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Loksabha Election 2024  : संसाधन के बावजूद आखिर क्यों नहीं पड़ा बस्तर के इस गांव में एक भी वोट? पढ़ें पूरी खबर...

Loksabha Election 2024  : संसाधन के बावजूद आखिर क्यों नहीं पड़ा बस्तर के इस गांव में एक भी वोट? पढ़ें पूरी खबर...

सुकमा। Loksabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का आगाज आज 19 अप्रैल से हो चुका है। सबसे बड़े लोकतंत्र में पहले चरण के लिए लोकसभा की 102 सीटों पर आज मतदान हुआ है। छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां पर नक्सल प्रभावित सीट बस्तर में मतदान संपन्न हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच बस्तर लोकसभा के सुदूर क्षेत्रों में मतदान कराया गया।  इस लोकसभा में शांतिपूर्ण मतदान कराने सुरक्षाबलों की 300 कंपनियां लगाई गयी थी जिसमें करीब 60 हजार जवान शामिल हैं, लेकिन इतनी सुरक्षा के बीच भी बस्तर लोकसभा के एक गांव में एक भी मतदाता पोलिंग बूथ पहुँच कर मतदान नहीं किये। आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी की बूथ को सुरक्षाबलों द्वारा तमाम सुरक्षा उपाय किये गए थे। वोट डालने के लिए मतदान केंद्र में भी सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गयी थी बावजूद इसके यहां मतदान करने के लिए एक भी ग्रामीण आगे नहीं आये। 

Loksabha Election 2024 : यह गांव है बस्तर लोकसभा सीट में आने वाले पूवर्ती का जो सुकमा जिले में स्थित है और यह खूंखार नक्सली हिड़मा का गांव है। नक्सल प्रभावित इलाके के लिहाज से यह पूरा क्षेत्र अतिसंवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। आपको बता दें की बस्तर लोकसभा में शाम 5 बजे तक 63.04 प्रतिशत मतदान हुआ है। लेकिन पूवर्ती में एक भी मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया। गांव में दिभर सन्नाटा पसरा रहा। 

वोट देने वालों की काटी उंगली :

Loksabha Election 2024 : जानकारी अनुसार हिड़मा के गांव पूवर्ती में 547 मतदाता है लेकिन किसी ने भी मतदान नहीं किया।  जिला प्रशासन द्वारा पूवर्ती के पोलिंग बूथ को अतिसंवेदनशील मानते हुए सिलगेर शिफ्ट किया गया था लेकिन शिफ्ट होने के बावजूद किसी ग्रामीण ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।  गौरतलब है की 3 दशक पूर्व इलाके में मतदान किया जाता था लेकिन नक्सलियों ने मतदान का विरोध करते हुए वोट देने वाले ग्रामीणों की उँगलियाँ ही काट दी जिसके बाद से कोई भी ग्रामीण अब वोट नहीं देता है। पूवर्ती में कुछ दिनों पहले सुरक्षाबलों द्वारा कैम्प स्थापित किया गया था जिसका नक्सलियों ने पूर्ण रूप से विरोध किया था। इलाके की संवेदनशीलता के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने मतदान के बाद यहां के वोटरों के ऊँगली में श्याही नहीं लगाने के निर्देश भी दिए थे इसके बावजूद भी बस्तर लोकसभा में आने वाले इस गांव के वोटरों ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया। 


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