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G20 पर ट्रंप का कड़ा रुख: ‘दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों पर अत्याचार’, 2026 समिट के लिए नहीं भेजा जाएगा न्योता...

G20 पर ट्रंप का कड़ा रुख: ‘दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों पर अत्याचार’, 2026 समिट के लिए नहीं भेजा जाएगा न्योता...

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को लेकर नई कूटनीतिक बहस छेड़ दी है। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों की हत्या की जा रही है और उनके खेतों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। इसी कारण उन्होंने ऐलान किया कि 2026 में अमेरिका के मियामी में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रण नहीं भेजा जाएगा।

G20 सदस्यता पर ट्रंप का सवाल, ‘योग्य नहीं है दक्षिण अफ्रीका’:

ट्रंप ने Truth Social पर लिखे पोस्ट में दावा किया कि साउथ अफ्रीकी सरकार रंगभेद से जुड़े गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा  “दक्षिण अफ्रीका G20 सदस्यता के योग्य देश नहीं है। अमेरिका तुरंत उसके लिए जारी सभी भुगतान और सब्सिडी रोक देगा।” ट्रंप के अनुसार, जोहान्सबर्ग में हुए हालिया G20 सम्मेलन के दौरान साउथ अफ्रीका ने अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को प्रेसीडेंसी सौंपने से मना कर दिया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

अमेरिका ने 1 दिसंबर 2025 से संभाली G20 प्रेसीडेंसी:

दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में नवंबर 2024 में G20 समिट आयोजित हुआ था, जहां अमेरिका ने प्रतिनिधित्व नहीं किया। अब अमेरिका 1 दिसंबर 2025 से 30 नवंबर 2026 तक G20 की अध्यक्षता संभाल रहा है। ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे 2026 के समिट को अपने मियामी स्थित गोल्फ क्लब के पास आयोजित कराएंगे।

‘गोरे लोगों को मारा जा रहा: ट्रंप का आरोप

ट्रंप ने कहा, “साफ-साफ कहूं तो दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों को मार दिया जा रहा है। उनके खेत जबरन छीन लिए जा रहे हैं। फेक न्यूज़ मीडिया इस नरसंहार पर एक शब्द तक नहीं बोलता।” यह बयान अब अमेरिका-दक्षिण अफ्रीका संबंधों में नई खाई पैदा कर रहा है। साउथ अफ्रीका की कड़ी प्रतिक्रिया ‘हम अपनी सदस्यता से समझौता नहीं करेंगे’दक्षिण अफ्रीका की प्रेसीडेंसी ने ट्रंप के आरोपों पर सख्त टिप्पणी की। बयान में कहा गया साउथ अफ्रीका G20 के संस्थापक सदस्यों में शामिल है, हमारी सदस्यता दूसरे किसी देश की दया पर नहीं टिकी G20 और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारे योगदान को दुनिया मान्यता देती है। अमेरिका ने खुद जोहान्सबर्ग समिट में शामिल न होने का निर्णय लिया था।

हमारी सदस्यता पर उठाए सवाल:

सरकार ने कहा “हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं और किसी देश को यह अधिकार नहीं देते कि वह हमारी सदस्यता पर सवाल उठाए।” दक्षिण अफ्रीका का दावा ‘2025 समिट अब तक के सबसे सफल सम्मेलनों में एक’ सरकार द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया कि G20 साउथ अफ्रीका 2025 लीडर्स समिट में कई देशों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए थे और इसे सर्वश्रेष्ठ सम्मेलनों में से एक बताया गया। ट्रंप और दक्षिण अफ्रीका के बीच यह टकराव G20 की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। 2026 समिट से साउथ अफ्रीका को बाहर करने का निर्णय दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा रहा है, जबकि साउथ अफ्रीका ने अपनी सदस्यता और संप्रभुता की मजबूती से रक्षा की है।


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