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Damoh: दमोह में विराजमान है मुस्की बाबा की प्राचीन प्रतिमा, जानिए आखिर क्या है इस मूर्ति का राज..

Damoh: दमोह में विराजमान है मुस्की बाबा की प्राचीन प्रतिमा, जानिए आखिर क्या है इस मूर्ति का राज..

Damoh: बुंदेलखंड के दमोह जिले की धरा पर दो पवित्र स्थल हुए जो आदिकालीन से पवित्र तीर्थ सिद्ध क्षेत्र स्थल है जिनमें कुंडलपुर के बड़े बाबा जोकि पद्मासन मुद्रा में विराजमान है तो वहीं बांदकपुर जागेश्वर नाथ धाम में प्रकट हुए स्वंयम्भू.इन दो पवित्र स्थलों के बाद भी शहर के बहुत सी जगह ऐसी है जहां देवी देवताओं का बास है.उन्ही धार्मिक स्थलों में से एक पथरिया मुख्य मार्ग पर मलैया फाटक से 300 मीटर दूर स्थित श्री मुस्की बाबा धाम है. जहां नीम के पेड़ के नीचे श्री मुस्की बाबा विराजमान है.मुस्की बाबा के नाम को लेकर एक किंवदंती यह भी है कि यहां विराजमान देवता की पहचान आज तक कोई भी नहीं कर पाया.लेकिन नागपंचमी,शिवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.

मंदिर के पुजारी कालीचरण दास तिवारी जोकि 35 सालों से मुस्की बाबा की सेवा कर रहे उन्होंने बताया कि यहां पहले जब घना जंगल हुआ करता था तब यहां राहतगढ़ के त्यागी रहा करते थे उन्होंने से किसी देवता की स्थापना की थी.जो भी देवता यहां विराजमान है उन्ही का नाम मुस्की बाबा है.जो नाग रूप में है.

पूजन करने आई 60 वर्षीय महिला कमलारानी पटेल ने बताया कि वह बीते 45 सालों से मुस्की बाबा को पूजते आ रहे है.जो भी मनोकामना मांगो वह पूर्ण होती है. कविता पटेल ने बताया कि यहां नागपंचमी की खास मान्यता है क्योंकि यहां नाग देवता की पूजा होती है.पुराने बुजुर्ग लोगों का कहना है कि यहां मुस्की बाबा नाम के पंडित जी ने समाधि ली थी जो आज भी है.

 

 


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