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दमोह लोकसभा : इस सीट पर कांग्रेस के दो पूर्व विधायक आमने-सामने, फंस गई भाजपा?

दमोह लोकसभा : इस सीट पर कांग्रेस के दो पूर्व विधायक आमने-सामने, फंस गई भाजपा?

दमोह लोकसभा : मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों ने अपनी​ विसात बिछाना शुरू कर दिया है। बीजेपी प्रदेश कांग्रेस में लगातार सेंधमारी कर कांग्रेस को कमजोर करने की भरपूर कोशिश कर रही है। तो वही बीजेपी एक जगह से कांग्रेस के पूर्व विधायक को टिकट देकर फंसती नजर आ रही है। वही कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। हम बात कर रहे है दमोह लोकसभा की, यहां से बीजेपी और कांग्रेस ने पूर्व विधायकों पर भरोसा जताया है। 

दामोह में रोचक मुकाबला

बीजेपी ने दमोह लोकसभा से कांग्रेस में रहे पूर्व विधायक राहुल लोधी को उम्मीदवार बनाया है तो वही कांग्रेस ने पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है। तंवर सिंह लोधी बंडा से कांग्रेस से विधायक रहे है। वही राहुल लोधी कांग्रेस में थे, लेकिन 2020 में सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद वह भी बीजेपी में आ गए थे। जिसके बाद उन्होंने उपचुनाव लड़ा था, लेकिन उनको बुरी हार का समाना करना पड़ा था। 

दोनों प्रत्याशी रिश्तेदार?

बताया जाता है कि तंवर सिंह लोधी और राहुल लोधी आपस में रिश्तेदार है। दोनों एक समय कांग्रेस की राजनीति करते थे। दोनों नेताओं का क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है। राहुल लोधी कांग्रेस से विधायक चुनने के बाद बीजेपी में आ गए थे, उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राहुल लोधी ने अपनी हार का ठिकरा पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे पर फोड़ा था। इसके बाद भाजपा ने मलैया के बेटे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालंकि वह फिर से बीजेपी में आ गए है। माना जा रहा है कि जयंत मलैया और राहुल लोधी के बीच पूर्व की तरह वर्चस्व की लड़ाई देखी जा सकती है? जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है। 

क्या बीजेपी को होगा नुकसान?

बताया जाता है कि जयंत मलैया और उनके समर्थक राहुल लोधी का समर्थन नहीं करते है। जयंत मलैया दमोह लोकसभा के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते है। बीजेपी ने दमोह लोकसभा से राहुल लोधी को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में बीजेपी के सामने मुसीबते खड़ी हो सकती है। वही तंवर सिंह लोधी एक प्रतिष्ठ नेता माने जाते है। दोनों प्रत्याशी आपस में रिश्तेदार है। ऐसे में बीजेपी को यहां से नुकसान उठाना पड़ा सकता है। 

दोमाह का जातिगत समीकरण

दरसअल, दमोह लोकसभा सीट लोधी बाहुल्य सीट है। लोधी, कुर्मी यहां 22 प्रतिशत से अधिक है। वही जैन, वैश्य वर्ग के 7 प्रतिशत वोटर हैं। वही ब्राहमण-राजपूत 10, आदिवासी 9.6, यादव 5.7 प्रतिशत वोटर है। राजनैतिक दल यहां से ज्यादातर लोधी वर्ग को ही प्रत्याशी बनाते आए है। इसी को लेकर माना जा रहा है कि राहुल लोधी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास तंवर सिंह लोधी के अलावा कोई अच्छा विकल्प नहीं था। कुल मिलाकर दामोह लोकसभा से दो पूर्व विधायक चुनावी रण में आमने सामने होंगे। 


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