Minister Vijay Shah : मंत्री विजय शाह के चलते खतरे में हजारों कर्मचारी!, जानिए मामला

Minister Vijay Shah : मंत्री विजय शाह के चलते खतरे में हजारों कर्मचारी!, जानिए मामला

Minister Vijay Shah : यह कहा जाता है कि "करनी किसी की, भरना किसी को पड़ता है" — यानी गलती कोई करता है और उसका खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ता है। मध्यप्रदेश में यह कहावत जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के मामले में सटीक बैठ रही है। दरअसल, मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी के चलते अब पूरे जनजातीय कार्य विभाग के कर्मचारियों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों के बाद स्थानांतरण पर लगा प्रतिबंध हटाया है, लेकिन यह छूट केवल 31 मई तक ही लागू रहेगी। इसके बाद ट्रांसफर बैन प्रभावी हो जाएगा। ऐसे में कई विभागों में तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन जनजातीय कार्य विभाग के मामले में तबादला प्रक्रिया अटक गई है, क्योंकि मंत्री विजय शाह कई दिनों से मंत्रालय से नदारद हैं।

रतलाम और झाबुआ के कर्मचारियों परेशान

मंत्री शाह के जिम्मे रतलाम और झाबुआ जिले हैं। इन जिलों के कर्मचारियों ने समय रहते तबादले के लिए आवेदन किया था, लेकिन मंत्री की गैरमौजूदगी के कारण उन पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, अन्य विभागों के मंत्री नियमित रूप से मंत्रालय आकर अधिकारियों के साथ स्थानांतरण प्रस्तावों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन विजय शाह कहीं नजर नहीं आ रहे।

ई-ऑफिस सिस्टम बना चुनौती

सरकार ने स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है। मंत्री को ट्रांसफर प्रस्तावों को ई-ऑफिस के माध्यम से मंजूरी देनी होती है, जिसमें ओटीपी सत्यापन भी आवश्यक होता है। जब तक मंत्री ओटीपी के जरिए स्वीकृति नहीं देंगे, तब तक आदेश जारी नहीं किए जा सकते। इस वजह से हजारों की संख्या में तबादले रुके हुए हैं, जिससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि मंत्री के बिना विभाग कैसे सुचारु रूप से कार्य करेगा?

कोर्ट के आदेश पर टिकी प्रक्रिया

मंत्री विजय शाह की टिप्पणी को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 28 मई को इस मामले में सुनवाई होनी है। एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी, जिसके आधार पर तय होगा कि मंत्री शाह को राहत मिलेगी या नहीं। यदि कोर्ट से उन्हें क्लीन चिट मिलती है, तभी वे तबादला प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय ले पाएंगे।

मंत्री की लोकेशन बनी रहस्य

14 मई को मंत्री विजय शाह अपने विधानसभा क्षेत्र में कुछ कार्यक्रमों में शामिल हुए थे, लेकिन इसके बाद से वे सार्वजनिक रूप से कहीं नजर नहीं आए। 15 मई की रात सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई, जिसमें वे अपनी पत्नी के साथ ट्रेन से भोपाल जा रहे थे। इसके बाद से उनका कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है।


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