छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. जहां पर धान उपार्जन केंद्रों में धान खुले में आसमान में बर्बाद हो रहा हैं. आपको बता दें कि मुंगेली जिले के खरीदी केंद्रों पर 3 लाख 27 हजार क्विंटल धान 82 उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान में बर्बाद हो रहा हैं. इसके साथ ही इस दौरान धान के उठाव नहीं होने से तेज धूप तेज के चलते धान सुख रहे है. साथ ही बेमौसम बारिश होने के धान का काफी नुकसान हो रहा है।
उपार्जन केंद्रों में लाखों का नुकसान :
बता दें की यह सिलसिला काफी महीनों से चल रहा हैं. इस संदर्भ में मुंगेली जिले के हाईकोर्ट ने 1 महीने के भीतर धान के उठाव के दिए थे. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई बदला नही हुए है. जानकारी के मुताबिक इस नुकसान का कारण उपार्जन केंद्रों के अधिकारियों के लापरवाही के चलते वजह से हुआ हैं. इसके साथ ही जिम्मेदारों के इस मिजाज में कोई बदला नही हुआ हैं. ऐसे में इस मामले में अब देखना यह होगा की इस शार्टेज का जिम्मेदार कौन होगा। और हाईकोर्ट के निर्देशों के इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई होगी।