Virat Kohli Vijay Hazare Trophy : घरेलू क्रिकेट के मैदान पर एक बार फिर पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली नजर आने वाले हैं। दरअसल करीब 15 साल बाद दिल्ली की ओर से कोहली विजय हजारे ट्रॉफी में खेलते दिखाई देने वाले हैं। दिल्ली इस घरेलू वनडे टूर्नामेंट में आंध्र प्रदेश के खिलाफ दिल्ली अपना पहला मुकाबला खेलेगा। जानकारी के मुताबिक यह मैच बेंगलुरु स्थित एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जाने के आसार हैं। हालांकि BCCI के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भी इसे शिफ्ट किए जाने की संभावना बनी हुई है।विराट कोहली ने दिल्ली के लिए पिछली बार 18 फरवरी 2010 को विजय हजारे ट्रॉफी खेली थी, और अब लगभग 5788 दिन बाद इस टूर्नामेंट में वह फिर वापसी कर रहे हैं।
दर्शकों को एंट्री करने की अनुमति नहीं:
दिल्ली के हेड कोच सरनदीप सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि टीम के ओपनिंग मैच में कोहली ही खेलेंगे। कोच ने आगे कहा कि, "विराट कोहली खेलने के लिए पूरी तरह चार्ज्ड हैं। वह कल मैच खेलेंगे।" हालांकि यह खबर फैंस के लिए थोड़ी निराशाजनक है। चाहे मुकाबला चिन्नास्वामी स्टेडियम में ही क्यों न हो, लेकिन इस बार स्टेडियम में दर्शकों को एंट्री नहीं मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक बंद दरवाजों के पीछे यह मैच खेला जाएगा। दर्शकों को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एंट्री करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कोहली को स्टेडियम में खेलते नहीं देख पाएंगे फैंस:
गौरतलब है कि पिछले साल जून में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आईपीएल जीत के आरसीबी के पहली बार जश्न के दौरान भगदड़ मचने से लगभग 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से इस स्टेडियम में अभी तक कोई भी मुकाबला नहीं हुआ है। एक-दो स्टैंड खोलने पर कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से विचार जरूर किया गया था लेकिन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार इसके पक्ष में नहीं दिखी। घरेलू क्रिकेट में विराट कोहली की वापसी BCCI' के उस फैसले का हिस्सा है, जिसमें घरेलू टूर्नामेंट खेलना टीम इंडिया के लिए खेलने वाले सभी क्रिकेटरों के लिए अनिवार्य किया गया है। बता दें कि कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ब्रेक के चलते विजय हजारे ट्रॉफी खेलने का फैसला लिया है।
युवा खिलाड़ियों को मिलेगा सीखने अवसर:
सरनदीप सिंह का कहाना है कि युवा खिलाड़ियों को सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी से काफी फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा, अपने राज्यों के लिए जब "टॉप लेवल पर खेलने वाले खिलाड़ी खेलते हैं, इससे नव युवाओं को सीखने का ज्यादा अवसर मिलता है। इससे घरेलू क्रिकेट को मजबूती मिलती है और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।" स्टेडियम में कोहली को फैंस भले ही न देख पाएं लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में 15 साल बाद उनकी वापसी घरेलू क्रिकेट के लिए बड़ी खबर मानी जा रही है।