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UPSC CSE Result 2023 : मप्र से 27 का चयन, भोपाल के अयान जैन प्रदेश में ‘टॉपर’

UPSC CSE Result 2023 : मप्र से 27 का चयन, भोपाल के अयान जैन प्रदेश में ‘टॉपर’

भोपाल। मंगलवार को संघ लोकसेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 के अंतिम परिणाम जारी कर दिए हैं। भोपाल के अयान जैन को मध्य प्रदेश में पहली रैंक मिली है। वे ऑल इंडिया 16वीं रैंक पर रहे हैं। भोपाल के ही तेजस अग्निहोत्री को 27वीं रैंक मिली, जबकि ग्वालियर की छाया सिंह 65वां और मान्या 84वीं रैक पर रही हैं। मध्य प्रदेश से 27 परीक्षार्थियों का चयन हुआ है।

सफल ज्यादातर अभ्यार्थियों का मानना है कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए पहले से प्लान तैयार किया था। भोपाल के सचिन गोयल को 209वीं और समीर गोयल को 222वीं रैंक मिली है। दोनों सगे भाई हैं। यह भेल इलाके में निवास करते हैं। इस साल देश भर में आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है। अनिमेष प्रधान दूसरे और डोनुरु अनन्या रेड्डी तीसरे स्थान पर हैं। पीके सिद्धार्थ रामकुमार चौथे और रुहानी पांचवें स्थान पर हैं। टाप 10 में 5 लड़कियां हैं।  संघ लोक सेवा आयोग ने नियुक्ति के लिए कुल 1016 उम्मीदवारों की सिफारिश की है। इनमें 347 जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार, 115 ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवार, 303 ओबीसी, 165 एससी और 86 एसटी उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है। 355 अनुशंसित उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को अंतिम रखा गया है।  कुल 664 पुरुष और 352 महिलाओं का चयन किया गया है। यूपीएससी के मुताबिक अलग-अलग चरणों में आयोजित किए गए इंटरव्यू में कुल 2,800 से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। इस पूरी प्रक्रिया के उपरांत सिविल सर्विस (आईएएस, आईएफएस, आईपीएस व अन्य केंद्रीय पद) पर चयनित हुए उम्मीदवारों के नाम व रोल नंबर उनकी रैंक के हिसाब से जारी किए गए हैं।

पापा लग रहा कुछ ज्यादा हो गया... रिजल्ट देखने के बाद ऐसा था टॉपर आदित्य का रिएक्शन: यूपीएससी टॉप करने वाले आदित्य श्रीवास्तव लखनऊ के रहने वाले हैं। लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) से 12वीं तक शिक्षा ग्रहण की है। साल 2021 में आदित्य ने यूपीएससी में 485 रैंक हासिल की थी। आदित्य श्रीवास्तव अभी हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं, 2022 में उनका चयन आईपीएस में हुआ था। वह साढ़े पांच महीने की ट्रेनिंग कर चुके हैं। आदित्य श्रीवास्तव ने आईआईटी कानपुर से इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक की पढ़ाई करने के बाद डेढ़ साल तक बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य भी किया है। डेढ़ साल नौकरी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी की। आदित्य श्रीवास्तव ने घर पर रहते हुए सेल्फ स्टडी करते हुए उन्होंने सफलता हासिल की है।
आदित्य श्रीवास्तव की इस सफलता से उनके पिता अजय कुमार श्रीवास्तव और मां आभा श्रीवास्तव खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से उन्होंने अपने बेटे को आईएएस बनाने का सपना देखा था। वह सपना पूरा हो गया है आदित्य श्रीवास्तव के पिता आडिट ऑफिसर हैं। ऑल इंडिया में पहला रैंक पाने के बाद आदित्य ने फोन पर पिता से कहा कि पापा लग रहा है ज्यादा हो गया हैं।

1143 में से 180 बनेंगे आईएएस


सर्विस       जनरल     ईडब्ल्यूएस    ओबीसी    एससी    एसटी    कुल
आईएएस    73    17    49    27    14    180
आईएफएस    16    04    10    05    02    37
आईपीएस    80    20    55    32    13    200
सेंट्रल सर्विस ग्रुप ए    258    64    160    86    45    613
ग्रुप बी सर्विस    47    10    29    15    12    113
कुल             474    115    303    165    86    1143


नर्मदापुरम की पलक को 479वी, बैतूल के शुभम 556 रैंक पर

नर्मदापुरम की पलक गोयल ने 479वीं रैंक हासिल की है। वे कॉलोनाइजर नरेंद्र रंजना गोयल की बेटी हैं और एसपीएम से सेवानिवृत्त केके गोयल की पौत्री हैं। वहीं, बैतूल के शुभम रघुवंशी को 556 वीं रैंक मिली है। शुभम बैतूल जिले के मोरखा गांव के निवासी हैं। अधिवक्ता भोजराज रघुवंशी और शिक्षिका अनिता रघुवंशी के पुत्र शुभम ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मोरखा के शासकीय स्कूल में प्राप्त की। बैतूल के उत्कृष्ट स्कूल से कक्षा 12 वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई बीयू से करने के साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी।

दिल्ली में जाकर यूपीएससी की कोचिंग की। तीसरे प्रयास में शुभम ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए 556 वीं रैंक प्राप्त की है। गुना से दो युवाओं का इस परीक्षा में चयन हुआ है। सेजी के रहने वाले संदीप रघुवंशी को 277वीं रैंक और गुना शहर के ही रहने वाले मानव जैन मोदी को 634 रैंक मिली है। संदीप रघुवंशी के पिता महेंद्र रघुवंशी किसान हैं और मां जानकी बाई सरकारी शिक्षक हैं।
 

ये हैं प्रदेश के गौरव

अयान जैन, तेजस अग्निहोत्री , मन्या, आयुषी बंसल, आकाश अग्रवाल, मनोज कुमार,कुलदीप पटेल, सचिन गोयल, माधव अग्रवाल, समीर गोयल, रिजु श्रीवास्तव, अर्णव भंडारी, जिज्ञासु अग्रवाल,  क्षितिज आदित्य शर्मा, आदित्य दोहर, मैत्रेय कुमार शुक्ला, मानव जैन, साक्षी दुबे, प्रवाल चौरसिया, नितिन चंद्रोल, वैभव राठौर, नीरज धाकड़, अंकेश वर्मा, भारती साहू, नीलेश, चंद्रशेख मेहरा, नीरज संगारा।

आईएएस की बेटी छाया चौथे प्रयास में सफल

ग्वालियर की छाया सिंह के पिता छोटे सिंह अपर आयुक्त राजस्व ग्वालियर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि छाया लद्दाख टूर पर है। उसने अपने सिलेक्शन की सूचना लद्दाख से फोन से कॉल कर दी है। छाया सिंह ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में चौथे प्रयास में आईएएस बनने में सफलता पाई है। धार की माही शर्मा की 106 और सतना की काजल सिंह को 485वीं रैंक मिली है। काजल के पिता विजय सिंह सतना के कोलगवां पुलिस थाना में सब इंस्पेक्टर हैं। भोपाल के अर्णव भंडारी का भी यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ है। उनकी रैंक 232 है। इससे उनका आईपीएस बनना तय है। अर्णव के अनुसार उन्होंने यूपीएसएसी की फरवरी 2020 में पढ़ाई शुरू की थी। पिछले साल रिजर्व लिस्ट में थे और बाद में मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे के लिए सिलेक्शन हुआ था। 

संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी में भोपाल के युवाओं ने अपनी मेहनत और लगन से छू लिया आसमान

आल इंडिया रैंक 37 लाने वाले तेजस अग्निहोत्री कहते हैं कि मैं अपने दूसरे प्रयास में सफल हुआ। एमएससी मैथमेटिक्स से पोस्ट ग्रेज्युएशन करने वाले तेजस का कहना है कि मुझे लगता है कि सिविल सर्विस एक ऐसा माध्यम है, जिसमें आप अलग-अलग सेक्टर के लिए कुछ कर सकते हैं और यूपीएससी की प्रिपरेशन के लिए मैंने ऑप्शनल सब्जेक्ट में मैथमेटिक्स को ही लिया, क्योंकि मैं मैथ्स को हमेशा एक टूल की तरह देखता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि जिस सब्जेक्ट में आपकी पकड़ मजबूत है वहीं आपको सफलता दिलाता है। तेजस कहते हैं कि मेरी बहन आईपीएस है और पिता इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में हैं। ऐसे में मेरी शुरू से ही इच्छा थी कि मुझे भी इसी फील्ड में जाना है और इसके लिए मेरे परिवार का सपोर्ट काफी रहा है।

यूट्यूब पर ब्यूरोकेट्स के वीडियो देखकर हुआ इंस्पायर और ठान लिया, बनना है आईएएस

एआईआर 105 लाने वाले आकाश अग्रवाल कहते हैं कि मैं 2017 से प्रिपरेशन कर रहा था और यह मेरा पांचवां अटेम्प्ट है, तब जाकर मेरा चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुझे काफी धैर्य की जरूरत पड़ी, इसके साथ परिवार वालों ने भी काफी सपोर्ट दिया। उन्होंने बताया कि मेरे आॅप्शनल सब्जेक्ट्स पर मैंने काफी ध्यान दिया, जिसमें मैंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशनशिप को लिया। मैंने बीटेक किया है और जब यूट्यूब पर ब्यूरोकेट्स के वीडियो देखता था तो काफी इंस्पायर हुआ। एक ब्यूरोक्रेट का एटीट्यूड और उसकी कार्यशैली ने मुझे इतना प्रभावित किया कि मैंने इसी फील्ड में जाने की ठानी और आखिरकर मुझे सफलता मिली। मेरे परिवार ने हमेशा कहा कि घबराओ मत, हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं और उन्हीं के सपोर्ट की वजह से आज मैं यहां पर हूं। आकाश ने कहा कि सिविल सर्विसेस के लिए आपको पैशेंस के साथ साथ डेडिकेशन की भी जरुरत है।

दो सगे भाई समीर और सचिन का यूपीएससी में हुआ चयन

नाम: समीर गोयल AIR: 222 रैंक
सचिन गोयल AIR: 209 रैंक

भोपाल के दो सगे भाई समीर गोयल और सचिन गोयल का चयन भी यूपीएससी में हुआ। इनका कहना है कि हम 2020 से यूपीएससी प्रिपरेशन कर रहे हैं और अब सफल हुए। सचिन एम्स में डॉक्टर हैं, वहीं समीर आरबीआई में मैनेजर के पद पर हैं। दोनों ने अपने-अपने जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की प्रिपरेशन की और इसमें सिलेक्ट हुए। उन्होंने कहा कि सिविल सर्विसेस का क्षेत्र काफी डायरवर्सिटी लिए हुए है और जिसमें आप अपनी मनमुताबिक काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब हमनें यूपीएससी प्रिपरेशन का निर्णय लिया तो पैरेंट्स ने हमें सपोर्ट किया, साथ ही हमनें भी पूर्णत समर्पित भाव से पढ़ाई की और सफलता अर्जित की। सचिन कहते हैं जहां मेरा आॅप्शनल सब्जेक्ट मेडिकल साइंस था तो वहीं समीर का आॅप्शनल सब्जेक्ट सोशियोलॉजी था। सचिन और समीर के पिता पापा एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं तो वही मम्मी चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं।

सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेट के पद पर पहले हो चुका है चयन

65वीं रैंक हासिल करने वाली भोपाल की छाया के पिता छोटे सिंह अपर आयुक्त राजस्व ग्वालियर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया छाया लद्दाख टूर पर है। छाया सिंह ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में चौथे प्रयास में आईएएस बनने में सफलता पाई है। पिता का कहना है कि छाया ने सीएसई 2021 क्लियर किया था और 288वीं रैंक पाई थी, तब सिलेक्शन आईडीएएस में हुआ था। इसके पहले यूपीएससी से सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेट के पद पर सिलेक्ट हुई थी। वर्ष 2020 में वे महिला और बाल विकास अधिकारी के पद पर भी चयनित हो चुकी हैं।छाया ने पंजाब के पटियाला से पांच वर्षीय बीएएलएलबी का कोर्स क्लैट के माध्यम से किया है।

हादसे के बाद सिविल सर्विस की तैयारियां शुरू की

232वीं रैैंक प्राप्त करने वाले अर्णव भंडारी ने निफ्ट से ग्रेजुएशन किया है।  फैमिली बिजनेस संभालने वाले अर्णव ने बताया कि एक हादसे के बाद मैैंने सिविल सर्विस के लिए तैयार करना शुुरू किया था। नहीं, ये ब्रेकअप की कहानी नहीं बल्कि सच में एक एक्सीडेंट हो गया था। अर्णव बताते हैैं कि निफ्ट से ग्र्रेजुएशन के बाद मुझे रेमंड्स में जॉब का ऑफर था, लेकिन उसे रिजेक्ट कर मैैं अपनी दादी के ‘पिकनिक रेस्टोरेंट को संभालने वापस भोपाल आया। मुंबई से वापस आने के एक साल बाद मेरा एक्सीडेंट हो गया और करीब दो महीने के लिए बेड रेस्ट करने को कहा गया। इस दौरान मैैंने एनसीईआरटी की पढ़ाई शुरु की। जब देश की समस्याओं को जाना तो लगा कि यदि फैमिली बिजनेस करुंगा तो शायद अगली जनरेशन में भी खत्म हो जाएगा, लेकिन यदि देश की सेवा करुंगा तो वो हमेशा रहेगी। एक्सीडेंट से रिकवरी के बाद मैैंने वापस रेस्टोरेंट को संभाला और वहां रहते हुए पढ़ाई किया करता था। सुबह 6 से 11 घर में पढ़ता था, और बाकि रेस्टोरेंट के एक सेपरेट रुम में पढ़ता था। पद्म भंडारी, मीडिया से जुड़े हैैं। बिजनेस डॉक्टर हैैं। नीता भंडारी  लखनऊ में ट्रेनिंग चल रही है। 

 

 


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