राजगढ़। लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया है। जिसमें उन्होंने सिंह के लिए कहा था- आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले। दिग्विजय ने कहा- मुझ पर अमित शाह की इतनी कृपा रही और उनका मेरे प्रति इतना प्रेम है कि वो आए और मेरा जनाजा निकालने की बात कह गए। यानी, मेरी अर्थी भाजपा के नेता निकालना चाहते हैं। और क्यों? क्योंकि, मैं आप सबकी चिंता करता हूं। मेरे पास कंधों की कमी नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के कंधों पर मेरा जनाजा और शव नहीं जाएगा। मेरे पास कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की अपार संख्या है। मैं उनसे यह भी कहना चाहता हूं कि आप इस बात को समझ ले, मैं यहां पर राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से मेरा जीवन का लगाव है।
दिग्विजय सिंह ने लिखा- मैं चाहता तो मना कर देता कि चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन मेरे गृह क्षेत्र की जनता की उपेक्षा ने मुझे यह चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया। मैं आखिरी दम तक आपके बीच आपकी लड़ाई लड़ता रहूंगा, चाहे आप मुझे कंधे पर उठाएं या सिर आंखों पर बिठाएं। अब आपकी मर्जी है, लेकिन मैं सदैव आप का था और रहूंगा। गौर हो कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के खिलचीपुर में चुनावी सभा को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने कहा- बहुत बार ये आए, बहुत बार ये गए। अब समय आ गया है इनको परमानेंट विदाई देने का। राजनीति से दिग्विजय सिंह की परमानेंट विदाई राजगढ़ वालों को करनी है। लेकिन मेरी एक रिक्वेस्ट है। राजनीति से उनकी परमानेंट विदाई जरूर करो, मगर आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले।