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Good Friday : क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें यीशु के बलिदान की कहानी

Good Friday : क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें यीशु के बलिदान की कहानी

Good Friday : गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, ईसाई धर्म के लोग प्रभु यीशू के सूली पर चढ़ने और बलिदान को याद करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, यह वही दिन है जब यहूदी शासकों ने यीशू को यातनाएं देकर सूली पर चढ़ा दिया था।

बलिदान का प्रतीक

हालांकि यह एक शोक दिवस है, लेकिन इसे "गुड" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यीशू ने मानव जाति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने साहस का परिचय दिया और समाज के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। यीशू के इस बलिदान को ईसाई धर्म में प्रेम और क्षमा का प्रतीक माना जाता है।

इतिहास

गुड फ्राइडे का इतिहास 2005 साल पुराना माना जाता है। जब यीशू यरुशलम में रहकर मानवता के कल्याण के लिए भाईचारे, एकता और शांति का संदेश दे रहे थे। उनकी बातों से लोग बहुत प्रभावित थे। यह बात यहूदी शासकों को पसंद नहीं आई और उन्होंने यीशू पर राजद्रोह का मुकदमा चलाकर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया।

मनाने का तरीका

गुड फ्राइडे को शांति और शोक के साथ मनाया जाता है। इस दिन चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं और मोमबत्तियां नहीं जलाई जाती हैं। लोग काले कपड़े पहनकर चर्च जाते हैं और शोक सभाएं आयोजित करते हैं। कुछ लोग व्रत भी करते हैं और बाइबिल का पाठ करते हैं।

महत्व

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों के लिए आत्म-विश्लेषण और पश्चाताप का समय होता है। इस दिन लोग पापों के लिए क्षमा मांगते हैं और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। यह बलिदान, प्रेम और क्षमा का त्योहार है, जो लोगों को सद्भावना और मानवता का संदेश देता है।


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