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विदिशा लोकसभा : 33 साल बाद दादा-मामा में होगा मुकाबला 

विदिशा लोकसभा : 33 साल बाद दादा-मामा में होगा मुकाबला 

विदिशा लोकसभा : मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा से प्रदेश के पूर्व मुखिया शिवराज सिंह चौहान को जिन्हें देशभर में मामा के नाम से जाना जाता है बीजेपी ने लोकसभा से टिकट दिया है। वही कांग्रेस ने विदिशा लोकसभा से कांग्रेस के सीनियर लीडर और दो बार सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। शिवराज सिंह मामा और प्रताप भानु शर्मा दादा के बीच 33 साल बाद चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा। 

कांग्रेस को दादा पर भरोसा 

दादा और मामा के बीच पहला चुनावी मुकाबला 1991 में हुआ था। पहले मुकाबल में मामा शिवराज ने दादा प्रताप भानु शर्मा को चुनाव हरा दिया था। तब ​शिवराज सिंह चौहान पहली बार सांसद बने थे। विदिशा से शिवराज सिंह का नाम घोषित होने के बाद सभी की निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी पर थी। वही विदिशा कांग्रेस में बीजेपी लगातार सेंधमारी करती जा रही थी। लोकसभा चुनाव और कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा से पहले विदिशा कांग्रेस अध्यक्ष राकेश कटारे, पूर्व विधायक शशांक भार्गव बीजेपी में शामिल हो चुके थे। तो वही कई कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा लड़ने से इनकार कर दिया था। ऐसें में कांग्रेस को दादा प्रताप भानु शर्मा की याद आई और उनके नाम की घोषणा कर दी। 

दो बार सांसद रहे दादा

प्रताप भानु शर्मा विदिशा लोकसभा से दो बार सांसद रहे है। प्रताप भानु शर्मा करीब 33 साल बाद चुनावी मैदान में उतरे है। प्रताप भानु शर्मा बीते कई सालों से क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहे है। प्रताप भानु शर्मा साल 1980 और 1984 में सांसद बने थे। साल 1989 में वह भाजपा के राघव जी भाई से चुनाव हार गए ​थे। इसके बाद साल 1991 के प्रताप भानु शर्मा को अटल बिहारी बाजपेई के खिलाफ टिकट दिया गया, लेकिन तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 

आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान छठवीं बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं। शिवराज सिंह पांच चुनावों में से एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। जबकि प्रताप भानु 05 में से 03 चुनाव हार चुके हैं। विदिशा लोकसभ से शिवराज सिंह 1991 से 2004 तक लगातार सांसद रहे। 2005 में वह मुख्यमंत्री बने। 


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