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Swine Flu alert: इस राज्य में Swine Flu ने फिर पसारे पैर, 13 माह के बच्चे की गई जान, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किय अलर्ट

Swine Flu alert: इस राज्य में Swine Flu ने फिर पसारे पैर, 13 माह के बच्चे की गई जान, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किय अलर्ट

भोपाल : स्वाइन फ्लू की दस्तक ने एक बार फिर हर किसी को चिंता में डाल दिया है। इस बीमारी को लेकर 2009 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने महामारी घोषित किया था। तो वही एक बार फिर बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। इस बीमारी की वजह से 13 माह के बच्चे की जान चली गई है। बच्चे की मौत का ताजा मामला असम के बराक घाटी से सामने आई है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिश में लगा हुआ है। 

असम में स्वाइन फ्लू मामले बढे 

दरअसल अब असम में भी स्वाइन फ्लू का प्रकोप देखा गया है। जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम में स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आए हैं, जिसके कारण राज्य के स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी है और यह H1N1 वायरस की वजह से फैलता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स  के मुताबिक यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया कॉम्बिनेशन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में इसके प्रति सावधानी बरतनी बहुत ही जरूरी है। 

साल 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने साल 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। उस साल इस वायरस के कारण दुनिया भर में करीब 284,400 मौतें हुईं। बाद में अगस्त 2010 में, WHO ने महामारी खत्म होने की घोषणा की। लेकिन महामारी से उत्पन्न H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

दरअसल इस बीमारी के लक्षण की बात की जाए तो इनमें डायरिया, खांसी, और बुखार, सिरदर्द और उल्टी का अनुभव, शरीर और मांसपेशियों में दर्द का अहसास, गले में असहजता का अनुभव, आंखों में दर्द और अस्वस्थता का अहसास, थकान और कमजोरी का अनुभव, बहती या भारी नाक की समस्या, पेट में दर्द का अहसास, ठंड लगने और पसीने की समस्या का अनुभव, और लाल आंखें और आंखों से पानी बहने की समस्या शामिल हो सकती है।

स्वाइन फ्लू से कैसे करें बचाव?
  • स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका इसकी वैक्सीन लगवाना है।
  • फ्लू का टीका आपके फ्लू होने के जोखिम को कम कर सकता है। हर साल मौसमी फ्लू की वैक्सीन तीन या चार इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाता है।
  • जब भी संक्रामक बीमारियों की बात आती है, तो जागरूकता के लिए विश्वसनीय चिकित्सा जानकारी पर भरोसा करना जरूरी है।
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू से ढकें। उपयोग के तुरंत बाद टिश्यू का सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करना न भूलें।
  • बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • उन लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें जो स्पष्ट रूप से बीमार हैं या जिनके बीमार होने की संभावना है।
  • अगर आपके अंदर फ्लू के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए लोगों से दूरी बनाए रखें।

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