होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
अध्यात्म
मनोरंजन
सेहत
जॉब अलर्ट
जरा हटके
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

Karnataka Politics: नाश्ते की कूटनीति! DK के भाइयों ने किया स्वागत, सुरेश ने छुए सिद्धारमैया के पैर क्या बदलेगा CM ...

Karnataka Politics: नाश्ते की कूटनीति! DK के भाइयों ने किया स्वागत, सुरेश ने छुए सिद्धारमैया के पैर क्या बदलेगा CM ...

Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति मंगलवार 2 दिसंबर को उस समय फिर सुर्खियों में आ गई, जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के आवास पर विशेष ब्रेकफास्ट मीट के लिए पहुंचे। उनकी एंट्री के दौरान DK भाइयों ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया। जबकि डी.के. सुरेश ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पैर छूकर सम्मान जताया। इस मुलाकात के दौरान कुनिगल विधायक डॉ. रंगनाथ भी मौजूद रहे।

राहुल-खड़गे करेंगे CM बदलाव का फैसला:

आलाकमान का संदेश साफ है, CM बदलाव का फैसला सिर्फ राहुल गांधी और खरगे करेंगे। ब्रेकफास्ट मीट से ठीक पहले कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलाव को लेकर अभी तक कोई निर्देश नहीं दिया गया है। कांग्रेस हाईकमान ने दोनों नेताओं से कहा है कि वे आपसी मतभेद दूर कर सामंजस्य के साथ काम करें।

शिवकुमार के घर तैयार हुआ नाश्ते:

मुख्यमंत्री के लिए जो नाश्ता तैयार किया गया था, वह पूरी तरह शिवकुमार के घर पर ही पकाया गया। मेन्यू में दक्षिण भारतीय स्वाद इडली, डोसा, उपमा, नाटी चिकन, कॉफी शामिल थे। यह व्यंजन-परोसा केवल मेल-मिलाप का संदेश ही नहीं बल्कि राजनीतिक सौहार्द की झलक भी था।

तीन दिन पहले भी हुई थी मीटिंग: 

जानकारी के मुताबिक इस मुलाकात को “सौहार्द यात्रा” के रूप में पेश किया जा रहा है। शिवकुमार कुछ दिन पहले इसी तरह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर नाश्ते के लिए पहुंचे थे। शिवकुमार ने कहा वे और सीएम एक टीम की तरह काम कर रहे हैं, कर्नाटक में किए गए वादों को पूरा करने को लेकर मिलकर प्रयास जारी रहेंगे। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं, मीडिया भ्रम पैदा कर रहा है। नेतृत्व पर फैसला आलाकमान ही करेगा।

बेलगावी सत्र से पहले तनाव कम करने की कोशिश:

इस मुलाकात को कांग्रेस हाईकमान द्वारा दोनों नेताओं के बीच बढ़ती खींचतान को शांत करने की रणनीति माना जा रहा है। राजनीतिक संकेत साफ हैं किसिद्धारमैया फिलहाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे, खासतौर पर 8 दिसंबर से शुरू होने वाले बेलगावी विधानसभा सत्र से पहले कोई बड़ा राजनीतिक बदलाव की संभावना कम दिख रही है।


संबंधित समाचार