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Indrakshi Shakti Peeth: देवी सती की पायल गिरने वाला शक्तिपीठ, जहाँ राम और इंद्र ने की थी पूजा...

Indrakshi Shakti Peeth: देवी सती की पायल गिरने वाला शक्तिपीठ, जहाँ राम और इंद्र ने की थी पूजा...

52 Shakti Peethas 46 Indrakshi Shakti Peeth: श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र जाफना में स्थित इन्द्राक्षी शक्तिपीठ 52 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब राजा दक्ष यज्ञ के दौरान सती का अपमान हुआ और भगवान शिव ने तांडव किया, तब सती के शरीर के विभिन्न अंग पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे। इन्हीं स्थानों पर शक्तिपीठ:स्थापित हुए। जाफना के नल्लूर क्षेत्र में स्थित इस पवित्र स्थल पर देवी सती की पायल गिरने का उल्लेख मिलता है।

शक्ति – इन्द्राक्षी और भैरव – राक्षसेश्वर:

इस शक्तिपीठ में देवी को ‘इन्द्राक्षी’ और भैरव रूप को ‘राक्षसेश्वर’ के नाम से पूजा जाता है। स्थानीय मान्यता है कि यह स्थान प्राचीन काल से ही तपस्वियों और साधकों का साधना स्थल रहा है।

भगवान राम और इंद्र की उपासना से जुड़ा इतिहास:

धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान राम ने लंका विजय से पहले और बाद में यहाँ पूजा की थी। देवताओं के राजा इंद्र ने भी यहाँ तप किया था और देवी की कृपा प्राप्त की थी। इस कारण यह शक्तिपीठ देव और मानव दोनों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है।

सूर्य मंत्रों की सिद्धि का पावन स्थान:

इन्द्राक्षी शक्तिपीठ को सूर्य मंत्रों की सिद्धि के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। कई साधक यहाँ विशेष पूजा, आराधना और अनुष्ठान करते हैं। माना जाता है कि यहाँ की ऊर्जा सूर्य शक्ति से जुड़ी हुई है, जो साधना को अत्यंत सफल बनाती है।

नागपूशनी अम्मन मंदिर से भी जुड़ाव:

कुछ ऐतिहासिक और धार्मिक स्रोत इसे श्रीलंका के ही नैनातिवु (Nainativu) स्थित नागपूशनी अम्मन मंदिर से भी जोड़ते हैं। कई विद्वानों का मानना है कि यह मंदिर भी सती के पायल गिरने वाले स्थान के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। हालाँकि, लोकप्रिय मान्यता जाफना के नल्लूर स्थित धाम को ही इन्द्राक्षी शक्तिपीठ के रूप में स्वीकार करती है।

52 शक्तिपीठों में विशेष स्थान:

इन्द्राक्षी शक्तिपीठ 52 शक्तिपीठों की व्यापक सूची में प्रमुख स्थान रखता है, और दक्षिण एशिया में माँ दुर्गा के उपासक इसे अत्यंत पवित्र तीर्थ मानते हैं। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहाँ पहुँचकर देवी के दर्शन करते हैं और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। श्रीलंका का इन्द्राक्षी शक्तिपीठ न केवल एक धार्मिक धरोहर है, बल्कि इतिहास, पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिक ऊर्जा का दुर्लभ संगम भी है। देवी सती की पायल का यहाँ गिरना, भगवान राम और इंद्र द्वारा की गई पूजा, और सूर्य मंत्रों की सिद्धि इसे एक दिव्य शक्ति-स्थल बनाते हैं।


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