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SATNA NEWS : बड़ी खबर ! ब्लड बैंक की लापरवाही का शिकार हुए चार मासूम बच्चे, हुए HIV पॉजिटिव, मचा हड़कप

SATNA NEWS : बड़ी खबर ! ब्लड बैंक की लापरवाही का शिकार हुए चार मासूम बच्चे, हुए HIV पॉजिटिव, मचा हड़कप

सतना : मध्य प्रदेश के सतना से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां ब्लड बैंक की लापरवाही के चलते चार मासूम बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए। सभी बच्चे थैलेसीमिया के मरीज है। जिन्हे खून बिना जांच किये चढ़ा दिए गए। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में जहां हड़कप मच गया है। तो वही अभी तक अधिकारियों ने जिम्मेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

मामला सतना जिला अस्पताल का 

यह लापरवाही भरा मामला सतना जिला अस्पताल से सामने आया है। जहां  8 से 11 साल के बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। मामला चार महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसका खुलासा अब हुआ है। इधर, मामले में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मंगाई है। इस बात की भी जांच कराई जा रही है कि बच्चों को सरकारी अस्पताल के अलावा और कहीं ब्लड ट्रांसफ्यूजन तो नहीं किया गया है।

डोनर ट्रेसिंग की प्रक्रिया शुरू 

सूत्रों के अनुसार, जिला अस्पताल के अलावा बिरला अस्पताल, रीवा और प्रदेश के अन्य स्थानों से भी बच्चों के लिए रक्त लिया गया था, जिससे यह स्पष्ट करना और कठिन हो गया है कि संक्रमण किस यूनिट से फैला। मामला सामने आने के बाद तय प्रोटोकॉल के तहत रक्तदाताओं की श्रृंखला (डोनर ट्रेसिंग) की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अब तक सभी डोनरों को चिन्हित नहीं किया जा सका है।

डॉक्टर ने कहा पहले बच्चें HIV निगेटिव थे बाद में पॉजिटिव हुए

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का बार-बार ट्रांसफ्यूजन होता है, ऐसे में उनमें संक्रमण का जोखिम अधिक रहता है। बच्चों की नियमित जांच के दौरान यह सामने आया कि वे पहले एचआईवी निगेटिव थे और बाद में पॉजिटिव हुए। डॉक्टर ने बताया कि पहले रैपिड टेस्ट किट से जांच होती थी, जबकि अब एलाइजा विधि से जांच की जाती है, जिससे एंटीबॉडी का बेहतर तरीके से पता चलता है।

प्रशासन की गलती से बच्चे हुए संक्रमित 

हालांकि एलाइजा टेस्ट में भी 20 से 90 दिन की विंडो पीरियड की सीमा होती है, जिसके कारण शुरुआती संक्रमण पकड़ में नहीं आ पाता। डॉ. पटेल के अनुसार बच्चों के माता-पिता की जांच की गई है और वे एचआईवी निगेटिव पाए गए हैं। फिलहाल डोनरों की पहचान और जांच की प्रक्रिया जारी है। वही बच्चों के परिजनों का कहना है कि प्रशासन की गलती की वजह से हमारी बच्ची को एचआईवी संक्रमण हुआ।


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