश, थरूर से नड्डा के नामों पर हलचल शुरू, जानिए कौन होगा नए उपराष्ट्रपति!

धनखड़ की कुर्सी के लिए हरिवंश, थरूर से नड्डा के नामों पर हलचल शुरू, जानिए कौन होगा नए उपराष्ट्रपति!

Who is next Vice President: देश के 14 वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मू ने मंगलवार को धनखड़ के इस्तीफे को मंजूर कर दिया है। वहीं दूसरी ओर धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद अब इस संवैधानिक पद के लिए नई दौड़ शुरू हो गई है। कई दिग्गजों के नाम नए उपराष्ट्रपति के लिए सियासी गलियारों में सुर्खियों में बनी हुई है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि धनखड़ की कुर्सी किसे मिलती है।

उपराष्ट्रपति के चुनाव लिए जरूरी योग्यता:

लेकिन उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए कुछ जरूरी योग्यता होनी आवश्यक होती है। उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए। राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की सारी योग्यताओं का पूरा होना जरूरी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवार को 15,000 रुपए बतौर जमानत जमा करने होते हैं। यह राशि निर्वाचन आयोग के पास जमा की जाती है। यदि उम्मीदवार चुनाव हार जाता है और उसे कुल वैध मतों का छठा हिस्सा (1/6) भी नहीं मिलता, तो यह जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। केवल वही उम्मीदवार अपनी जमानत वापस पाने के हकदार होते हैं, जिन्हें न्यूनतम तय वोट मिलते हैं।

60 दिनों के अंदर होगा चुनाव:

21 जुलाई को उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हो गया है। अब चुनाव आयोग को 60 दिनों के अंदर यानी 19 सितंबर तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराना होगा। इसकी प्रक्रिया कुछ इस तरह होगी।

चुनाव की घोषणा: जल्द ही चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा।

नामांकन: राजनीतिक गठबंधन अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे।

मतदान: लोकसभा और राज्यसभा के सांसद गुप्त तरीके से वोट डालेंगे। वे उम्मीदवारों को पसंद के अनुसार रैंक देंगे।

वोटों की गिनती: गिनती खास प्रणाली से की जाएगी जिसमें हर वोट का मूल्य होता है और उसे प्राथमिकता के आधार पर गिना जाता है।

शपथ ग्रहण: जो उम्मीदवार जीतता है, उसे संविधान के अनुच्छेद 69 के तहत शपथ दिलाई जाएगी।

लोकसभा स्तर पर एनडीए मजबूत:

लोकसभा की कुल 543 सीटों में से वर्तमान में बशीरहाट सीट खाली है, जिससे लोकसभा की प्रभावी संख्या 542 हो जाती है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगियों यानी एनडीए के पास कुल 293 सांसदों का समर्थन है। यानी लोकसभा स्तर पर एनडीए को बहुमत से काफी ऊपर की स्थिति हासिल है। राज्यसभा में कुल 245 सीटें होती हैं लेकिन वर्तमान में पांच सीटें खाली हैं। इनमें से चार जम्मू-कश्मीर से हैं और एक पंजाब से, जहां आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। यानी राज्यसभा की प्रभावी संख्या 240 रह गई है। इनमें एनडीए के पास 129 सांसदों का समर्थन है। यह आंकड़ा तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब इसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं, जो परंपरागत रूप से सरकार के समर्थन में मतदान करते हैं।

सुर्खियां बटोर रहे कई नाम:

उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नाम सुर्खियां बटोर रहे हैं। हरिवंश नारायण सिंह का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति हैं। साथ ही जेडीयू से आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय माने जाते हैं। हरिवंश के पास राज्यसभा संचालन का अनुभव भी है।रामनाथ ठाकुर के नाम की भी चर्चा है। रामनाथ के पिता कर्पूरी ठाकुर को हाल ही में भारत रत्न मिला है। रामनाथ को भी जिम्मेदारी मिल सकती है। नीतीश कुमार का नाम भी चर्चाओं में है, लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति और स्वभाव उपराष्ट्रपति के पद की जिम्मेदारियों के अनुकूल नहीं मानी जा रही।

 तेजी से उभरा रहा इन दावेदारों का नाम: 

राजनीतिक गलियारों में जे.पी. नड्डा, निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, मनोज सिन्हा और वसुंधरा राजे के नाम भी चर्चा में हैं। जे.पी. नड्डा का कार्यकाल मार्च 2025 में समाप्त हो रहा है। शाह-मोदी से निकटता नड्डा को एक मजबूत दावेदार बनाती है। मनोज सिन्हा का नाम भी तेजी से उभरा है लेकिन जातिगत समीकरण उनके पक्ष में नहीं दिखते। केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी कुछ सूत्रों द्वारा लिया जा रहा है। राजनाथ सिंह का नाम भी चर्चा में है। BJP के सबसे सीनियर लीडर में से एक हैं। BJP के मूल कैडर से हैं और RSS का भरोसा भी उनके साथ है। राजनाथ सिंह की छवि सभी दलों के बीच स्वीकार्य नेता की है। उपराष्ट्रपति बनाए जाते हैं, तो सभी पार्टियों और नेताओं के साथ अच्छे से समन्वय बना सकेंगे।

‘सर्वमान्य उम्मीदवार’ के रूप में चर्चा:
 
विपक्षी INDIA गठबंधन के पास केवल 150 वोट हैं। जिससे उनकी जीत की संभावना काफी कम मानी जा रही है। इसी बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर का नाम एक ‘सर्वमान्य उम्मीदवार’ के रूप में चर्चा में है। माना जा रहा है कि भाजपा थरूर जैसे चेहरे को आगे कर कांग्रेस में अंदरूनी दरार पैदा करना चाह सकती है। हालांकि राजनीतिक स्थिरता, विश्वसनीयता और पार्टी पर नियंत्रण जैसे पहलुओं को देखते हुए इस संभावना को बेहद कमजोर माना जा रहा है।

दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा होगा गुप्त मतदान: 

उपराष्ट्रपति का चुनाव सामान्य आम चुनावों की तरह नहीं होता। यह संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान के ज़रिए होता है। वर्तमान में 782 सांसद हैं, 6 सीटें रिक्त हैं। प्रत्येक सांसद एक वोट देता है, जिसमें वह अपनी वरीयता क्रम निर्धारित करता है।


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