होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

LOKSABHA ELECTION : राहुल और अखिलेश ने लगाये आरोप, प्रथम चरण के मतदान से पहले मुद्दे

LOKSABHA ELECTION : राहुल और अखिलेश ने लगाये आरोप, प्रथम चरण के मतदान से पहले मुद्दे

गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव (Election) के प्रथम चरण (Step) मतदान (Voting) से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इंड़ी गठबंधन (Indi Alliance) में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साझा प्रेसवार्ता (Press Confrence) की। इस दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ नजर आये। दोनों की राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनाव के मुद्दे को लेकर अपनी अपनी बात रखी।

उत्तर प्रदेश के अमेठी और रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के सवाल पर  कांग्रेस नेता ने इसे भाजपा वाला सवाल कहते हुए कहा कि मुझे जो भी आदेश मिलेगा मैं उसका पालन करूंगा। राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी में ये सभी निर्णय CEC द्वारा लिए जाते हैं।

नाम क्यों छुपाए

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का लंबा इंटरव्यू स्क्रिप्टेड था, लेकिन यह फ्लॉप शो था। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसमें चुनावी बांड को समझाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री कहते हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था पारदर्शिता के लिए, राजनीति को साफ करने के लिए लाया गया। अगर ये सच है तो सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यवस्था को क्यों रद्द कर दिया और दूसरी बात अगर आप पारदर्शिता लाना चाहते थे तो आपने भाजपा को पैसा देने वालों के नाम क्यों छुपाए।

मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कांग्रेसी नेता ने कहा कि आपने उन तारीखों को क्यों छुपाया जिस दिन उन्होंने आपको पैसे दिए थे। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। भारत के सभी कारोबारी इस बात को समझते और जानते हैं और प्रधानमंत्री चाहे कितनी भी सफाई दे दें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं। कांग्रेसी नेता ने कहा कि चुनाव में 2-3 बड़े मुद्दे हैं। बेरोजगारी सबसे बड़ी है और महंगाई दूसरी सबसे बड़ी है, लेकिन बीजेपी ध्यान भटकाने में लगी है। इस दौरान सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की हर बात झूठी निकली उनके वादे झूठे निकले, ना किसान की आय दोगुनी हुई ना नौजवानों को रोजगार मिला। विकास के जो सपने दिखाए थे वे भी अधूरे हैं। इनका जो नैतिकता का बुलबुला था वे भी टूट गया। चुनावी बॉन्ड ने इनका बैंड बजा दिया। 
 


संबंधित समाचार