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छत्तीसगढ़ : निगम-मंडलों में नियुक्तियों पर पीसीसी चीफ का ताजा बयान, कहा-संतुष्ट हो जाएंगे कार्यकर्ता

छत्तीसगढ़ : निगम-मंडलों में नियुक्तियों पर पीसीसी चीफ का ताजा बयान, कहा-संतुष्ट हो जाएंगे कार्यकर्ता

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर कहा कि संगठन जमीनी स्तर पर खड़ा करने और मजबूती प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। आने वाले समय में संगठन को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करते रहेंगे। मरकाम से सोमवार को एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 'हरिभूमि-आईएनएच' के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से हुई बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।

मोहन मरकाम : राहुल गांधीजी ने एक साल पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बागडोर सौंपी थी। सरकार बनने के बाद राज्य में दो उपचुनाव हुए, इनमें दंतेवाड़ा, चित्रकोट विधानसभा चुनाव में हमने जीत हासिल की। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी को सफलता मिली। दंतेवाड़ा चुनाव, जहां पर कांग्रेस को जीत असंभव लग रही थी, वहां सहानूभूति की लहर थी, फिर भी पार्टी वहां पर जीती। वहीं शहरों में जहां पर भाजपा का वर्चस्व रहा, ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव को जीतना भी कांग्रेस के लिए बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 2013 में भूपेश बघेल को कांग्रेस की बागडोर सौंपी गई थी। उन्होंने पार्टी को नीचे से ऊपर तक पहुंचाया। विधानसभा चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं में हताशा थी। प्रदेश कांग्रेस को अपने जुझारूपन के कारण श्री बघेल ने आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ली। पदयात्रा और अन्य आंदोलनों में हमेशा उनके साथ रहा, उनके कार्यों से मुझे सीख मिली। उसी को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा हूं। सरकार आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष को बौना समझा जाता है। संगठन का रोल होता है कि उसे जमीनी स्तर पर खड़ा किया जाए, उसे और मजबूती प्रदान करने का काम कर रहा हूं।

मोहन मरकाम : सत्ता और संगठन में तालमेल के कारण ही हमने चुनाव जीते। सरकार की नीतियों का परिणाम है कि राज्य में जनता का विश्वास हासिल हुआ और विधानसभा उपचुनाव से लेकर पंचायतों तक के चुनाव में जीत मिली। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। नीति आयोग भी राज्य सरकार की तारीफ कर रहा है। यह सत्ता और संगठन के बीच समन्वय के कारण ही संभव हो पाया है।

मोहन मरकाम : कांग्रेस पार्टी अपने 36 वादों के साथ चुनाव में उतरी थी। सरकार बनने के बाद हमने अब तक 22 वादे पूरे किए हैं। 11 हजार करोड़ रुपए किसानों का कर्जा माफ किया है। 85 लाख मीट्रिक टन धान, 20 हजार करोड़ रुपए की खरीदी की गई। 206 करोड़ रुपए के किसानों के बिजली बिल माफ किए गए। वनोपज का मूल्य आदिवासियों को दिया गया। इमली 31 रुपए और महुआ 30 रुपए किलो में खरीदा जा रहा है। हमने जो कहा, वो पूरा किया। विश्वास और विकास का एजेंडा राज्य में लागू कर सभी तरह की सुविधाएं जनता को दे रहे हैं।

मोहन मरकाम : संगठन की जिम्मेदारी है कि जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें। हमने जब अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था, तभी कहा था कि जनता की अपेक्षाओं पर जो खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें आईना दिखाया जाएगा। एसपी भी जनता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे, इसलिए हमने उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। जांच के बाद शिकायत सही पाई गई, इसलिए एसपी को हटाया गया है।

मोहन मरकाम : एक साल में हमने प्रदेश में जहां पर जिला कांग्रेस कार्यालय नहीं हैं, वहां पर जिला कार्यालय बनाने की योजना तैयार की है। 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 22 जिलों के कांग्रेस कार्यालय का भूमिपूजन करेंगे। आने वाले तीन वर्षों में भवन बनकर तैयार हो जाए, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। निगम, मंडल, आयोग में नियुक्ति जल्द की जाएगी। इसमें देर हुई है, पर कांग्रेस के कार्यकर्ता जानते हैं कि उनको उनकी मेहनत का फल मिलेगा। सूची तैयार हो रही है, जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा कार्य कर रही है।

मोहन मरकाम : भाजपा जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी, इसलिए 14 सीटों पर ही सिमट गई है। उनके कार्यकाल में कई घोटाले उजागर हुए। भाजपा के नेता जनता की सुविधा छोड़ अपना घर भरने में लगे रहे। यहां के संसाधनों का दुरुपयोग करते रहे, इसलिए बाहर का रास्ता उन्हें दिखाया। भाजपा नेताओं में सत्ता जाने के बाद फूट पड़ गई है। एक दूसरे को कोर्ट स्वीकार नहीं कर पा रहा है। भाजपा तितर-बितर हो गई है। विपक्ष को इस पर क्या करना चाहिए। मरकाम ने कहा कि उन्हें जनता की सुविधाओं के अनुसार सरकार की नाकामियों को जनता के सामने लाना चाहिए।

मोहन मरकाम : कांग्रेस 135 साल पुरानी पार्टी है। आने वाले समय में वह अपना इतिहास दोहराएगी। भाजपा ने पिछले कार्यकाल और इस कार्यकाल में प्रोपेगंडा फैलाया। मंहगाई कम करने का वादा किया, लेकिन मंहगाई बढ़ती गई। जनता को परेशान और निराश किया। देश में आज नेपाल, चीन, भूटान और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव है। एक समय था, जब भाजपा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कहती थी कि पाकिस्तान को लव लेटर लिखना छोड़ सीधे आक्रमण करो। अब सीमा पर उनकी सरकार आक्रमण नहीं कर पा रही है। देश की सरहद सुरक्षित नहीं है।


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