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शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने हम्पी को दी मात, वर्ल्ड कप जीतकर बनीं ग्रैंडमास्टर...

शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने हम्पी को दी मात, वर्ल्ड कप जीतकर बनीं ग्रैंडमास्टर...

बातुमी: भारत की 19 वर्षीय युवा महिला शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने बातुमी, जॉर्जिया में हमवतन कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराकर फिडे महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया। दिव्या ने ना सिर्फ इस टूर्नामेंट को जीता बल्कि वो इसके साथ ही ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। वो ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की चौथी महिला खिलाड़ी और ओवरऑल 88वीं खिलाड़ी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख को फिडे महिला विश्व कप चैंपियन बनने पर बधाई देते हुए

विश्व चैंपियन को हराकर दर्ज की जीत:  

कहा कि यह दो उत्कृष्ट भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी वाला एक ऐतिहासिक फाइनल था। नागपुर की इस खिलाड़ी ने शनिवार और रविवार को खेले गए दो क्लासिकल मुकाबलों के ड्रॉ होने के बाद टाईब्रेकर में जीत दर्ज की। दो क्लासिकल बाजी ड्रॉ होने के हम्पी ने अपना संयम खो दिया था और फिर उन्हें हार मिली। सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने हम्पी को फिर से ड्रॉ पर रोका लेकिन दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलते हुए उन्होंने दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन को हराकर जीत दर्ज की। वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय महिला भारत की ही कोनेरू हम्पी को फाइनल में हराया है। 

ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी महिला खिलाड़ी बनीं:

दिव्या अब हम्पी, डी हरिका और आर वैशाली के साथ देश की ग्रैंडमास्टर बनने वाली महिलाओं की सूची में शामिल हो गई हैं। हम्पी 38 साल की हैं और 2002 में ग्रैंडमास्टर बनीं जबकि दिव्या का जन्म 2005 में हुआ। दिव्या ने शुरुआती टाईब्रेकर में हम्पी पर दबाव बनाए रखा और फिर दूसरे टाईब्रेकर में जीत दर्ज की।

जीत के बाद भावुक हो गईं दिव्या:

इस जीत के बाद भावुक दिव्या अपने आंसू नहीं रोक पाई। हम्पी ने दिव्या के खिलाफ हारने से पहले आखिर तक संघर्ष किया। इस जीत के बाद दिव्या ने कहा कि मुझे इसे (जीत को) समझने के लिए समय चाहिए। मुझे लगता है कि यह किस्तम की बात थी कि मुझे इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला क्योंकि इस टूर्नामेंट से पहले मेरे पास एक भी (ग्रैंडमास्टर) नॉर्म नहीं था और अब मैं ग्रैंडमास्टर हूं।
 
 समझ नहीं पाई हम्पी मैच के बाद कोनेरू हम्पी ने:

कहा कि 12वीं चाल के बाद उन्हें समझ नहीं आया कि अब क्या करना है। हालांकि, 54वीं चाल में दिव्या ने जरूरी बढ़त हासिल कर ली। जिसके बाद हम्पी ने रिजाइन कर दिया और दिव्या को जीत मिली।


 


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