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FRAUD : फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड का मास्टरमाइंड पकड़ाया, यूट्यूब से सीखा वेबसाइट बनाना

FRAUD : फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड का मास्टरमाइंड पकड़ाया, यूट्यूब से सीखा वेबसाइट बनाना

भोपाल। एमपी साइबर सेल ने एक बड़ा खुलासा किया है। देशभर में लोकसभा चुनावों को लिए तैयारियां की जा रही हैं। वहीं कई जगहों पर फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। जिनके बारे में चुनाव आयोग को शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने पर आयोग द्वारा इस बारे में एमपी के भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को सूचित किया गया। सूचना के बाद की गई कार्रवाई में पुलिस ने बिहार से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जो मात्र 20 रुपए में ही वोटर आईडी बना रहा था। इसने ये काम करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थी। जिससे पूरे देश में करीब 28 हजार फर्जी वोटर कार्ड और आधार कार्ड बना चुका है। पुलिस ने आरोपी को केवल दो सप्ताह में ही गिरफ्त में ले लिया है। 

आरोपी को बिहार से किया गिरफ्तार 

लोकसभा चुनाव के पहले एमपी की रज्य सायबर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जिसमें पुलिस ने बताया है कि एक व्यक्ति द्वारा देश में फर्जी वोटर आईडी और फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इस बात की जानकारी साइबर पुलिस को निर्वाचन आयोग ने दी थी। जिसपर कार्रवाई करते हुए साइबर पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की। इसमें सामने आया कि इस सारे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बिहार के पूर्वी चंपारण में जाकर बैठा हुआ है। जो लोगों को फर्जी दस्तावेज बना रहा है। आरोपी का नाम रंजन पिता अशोक चौबे बताया जा रहा है, जो अभी केवल 20 साल का ही है। ये सोनवर्षा, थाना हरसिद्धि, जिला पूर्वी चंपारण बिहार में रहा करता था। पुलिस ने इस आरोपी को चिन्हित करके दो सप्ताह में ही आरोपी को गिरप्तार कर लिया है। 

यूट्यूब से सीखा वेबसाइट बनाना

मामले में आरोपी रंजन के बारे में बताया जा रहा है कि ये मात्र 10वीं उत्तीर्ण था। उसने वेबसाइट बनाने का पूरा काम यू-ट्यूब के माध्यम से सीखा। उसने ऑनलाइन सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपए प्राप्त करने लगा। उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम और एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बना लिया। वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपी ने विदेश की एक कंपनी से डोमेन खरीदा। टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की। साथ ही ये भी बताया गया है कि आरोपी हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था। 

किसी का भी लगा सकते थे फोटो और दस्तावेज 

मामले में बताया जा रहा है कि आरोपी ‌द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अन्य का फोटो, नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर सकता था। इसके जरिए फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड  बनाए जा रहे थे। इसके लिए कोई भी क्यूआर कोड के माध्यम से मात्र 20 रुपए का भुगतान कर फर्जी आईडी प्राप्त कर सकता था या फिर उसे मूल आईडी के रूप में भी उपयोग कर सकता था। उन्होंने बताया कि इस फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं। साथ ही आरोपी नवंबर से अब तक इस वेबसाइट के माध्यम से 3 लाख रुपए ठग चुका है।
 


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