टेक्निकल गड़बड़ियों से लड़खड़ाई धान खरीदी: टोकन पाने की जद्दोजहद में किसान, सिस्टम बार-बार फेल

रायपुर : धान बेचने को तैयार किसान पिछले कई दिनों से समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन ‘टोकन तुहर हाथ’ ऐप की तकनीकी खामियों ने खरीदी प्रक्रिया को बिगाड़ दिया है। ऐप बार-बार क्रैश हो रहा है, सर्वर डाउन है और निर्धारित समय पर स्लॉट खुल ही नहीं रहे। किसानों का आरोप है कि स्लॉट ओपन होते ही कुछ ही मिनटों में पूरा कोटा "फुल" दिखा दिया जाता है।

70% ऑनलाइन टोकन का प्लान जमीनी स्तर पर ध्वस्त

पारदर्शिता और भीड़ नियंत्रण के लिए सरकार ने 70% टोकन ऑनलाइन और 30% ऑफलाइन देने की योजना बनाई थी। लेकिन ऐप की गड़बड़ियों ने इस व्यवस्था को अस्थिर कर दिया है, जिससे किसान लगातार भटकने को मजबूर हैं।

खरीदी केंद्रों में लंबा इंतजार, पर हाथ लगता है निराशा

अनेक खरीदी केंद्रों पर किसान मोबाइल हाथ में लिए टोकन की प्रतीक्षा करते दिखे, लेकिन सर्वर एरर और लिंक फेल की वजह से कोई भी आवेदन सफल नहीं हो सका। इस बीच कई समितियों की प्रतिदिन खरीदी क्षमता भी कम कर दी गई है—पहले जहां 1000–1200 क्विंटल खरीदी होती थी, अब सीमा घटकर 700 क्विंटल रह गई है।

विभाग ने ऐप से पल्ला झाड़ा, कहा—यह एनआईसी का सिस्टम

सहकारिता एवं खाद्य विभाग का कहना है कि ऐप एनआईसी द्वारा संचालित है, इसलिए तकनीकी समस्या पर उनका सीधा नियंत्रण नहीं है। हालांकि अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मिल रही शिकायतें आगे भेजी जा रही हैं।

हेल्प डेस्क गायब, गैर-तकनीकी किसानों की दिक्कतें दोगुनी

कई किसानों के पास स्मार्टफोन नहीं है या वे ऐप चलाना नहीं जानते। उपार्जन केंद्रों पर तकनीकी सहायता या हेल्प डेस्क की व्यवस्था न होना बड़ी समस्या बन गया है। कई केंद्र प्रभारियों ने भी माना कि सिस्टम की कमियां लगातार परेशानी बढ़ा रही हैं।

स्लॉट समय पर न खुलने और सर्वर ओवरलोड से सिस्टम चरमराया

केंद्र प्रभारियों ने बताया कि स्लॉट समय पर नहीं खुलते और जैसे ही खुलते हैं, एक साथ भारी ट्रैफिक आने से सर्वर ओवरलोड होकर हैंग हो जाता है। इससे किसानों में नाराजगी और अविश्वास बढ़ रहा है।

किसानों की मांग—या तो तकनीकी सुधार हो या टोकन व्यवस्था पर रोक

लगातार परेशान किसान मांग कर रहे हैं कि तकनीकी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए। यदि निकट भविष्य में सुधार संभव नहीं है, तो टोकन सिस्टम पर अस्थायी रोक लगाते हुए वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए, ताकि खरीदी बिना रुकावट जारी रह सके।

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