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Chunavi Samvad : जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है, उनको क्या ‘फूलमालाएं’ चढ़ाएं हम?

Chunavi Samvad : जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है, उनको क्या ‘फूलमालाएं’ चढ़ाएं हम?

भोपाल।भाजपा के कद्दावर नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तकरीबन एक दशक से हरियाणा, बंगाल समेत अन्य राज्यों में भाजपा का इकबाल बुलंद करने के बाद अब अपने गृहप्रदेश लौट आए हैं। लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने महाकौशल क्षेत्र में छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी सौंपी है। यह लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीब 5 दशक से गढ़ बना हुआ है। इस किले को भेदने के लिए पार्टी ने मंत्री विजयवर्गीय को सबसे उपयुक्त माना है। यही वजह है कि वे छिंदवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है िक हम कांग्रेस को और कमजोर करना चाहते हैं,  इसलिए पार्टी ने निर्णय लिया है कि कांग्रेसियों को पार्टी में शामिल करना है। क्योंकि, कांग्रेस की विचारधारा देश से अलग है।

उनका मानना है कि कांग्रेसियों को लाने हम किसी के घर नहीं गए, जो कांग्रेस की लीडरशिप से तंग आ चुके हैं, वे खुद हमारे पास आ रहे हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ही बड़े नेता हैं, इनके बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। वे ‘हरिभूमि’ और ‘आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से ‘चुनावी संवाद’ कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। 

उनसे सीधी बात

सवाल: जिस छिंदवाड़ा को जीतने की अभिलाषा थी, वे आपके पास ही आ रहे थे, मामला कहां अटक गया?
जवाब: यह बात सही है कि कांग्रेस के कुछ लोग टिकट मांगने भाजपा के पास आए थे, उस पर चर्चा के बाद तय हुआ कि उनको पार्टी में नहीं लेना है। मेरे कहने का अंदाज अलग है। हालांकि, पार्टी जो निर्णय करती है, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करता हूं। पार्टी का निर्णय है कि कांग्रेस के लोगों को भाजपा में लेना है। कांग्रेस की नीति है कि भ्रष्टाचार की आवाज उठाओ, उनकी नीति है कि तुष्टीकरण की नीति अपनाओ तो वे भाजपा को कोसते रहे। जो लोग आ रहे हैं, उन्होंने अपनी पार्टी की रीति-नीति के साथ किसी ने 10 साल तो किसी ने 50 साल तक काम किया, लेकिन अब वे भाजपा में आ गए तो वे भाजपा की रीति-नीति के अनुसार काम करेंगे। वे भाजपा में आए तो सोच-समझकर आए हैं। उन्हें पीएम मोदी पर विश्वास है।   

सवाल: इस चुनाव का 2019 के चुनाव से कोई अंतर देख रहे हैं क्या ? 
जवाब: इस बार देश की जनता ने तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाना है। विपक्ष कहीं पर भी संयुक्त दिखाई नहीं दे रहा है। एकदम बिखरा हुआ है। उनकी विचारधारा स्पष्ट नहीं है। इसलिए, यह निश्चय भी हो गया है कि 400 पार करेंगे। राहुल गांधी कोई भी घोषणा करें, उससे मेरा कोई ऐतराज नहीं है। वे चाहे साल में महिलाओं को 1 लाख रुपए दें या महीने में साढ़े 8 हजार,वो उनका प्लान है। हम तो साढ़े 1200 से रुपए प्रतिमाह दे रहे हैं। वह जो भी घोषणा करेंगे, वह घोषणा ही रहेगी, क्योंकि, वे सरकार में ही आने वाले नहीं है।  
सवाल: जब आपकी नीतियां इतनी अच्छी हैं तो विपक्ष के ईडी, सीबीआई,आयकर का दुरुपयोग करने वाले आरोप आप लोग क्यों झेल रहे हो? 
जवाब:  इसका मतलब है कि जिसने देश के अंदर भ्रष्टाचार किया है, उनको फूलमालाएं चढ़ाएं क्या हम?  जिन्होंने देश का पैसा खाया, जनता को लूटा हो, उन लोगों को बख्श दें। प्रधानमंत्री ने कहा है कि 4 जून के बाद इन भ्रष्टाचािरयों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई होगी। जिन्होंने देश का पैसा खाया है, उन्हें मैं छोडूंगा नहीं। उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा। उनका यह देश और जनता के प्रति कमिटमेंट है। इसको तो आभार माना जाना चाहिए। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इलेक्ट्रोरल बांड के रूप में पैसा लेना तो एक अच्छी बात है। इसमें कोई गलत नहीं है। ये किससे लिया या किससे नहीं लिया, यह एक विष्लेषण वाली बात हो सकती है, लेकिन ये जो प्रक्रिया है, मैं उसका स्वागत करता हूं।
  
सवाल: भ्रष्टाचार रोकने लोग इससे बेहतर तरीका बता रहे हैं कि भाजपा में शामिल हो जाओ, जितने दागी बताए जाते हैं, वे बाद में भाजपा में आ जाते हैं और फिर वे साफ-सुथरे हो जाते हैं? 
जवाब: आप मुझे एक उदाहरण ऐसा बता दीजिए कि किसी एक व्यक्ति का केस चल रहा हो और यहां आने के बाद वह केस वापस हो गया है। केस अपनी जगह चल रहा है। पार्टी में आ गए तो ऐसा नहीं हुआ कि आपको प्रमाण पत्र दे दिया हो कि जो भ्रष्टाचार किया आप उससे मुक्त हो गए। मुंबई के अशोक चाव्हाण पर सभी केस चल रहे हैं। इसलिए ये आरोप लगाना कि भाजपा में आ गए तो वॉशिंग मशीन में धुल गए, ऐसा बिल्कुल भी नहीं। जो उन्होंने गलती की, उसकी सजा तो उन्हें मिलेगी। पार्टी में आओ या नहीं, उससे फर्क नहीं पड़ता है। प्रफुल्ल पटेल के भ्रष्टाचार की फाइल बंद होना ये नहीं कि उनकी सजा माफ हो गई। जांच में उनको दोषी नहीं पाया गया। दागदारों को लेने में कोई समझौता नहीं करेंगे, इसका ध्यान रखेंगे।   85 में भाजपा ने संकल्प लिया था कि देश में एक विधान और दो झंडे नहीं चलेंगे। हमें मौका मिला और एक झटके में धारा 370 हटा दी। मंदिर भी बना। 

सवाल: 20 साल बाद शिवराज सिंह को केंद्र की राजनीति में क्यों भेजा जा रहा है और एक दशक बाद कैलाश विजयवर्गीय को राज्य की राजनीति करने बुला लिया, क्या हुआ ऐसा ?
जवाब:   भाजपा का कार्यकर्ता, उसे जहां काम करने का अवसर मिलेगा, वह वहां काम करेगा। मुझे बुलाया था और हरियाणा का प्रभार दे दिया था। वहां से जीतकर आए तो पश्चिम बंगाल भेज दिया। वहां काम किया। मुझे उत्तराखंड भी भेजा। जहां-जहां का भी काम मिला, वह सब किया। पार्टी ने एक फोन किया कि आपको चुनाव लड़ना है तो आकर वह भी जीत लिया। हालांकि, मैंने इसके लिए निवेदन भी किया था कि अब मेरी उम्र नहीं है चुनाव लड़ने की, लेकिन पार्टी ने निर्णय ले लिया तो उसकाे हमने मान लिया। 

सवाल: महाकौशल आपका कार्यक्षेत्र बना हुआ है, इस क्षेत्र में कितनी चुनौती महसूस कर रहे हैं या मजा नहीं आ रहा है? 
जवाब: महाकौशल क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है। मजा आ रहा है, पर यह बात भी सही है कि कोई चुनौती नहीं है। इस क्षेत्र में 5 सेक्टर हैं और यह पांचों ही मुझे जीतना है। बाकी इंदौर भी गया, धार भी गया, तो मुझे लगा कि सब जगह परस्तिथि बहुत अच्छी है। पीएम मोदी पर लोगों का जबरदस्त विश्वास है। छिंदवाड़ा में पिछली बार कमलनाथ ने अपने आपको मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया था, तो लोगों को लगा कि अपने जिले का मुख्यमंत्री बन रहा है तो वोट दे दिया। अब लोगों को समझ में आ गया है कि  कमलनाथ हमेशा के लिए  घर बैठने वाले हैं, इसलिए अबकी बार भाजपा को वोट देना है। नकुलनाथ के प्रति लोगों का कोई आकर्षण नहीं है। उन पर कोई विश्वास नहीं। उन्होंने कोई काम नहीं किया। 


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