
वेनेजुएला पर बढ़ा अमेरिकी दबाव: 20 साल पुराने नेवल बेस को फिर किया एक्टिव, मादुरो ने मांगी रूस-चीन से मदद...
अमेरिका ने कैरिबियन सागर में स्थित प्यूर्टो रिको के रूजवेल्ट रोड्स नेवल बेस को दो दशकों बाद फिर से सक्रिय कर दिया है। यह वही बेस है जो 2004 में बंद कर दिया गया था, लेकिन अब यहां फिर से सैन्य गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि रनवे और टैक्सीवे की सफाई, नई सतह बिछाने और इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड का काम चल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अमेरिका की वेनेजुएला के खिलाफ संभावित सैन्य रणनीति की दिशा में बड़ा संकेत है।
रूजवेल्ट रोड्स नेवल बेस का इतिहास:
प्यूर्टो रिको के पूर्वी तट पर स्थित यह बेस 1940 के दशक में बनाया गया था। शीत युद्ध (Cold War) के दौरान यह अमेरिकी नौसेना का प्रमुख केंद्र था। यहां से विमानों और जहाजों की तैनाती होती थी, जो दक्षिण अमेरिका पर निगरानी रखते थे। हालांकि स्थानीय विरोध और लागत के कारण 2004 में इसे बंद कर दिया गया था। अब दो दशक बाद, इसके तेज़ी से पुनर्निर्माण को देखकर रणनीतिक विशेषज्ञ इसे “सक्रिय तैयारी” मान रहे हैं।
सिविलियन एयरपोर्ट्स पर भी गतिविधि तेज:
सिर्फ सैन्य बेस ही नहीं, बल्कि प्यूर्टो रिको और सेंट क्रॉइक्स द्वीप के सिविलियन एयरपोर्ट्स पर भी अपग्रेड का काम चल रहा है। यह दोनों स्थान वेनेजुएला से लगभग 800 किलोमीटर की दूरी पर हैं यानी किसी भी स्थिति में यहां से तेज़ प्रतिक्रिया (Rapid Deployment) संभव होगी। एयरपोर्ट्स पर रनवे बढ़ाए जा रहे हैं, स्टोरेज एरिया तैयार किए जा रहे हैं और ईंधन सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया जा सके।
अमेरिका की रणनीति मादुरो पर दबाव या लोकतंत्र की रक्षा:
अमेरिका निकोलास मादुरो को 2019 से ही “तानाशाह” मानता आया है। वॉशिंगटन का कहना है कि वेनेजुएला में लोकतंत्र खतरे में है, जबकि आलोचकों का दावा है कि यह सब तेल और राजनीतिक प्रभाव के लिए किया जा रहा है। तीन अमेरिकी सैन्य अधिकारियों और नौसेना विशेषज्ञों ने बताया कि बेस की पुनर्सक्रियता मादुरो पर दबाव बढ़ाने की मनोवैज्ञानिक रणनीति का हिस्सा है।
मादुरो की प्रतिक्रिया रूस और चीन की ओर झुकाव:
अमेरिका की गतिविधियों के बाद वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने रूस और चीन से सैन्य मदद मांगी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक रूसी IL-76 कार्गो विमान हाल ही में कराकास पहुंचा है। यह विमान एवियाकॉन जिटोट्रांस कंपनी का है, जो रूस के वैगनर ग्रुप से जुड़ी मानी जाती है। हालांकि यह साफ नहीं है कि विमान में हथियार थे या तकनीकी उपकरण, लेकिन इससे यह संकेत जरूर मिला कि रूस खुले तौर पर वेनेजुएला के साथ खड़ा है।
दक्षिण अमेरिका में नया तनाव:
वेनेजुएला पहले ही ब्राजील और गयाना के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। अब अमेरिका की यह सैन्य गतिविधि दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में नए तनाव को जन्म दे सकती है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है, क्योंकि किसी भी सैन्य टकराव से लाखों लोगों पर असर पड़ सकता है।
यह कदम वेनेजुएला के लिए स्पष्ट चेतावनी:
अमेरिका की ओर से यह कदम वेनेजुएला के लिए स्पष्ट चेतावनी माना जा रहा है। यदि प्यूर्टो रिको बेस पूरी तरह तैयार हो जाता है, तो यह वेनेजुएला की निगरानी और दबाव नीति में अहम भूमिका निभा सकता है। हालांकि, रूस और चीन के समर्थन से मादुरो फिलहाल राजनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश में हैं। आने वाले महीनों में यह साफ होगा कि यह कूटनीतिक दबाव रहेगा या सैन्य कार्रवाई में बदल जाएगा। अमेरिका का 20 साल पुराने नेवल बेस को दोबारा सक्रिय करना केवल एक सैन्य निर्णय नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक संदेश है कि वॉशिंगटन अभी भी दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, रूस और चीन का दखल इस स्थिति को और जटिल और खतरनाक बना सकता है।
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