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Chunavi Samvad : भगवान श्री राम जनवरी से पहले भी थे, क्या वे जनवरी में ही आए?

Chunavi Samvad : भगवान श्री राम जनवरी से पहले भी थे, क्या वे जनवरी में ही आए?

भोपाल। मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मुकेश नायक एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि उन्हें एक विचारक के तौर पर भी देखा जाता है। इस देश में सनातन धर्म और परंपरा की बात आती है तो इस शख्स को सुनने के लिए स्वयमेव भीड़ उमड़ पड़ती है। राजनीति का यह योद्धा समय के साथ अलग-अलग कदम भी उठाता है। लोग भौंचक्के रह जाते हैं कि इतना विचारवान आदमी इस तरह का कदम क्यों उठा लेता है। कई बार ऐसा महसूस होता है कि वे पटरी से उतर गए लेकिन वे पटरी पर ही दिखाई देते हैं। ऐसी कमाल की शख्सियत ने कम उम्र में ही बतौर मंत्री,बतौर संगठन प्रमुख के तौर पर एक अलग पहचान बनाई।

 यह शख्स एक बार फिर बड़ी भूमिका में दिखाई दे रहा है। मुकेश नायक कांग्रेस की इस आपाधापी के दौर में मीडिया विभाग की कमान संभाल रहे हैं। इस लोकसभा चुनाव में देश और प्रदेश की राजनीति को वो किस तरह से देख पा रहे हैं ये उन्ही से जानते हैं। नायक ‘हरिभूमि और आईएनएच’न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के ‘चुनावी संवाद’कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे।

उनसे सीधी बात

सवाल: एक समय था जब मुकेश नायक को भावी सीएम के तौर पर देखा जाता था। अचानक क्या हुआ कि मीडिया प्रभारी का दाियत्व संभालना पड़ा?
जवाब: आज जिस तरह से राजनीित में दल-बदल का दौर चल रहा है। लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। कोई स्वार्थों के चलते दल बदल रहा है तो कोई डर के कारण कांग्रेस छोड़ रहा है। एक विचारधारा पर टिके रहना आसान नहीं है। इस घटियावाद राजनीित की किसी ने शुरुआत की है तो वो भाजपा है। मुझे लगा कि इस दौर में काम करना चाहिए। ये नहीं देखना चािहए कि भूमिका छोटी या बड़ी है। जब पार्टी को हमारी जरूरत है और हम किसी आकांक्षा को पाले हुए नहीं हैं तो फिर एक अच्छा अवसर है कि हम अपनी ऊर्जा का रूपांतरण करें और पार्टी की मदद करें।
सवाल : कांग्रेस को एक बड़ा वर्ग सनातन विरोधी मानता है। भाजपा तो इस तरह के आरोप लगाती ही है। आप जब मंच से बोलते हैं तो सनातन पर ही लंबा-चौड़ा भाषण देते हैं। ऐसे में आप क्यों कांग्रेस में डले हुए हैं?
जवाब: हम यहां डले हुए नहीं है। अपनी सोच, विचार और प्रतिबद्धता के साथ टिके हुए हैं। वजह ये है कि राजनीति  सिर्फ सत्ता के लिए नहीं होती बल्कि सरकार को जगाने का उनकी गलत नीतियों को उजागर करने का  विपक्ष का दाियत्व होता है। इसलिए, विपक्ष का अपना महत्व होता है। जहां तक सनातन धर्म की बात है तो आपको ऐसा नहीं लगता कि भगवान  राम जनवरी से पहले भी थे। क्या जनवरी में ही भगवान राम आए हैं। इस तरह की सोच ही भाजपा और कांग्रेस में अंतर है। सनातन का मतलब सदैव...होता है और सदैव हमेशा जन्म और मृत्यु से काफी ऊपर है। हम भक्ति और अनुराग से भरे हुए हैं। लेकिन, धर्म के नाम पर जो हो रहा है वो धार्मिक उन्माद है,धर्म के नाम पर राजनीित है। इसके अलावा कुछ भी नहीं।

सवाल: कांग्रेस पर हमेशा ही मुिस्लमों को लेकर तुिष्टकरण के आरोप लगते रहे हैं। आपकी दृिष्ट में सच क्या है?
जवाब: ये एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है। हिंदू या मुिस्लम एक दूसरे को एकति्रत नहीं करते हैं। बल्कि इन्हे एकत्रित करने में एक नेताओं के बयानों का बड़ा योगदान होता है। 
सवाल: आपके साथी कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस को सनातन विरोधी बताते हैं वो कहते सनातन को गाली देना हमें बर्दाश्त नहीं है। आप क्या कहेंगे?
जवाब: सुरेश पचौरी सनातन के बारे में क्या जानते हैं? जब बिना चुनाव जीते सांसद और रक्षा मंत्री बनाया। जब सनातन विरोधी कांग्रेस नहीें थी। अब यहां मिलना कुछ नहीं है इसलिए, भाजपा में चले गए। पचौरी को आधारहीन अचंभा कहा जाता था। रायसेन,होशंगाबाद,भोपाल और नरसिंहपुर में एकाधिकार 25 साल तक बनाकर रखा। उन्होंने पूरे संगठन को बर्बाद करके रख दिया। उनके जाने से कांग्रेस को बहुत बड़ा फायदा हुआ है।  लेकिन, भाजपा को कोई फायदा होने वाला नहीं है।
सवाल:  ऐसे आधारहीन व्यक्ित को चार बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री क्यों बनाया?
जवाब:  इस तरह के कुछ फैसले कांग्रेस पार्टी ने गलत तरीके से लिए हैं। इसका खामियाजा आज कांग्रेस भुगत रही है। आधारहीन लोगों को अपने साथ रखा। उन्हें आगे बढ़ाया और जनाधार रखने वालों को कांग्रेस पार्टी के षड़यंत्रकािरयों ने पीछे धकेल दिया। ऐसे लोगों ने जब देखा कि कांग्रेस बहुत कमजोर हो गई तो साथ छोड़कर चले गए।
सवाल: जब भाजपा को कोई फायदा नहीं होने वाला था तो फिर भाजपा के दिग्गज नेता क्यों उन्हें भाजपा का दुपट्टा ओढ़ाने के लिए बेताब थे?
जवाब: सिंधिया के भाजपा में जाने से हम चंबल संभाग में पहले से ज्यादा सीटे जीते हैं। पचौरी के साथ जो कार्यकर्ता जुड़े हुए थे वे घुटन महसूस कर रहे थे। अब वे खुलकर कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। आप लोकसभा चुनाव में देख लीजिए। कांग्रेस इस बार बहुत बेहतर परिणाम देने वाली है।

सवाल: कमलनाथ जी के भी कुछ किस्से साझा कर दीजिए?
जवाब: देखिए,भाजपा मनोवैज्ञािनक युद्ध में उतरी है। लोगों पर मेंटल प्रेशर पड़े और वे खुद को असुरक्षित महसूस करें। इसलिए, लोग डर कर कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। ये सिर्फ भाजपा की तरफ से छोड़ा गया एक शिगूफा था।
सवाल: ये कैसा शिगूफा?  सज्जन सिंह वर्मा, दीपक सक्सेना जैसे कई नेता बोले कि हम भी कमलनाथ जी के साथ एक दो दिन में चले जाएंगे? 
जवाब: कमलनाथ दृढ़तापूर्वक खंडन कर देते तो इस तरह की कोई बात ही नहीं होती। लेकिन, कमलनाथ जी को लगा कि ये मुद्दा खंडन के लायक नहीं तो उन्होंने खंडन नहीं किया। छिंदवाड़ा को देख्ा लीजिए,भाजपा ने यहां क्या क्या नहीं किया। पहले झूठ फैलाया कि कमलनाथ जी भाजपा में आ रहे हैं फिर उनके नेताओं का दल बदल कराया और फैला रहे हैं कि कमलनाथ कमजोर हो रहे हैं।  सतना,ग्वालियर,भिंड,मुरैना, राजगढ़ और मंडला जैसे कई लोकसभा क्षेत्र हैं जहां कांग्रेस बहुत अच्छे वोटों से चुनाव जीत रही है। राजगढ़ में एक एक वयक्ति को दिग्विजय सिंह जानते हैं। उन्हें कोई नहीं हरा सकता है। मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सीेटे बढ़ेंगी और पश्चिम बंगाल,कर्नाटक,केरल के साथ पूरे दक्षिण भारत में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा। रिजल्ट से पता चल जाएगा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी लोकप्रियता कम की है। वे झूठ बोलते हैं और उनके इवेंट मैनेजमेंट की पोल खुल गई है।
सवाल: जब कमलनाथ की सरकार गई थी तब मुकेश नायक चैनलों पर बैठकर बता रहे थे कि दिग्विजय सिंह के कारण गड़बड़ हुई है आज तारीफ कर रहे हैं?
जवाब: उस समय मैंने जो भी बोला था वो सत्य है और आज जो बोल रहा हंू वो भी सत्य है। सत्य कभी नहीं बदलता और सत्य को बदलने वाले नहीं होते हैं। लेिकन झूठ बदलता है और इसे बदलने वाले होते हैं।
सवाल: कांग्रेस कह रही है कि भाजपा और मोदी जी जनता को नहीं भा रहे हैं,जबकि नेता कहते हैं कि अब केवल भाजपा में ही भविष्य है। ऐसा विरोधाभास क्यों है?
जवाब: किसी भी राष्ट्र की परंपरा और संस्कृति में अलग-अलग क्षेत्रों में परिवर्तन आते हैं। कभी किसी देश में मार्क्सवाद चलता है तो कभी समाजवाद तो कभी पूंजीवाद चलने लगता है लेकिन भारत में अभी घटियावाद चल रहा है। भारत में राजनैतिक कल्चर में बदलाव हुआ है इसमें डंडा,पुलिस,पैसा और राजनैतिक प्रतिबद्धता की वैल्यू गिरी है। भारत में सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए गए राहुल गांधी की प्रतिभा को खंडित करने के लिए। उनकी छवि को खराब किया गया। अब देश परिचित हो रहा है कि राहुल गांधी िकस मिट्टी से बने हैं। 
सवाल: सीएम मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी राजनीित के लायक नहीं हैं। उन्होंने महुआ खाकर बता दिया कि वो किस लायक हैं। आप कुछ और कह रहे हैं?
जवाब: महुआ सदियों से खाया और पीया जा रहा है। मोहन यादव को नहीं मालूम की भारतीय संस्कृति और परंपरा क्या है? लोग महुआ की डुबरी बनाकर आज भी गांव में खाते हैं। सीएम को ये डुबरी किसी गांव में जाकर खाना चाहिए।


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