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3 घंटे में हटा लें फर्जी कंटेंट : डीपफेक के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग हुई सख्त...

3 घंटे में हटा लें फर्जी कंटेंट : डीपफेक के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग हुई सख्त...

Election 2024:  लोकसभा चुनाव के दौरान डीपफेक कंटेंट को लेकर चुनाव आयोग ने चिंता जाहिर की है। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को आदेश दिया है कि वे अपने संबंधित सोशल मीडिया हैंडल पर डीपफेक ऑडियो/वीडियो पोस्ट करने की अनुमति न दें। 

3 घंटे का दिया गया समय

ईसीआई ने डीपफेक पर कठोर रवैया अपनाते हुए कहा है कि देश की सभी पार्टियों को यह सामग्री हटाने के लिए 3 घंटे का समय दिया गया है। डीपफेक सिंथेटिक मीडिया हैं, जिसमें एक व्यक्ति  की समानता को दूसरे व्यक्ति की समानता से बदलने के लिए डिजिटल रूप से हेरफेर किया जाता है। लोकसभा चुनाव के बीच कुछ नेताओं के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से तैयार ऑडियो/वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए जा रहे हैं। अब चुनाव आयोग ने पार्टियों को डीपफेक के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। 


डीपफेक ऑडियो/वीडियो हटाने की वॉर्निंग

चुनाव आयोग के संयुक्त निदेशक अनुज चांडक ने सभी राजनीतिक दलों से कहा- "जब भी किसी राजनीतिक दल के ध्यान में ऐसे डीपफेक ऑडियो/वीडियो आएं, तो वे तुरंत इन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटा दें, लेकिन 3 घंटे की अधिकतम समय सीमा का ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही पार्टी के भीतर जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान करें और उसे वॉर्निंग भी दें।” साथ ही आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल डीपफेक ऑडियो/वीडियो को लेकर मौजूदा नियमों और प्रावधानों का कड़ाई से पालन करें।

पीएम मोदी और ममता बनर्जी के डांस, डीपफेक पर विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के डांस के हालिया डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए जा रहे हैं, इन्हें लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। कोलकाता पुलिस ने सामग्री अपलोड करने वाले यूजर को नोटिस जारी किया है। गृह मंत्री अमित शाह के एक 'डीपफेक मॉर्फ्ड वीडियो' को लेकर तेलंगाना कांग्रेस के पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

ईसीआई ने बताया कि ऐसी सामग्री पर नियंत्रण रखने के लिए मौजूदा ढांचे में आईटी एक्ट की धारा 66सी और 66डी, आरपी एक्ट 1951 की धारा 123(4) और आईपीसी की धारा 171जी, 465, 469 और 505 शामिल हैं। किसी फेक जानकारी या फेक यूजर अकाउंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा आईटी रूल 3A (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) नियम 2021 के तहत शिकायत अपीलीय समिति (GAC- Grievance Appellate Committee) को रिपोर्ट करें। 


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