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जैन मंदिर : मध्यप्रदेश में बना विश्व का सबसे बड़ा जैन मंदिर, लगे 10 साल, 1 हजार करोड़ रूपए

जैन मंदिर : मध्यप्रदेश में बना विश्व का सबसे बड़ा जैन मंदिर, लगे 10 साल, 1 हजार करोड़ रूपए

विकास जैन भोपाल/कुंडलपुर जैन मंदिर : मध्यप्रदेश की धरती धार्मिक सनातन धर्म से अछूती नहीं है। प्रदेश में ऐसे कई धार्मिक स्थल है जों अपने आप में देश और दुनिया में अपनी पहचान रखते है। आज हम बात कर रहे है जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के सबसे बड़े मंदिर की। मध्यप्रदेश में भगवान आदिनाथ का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण बीते 17 सालों से जारी है। यह मंदिर प्रदेश के दमोह जिले से करीब 40 किलो मीटर दूर कुंडलपुर में स्थिति है। इस मंदिर को बनाने में अबतक 1 हजार करोड़ रूपये की लागत लग चुकी है, इसके बाद भी मंदिर का निर्माण कार्य अभी भी जारी है। 

दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर

कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र जैन धर्म के पवित्र क्षेत्रों में से एक है। वैसे तो जैन धर्म देश में कई सिद्धक्षेत्र है, लेकिन कुंडलपुर सिद्धक्षेत्र सबसे प्रसिद्ध स्थल माना जाता है। कुंडलपुर में बनाए जा रहे सबसे बड़े जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ की करीब 1 हजार साल पुरानी प्राचीन प्रतिमा को स्थापित किया गया है। इससे पहले यह प्रतिमा एक दूसरे ​जिनालय में विराजमान थी, लेकिन भूकंप से पूराना मंदिर टूट जाने के चलते इस मंदिर का पुननिर्माण किया गया है। यह मंदिर कुंडलपुर की पहाड़ी पर करीब 500 फीट पर बनाया गया है। यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर माना जाता है। 

मंदिर में नहीं लगा सीमेंट और लोहा

कुंडलपुर में बनाया जा रहे सबसे बड़े जैन मंदिर की यह खासियत है कि इस मंदिर में सिमेंट और लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पूरे मंदिर को पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर में करीब 12 लाख घन मीटर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में राजस्थान के तीन प्रकार के पत्थरोें का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर की ऊंचाई 180 फीट है, वही मंडप 99 फीट और ग्राभ गृह करीब 67 फीट ऊंचा है। मुख्य मंदिर के दोनों ओर बनाए गए जिनालयों में 1008 मूर्तियां स्थापित की जांएगी। मंदिर में त्रिकाल चौबीसी, वर्तमान चौबीसी, पूर्व चौबीसी और भविष्य चौबीसी की भी स्थापना की जाने वाली है। इस भव्य मंदिर की दीवारों पर 724 प्रतिमाएं पद्मासन और 220 प्रतिमाएं खड्गासन प्रतिमाए नक्काशी करके उकेरी गई है। इसके अलावा कुंडलपुर समेत शिखर पर 65 प्राचीन जैन मंदिर भी है, जो आठवीं-नौवीं शताब्दी के बताए जाते हैं।

कुंडलपुर में हुआ आचार्य पदारोहण

आपको बता दें कि सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में 16 अप्रैल 2024 को आचार्य पद पदारोहण महोत्सव आयोजित किया गया था। इस दौरान करीब 400 मुनियों और लाखों की संख्या में जैन समाज उस समय का साक्षी बने थे। 108 मुनिश्री सयम सागर जी महाराज ने आचार्य पद ग्रहण किया था। पदारोहण के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, सागर विधायक शैलेंन्द्र जैन, पूर्व वित्त मंंत्री और भाजपा विधायक जयंत मलैया समेत करीब 5 लाख की संख्या में जैन और अन्य समाज के श्रावक मौजूद रहे। 


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