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आखिर किन कारणों से होती है फंगल इंफेक्शन-कंजक्टिवाइटिस की बीमारी, डॉक्टर से जानें कैसे करें बचाव

आखिर किन कारणों से होती है फंगल इंफेक्शन-कंजक्टिवाइटिस की बीमारी, डॉक्टर से जानें कैसे करें बचाव

पिछले सप्ताह हमने आपको मानसून में होने वाली कॉमन डिजीजेज फूड इंफेक्शन (common diseases food infection), डायरिया (diarrhea) और वायरल फीवर (viral fever) के बारे में बताया था। इसी क्रम में इस बार जानिए, इस मौसम में होने वाले फंगल इंफेक्शन (fungal infections) और कंजक्टिवाइटिस डिजीजेज (conjunctivitis diseases) के कारण और बचाव के बारे में। 

बारिश के मौसम में डाइजेस्टिव इंफेक्शन और वायरल फीवर के अलावा स्किन से जुड़े फंगल इंफेक्शन और आंखों में होने वाले कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसलिए इन दोनों इंफेक्शंस से भी एलर्ट रहना बहुत जरूरी है। 

फंगल इंफेक्शन क्या है?
मानसून के दौरान कई लोगों को स्किन इंफेक्शन भी होने लगता है। दरअसल, बारिश के दिनों में नमी काफी बढ़ जाती हैं, जिसकी वजह से फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के साथ स्किन एलर्जी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए स्किन केयर बहुत जरूरी है। किसी भी तरह की लापरवाही से फंगल इंफेक्शन या त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

फंगल इंफेक्शन के कारण
आपकी लाइफस्टाइल, फंगल इंफेक्शन के रिस्क को बढ़ा सकती है, क्योंकि फंगस अकसर गर्म और नम वातावरण में पनपती हैं। पसीने से गीले कपड़े पहनने से स्किन इंफेक्शन हो सकता है। त्वचा के कटने या फटने से भी बैक्टीरिया त्वचा की गहरी परतों में अंदर जाकर विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा अत्यधिक पसीना आना, तंग कपड़े और जूते पहनने से, एंटीबायोटिक्स लेने से और कमजोर इम्यून सिस्टम फंगल इंफेक्शन के कारण होते हैं।

फंगल इंफेक्शन प्रमुख लक्षण
स्किन का लाल होना, चकत्ते पड़ जाना, बार-बार खुजली होना, खुजली वाली जगह पर फफोले और छाले हो जाना, खुजली वाली जगह पर चुभन होना, खुजली वाली जगह पर जलन होना या पस वाली फुंसियों का निकलना।

फंगल इंफेक्शन बचाव के उपाय 
गीले कपड़े न पहनें। साफ और अच्छी तरह सूखे कपड़े ही पहनें। रोजाना नहाएं। बारिश में भीगने के बाद शरीर को पूरी तरह सुखाएं। पैरों में इंफेक्शन होने पर जूते न पहनें। दूसरे व्यक्ति के कपड़े, तौलिया, साबुन, कंघी का इस्तेमाल न करें। सूती और ढीले कपड़े पहनें। डॉक्टर से पूछे  बिना किसी भी क्रीम का इस्तेमाल न करें। कपड़ों को गर्म पानी से धोएं। शरीर में कहीं भी खुजली होने पर नाखून से न खुजाएं, इससे इंफेक्शन फैल सकता है।

कंजक्टिवाइटिस क्या है?
कंजक्टिवाइटिस को पिंकआई या आंख आना भी कहते हैं। यह एक प्रकार का संक्रमण होता है, जिसके कारण आंखों में सूजन, आंखें लाल और चिपचिपी हो जाती हैं। इसके अलावा आंखों से लगातार पानी निकलता रहता है। बारिश में इसका खतरा ज्यादा रहता है। इस संक्रमण से पीड़ित के संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्ति को भी यह इंफेक्शन फैल सकता है। यह इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

कंजक्टिवाइटिस के प्रमुख लक्षण
आंखों में सूजन आना, आंखों का लाल होना, पलकों में सूजन आना, आंखों से लगातार पानी का निकलना, आंखों में जलन होना, धुंधला दिखाई देना इसके लक्षण हैं।

कंजक्टिवाइटिस से बचाव के उपाय 
अपने हाथों को साबुन और पानी से लगातार धोएं। अपना तौलिया हमेशा अलग रखें। आंखों को गंदे हाथों से न रगड़ें। घर से बाहर हों तो हाथ साफ करने के लिए अपने पास हमेशा हैंड सैनिटाइजर रखें।

कंजक्टिवाइटिस से उपचार के तरीके
कुछ परिस्थितियों में ये लक्षण अपने आप दूर हो सकते हैं। संक्रमण को दूर करने के लिए ओरल दवाओं के साथ ट्रीटमेंट की भी आवश्यकता हो सकती है। इस दौरान डॉक्टर से पूछे बगैर आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से भी बचना चाहिए। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन एलर्जी दवाओं दोनों का उपयोग किया जा सकता है। डॉक्टर से पूछे बगैर कोई दवा न खाएं और न ही आंखों में डालें।

डॉ. त्रिभुवन गुलाटी


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