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सफल शिक्षण और अनुभव साझा करने के लिए मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन प्रोजेक्ट वर्कशॉप का आयोजन

सफल शिक्षण और अनुभव साझा करने के लिए मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन प्रोजेक्ट वर्कशॉप का आयोजन


भोपाल। मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन प्रोजेक्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से सफल शिक्षण और अनुभव साझा करने के लिए एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की उपस्थिति में आयोजित किए गए इस इवेंट के दौरान, उन्होंने कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया, जिसमें इस प्रोजेक्ट की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चैंपियंस की कहानी को आकर्षक फोटोज़ के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। वर्कशॉप के दौरान प्रोजेक्ट और इसके स्थानीय भागीदारों, जैसे- एमपीवीएचए, आसरा, हेल्पएज इंडिया और टीसीआई फाउंडेशन के अमूल्य योगदान के लिए विशेष आभार व्यक्त किया गया।

अमूल्य अनुभव साझा किए

इस एक्सपीरियंस शेयरिंग इवेंट में  नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम)  मिशन डायरेक्टर प्रियंका दास  इम्यूनाइज़ेशन डायरेक्टर डॉ. संतोष शुक्ला, एनएचएम और राज्य सरकार के कई सम्मानित अधिकारियों सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति दर्ज की गई। इस प्रोजेक्ट से प्रत्यक्ष रूप से लाभ लेने वाले व्यक्तियों और समुदाय के प्रभावशाली सदस्यों ने अपने अमूल्य अनुभव साझा किए।

प्रियंका दास, मिशन डायरेक्टर, एनएचएम, मध्य प्रदेश, ने कहा, "वैश्विक महामारी ने बेशक दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया है, लेकिन हाशिए पर रहने वाले समुदाय इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही, वैक्सीन लेने के बाद किस तरह के प्रभाव सामने आएँगे, यह भी स्पष्ट नहीं था, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन के प्रति काफी हिचकिचाहट थी, जो कि एक बहुत बड़ी चुनौती थी। 


इससे निपटने के लिए राज्य की टीमों ने स्थानीय समुदाय के सदस्यों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई और इन समूहों के बीच अधिकतम पहुँच स्थापित करने के उद्देश्य से समुदायों की महिला लीडर्स की पहचान की। 


वैक्सीन चैंपियंस के रूप में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्तनपान कराने वाली माताओं ने घर-घर जाकर वैक्सीनेशन के बारे में गलत धारणाओं और अफवाहों को दूर करते हुए इसके लाभों से लोगों को अवगत कराया।" 


मध्य प्रदेश राज्य सरकार के सहयोगात्मक प्रयासों और इस प्रोजेक्ट पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. संतोष शुक्ला, स्टेट इम्यूनाइज़ेशन ऑफिसर, मध्य प्रदेश, ने कहा, "मध्य प्रदेश में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में इसे गति देने वाले व्यक्तियों का समर्पण उल्लेखनीय है, जिन्होंने सीमाओं से परे जाकर सबसे अधिक जोखिम और कम सेवा वाले समुदायों को वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराया। साथ मिलकर इस प्रयास को गति देने के रूप में, इस प्रोजेक्ट के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार ने साथिया वॉलंटियर्स की पहचान की। 

इन साथिया वॉलंटियर्स में 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों को शामिल किया गया, जो न सिर्फ वैक्सीनेशन के बारे में सकारात्मक संदेश फैला रहे हैं, बल्कि विशेष रूप से राज्य के जनजातीय समूहों के बीच वैक्सीनेशन के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य भी कर रहे हैं।"


डॉ. जी. के. सोनी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइजेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी प्रोजेक्ट, ने कहा, "यह पहल काफी कारगर है। इसके माध्यम से, हम मध्य प्रदेश में कमजोर आबादी का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 वैक्सीनेशन में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने में सक्षम रहे हैं। यह प्रोजेक्ट इनोवेटिव स्ट्रेटेजीस और कम्युनिटी इंगेजमेंट के प्रयासों से लाभ लेकर, एक टिकाऊ, बेहतर और समावेशी वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह भविष्य में उन समुदायों को लाभान्वित करना जारी रखेगा, जिनकी हम सेवा करते हैं। कोविड-19 वैक्सीनेशन पर राज्य सरकार के प्रयासों को पूरा करने का अवसर प्रदान करने के लिए हम मध्य प्रदेश राज्य सरकार और यूएसएआईडी के आभारी हैं।"


यह प्रोजेक्ट, स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों, जैसे- मध्य प्रदेश वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन, आसरा, टीसीआई फाउंडेशन और हेल्पएज इंडिया के साथ मिलकर कार्य कर रहा है, ताकि लक्षित समूहों के बीच वैक्सीन को लेकर विश्वास बढ़ाया जा सके। इस प्रोजेक्ट ने बुजुर्ग समुदाय के बीच प्रचलित वैक्सीनेशन संबंधी मिथकों को भी सुलझाया। साथ ही, कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन के प्रभाव में विश्वास को बढ़ावा देने वाली लक्षित स्ट्रेटेजीस के माध्यम से गंभीर दुष्प्रभावों संबंधी चिंताओं को दूर किया गया।


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