तालाब में भूमाफियाओं की नजर: प्लॉट में तब्दील,जल स्तर में गिरावट, कोर्ट सख्त,जिम्मेदार कर रहे नजरअंदाज

तालाब में भूमाफियाओं की नजर: प्लॉट में तब्दील,जल स्तर में गिरावट, कोर्ट सख्त,जिम्मेदार कर रहे नजरअंदाज

सैय्यद वाजिद//मुंगेली: जल संरक्षण के दावे और वादे उस वक्त ध्वस्त हो जाते है जब शासन प्रशासन के नाक के नीचे तालाबो के अस्तित्व को खत्म कर भूमाफिया प्लाट में तब्दील कर देते है. सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट गाइड लाइन के अनुसार तालाब का स्वरूप यथास्थिति बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है पर मुंगेली में गिनती के तालाब वो भी अपना अस्तित्व खो चुके है और इसकी सुध लेने वाला कोई नही.आलम ये है कि खत्म होते तालाबो के अस्तित्व से न केवल तालाब का वजूद खत्म हुआ बल्कि इससे मुंगेली का जल स्तर तेजी से नीचे गिरा है और जलीय जंतु को भारी नुकसान हुआ है.

ढ़ंढने से नही मिल पा रहे शहर के तालाब:

मुंगेली शहर में गिनती के तालाब अपनी सौदर्यीकरण से जाना जाता था और लोगो की निस्तारी का साधन हुआ करता था जहां इस तालाब से लोगो का जीवन गुजर बसर हुआ करता था पर जीवनदायनी इन तालाबो पर भूमाफियाओ की नजर पड़ने से इसका वजूद खत्म होने के कगार पर है...यही वजह है कि नगर में अब तालाब नजर नही आ रहे है...और आएंगे भी कैसे तालाब को जो प्लाट में बदला जा रहा है...सरकार जलसंरक्षण और संवर्धन के लिए कई तरीके की योजना लाकर इसको संवारने में लगी है लेकिन प्रशासन के नाक के नीचे इसके स्त्रोत यानी तालाब को पाटकर अस्तित्व खत्म किया जा रहा है.

शहर के सरोवर पर भूमाफियाओं का ग्रहण:

मुंगेली नगरपालिका क्षेत्र के 2 तालाबो पर जहाँ पूर्व में दाऊपारा स्थित तालाब जो जॉन हॉस्पिटल के पीछे है उसको पाटकर प्लाट में बदलकर उसका स्वरूप मैदान के रूप में कर दिया गया है तो वही मल्हापारा स्थित तालाब पर अब भूमाफियाओ की नजर पड़ गई है यही वजह है कि तालाब को पाटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है यहां भूमाफिया पहले तालाब की मेढ़ को पाट रहे है और समय रहते इसपर अंकुश नही लगाया गया तो धीरे धीरे पूरे तालाब को पाट देंगे.

तालाब को लेकर सुको सख्त,जिम्मेदार कर रहे नजरअंदाज:

तालाबो के खत्म होते अस्तित्व को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता जाहिर करते हुए साफ लहजे में कहा कि तालाब का स्वरूप यथास्थिति बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की है चाहे तालाब निजी हो या शासकीय तालाब का स्वरूप किसी भी स्थिति में बदला नही जा सकता...अगर तालाब में जल स्तर कम हो तो जलभराव का दायित्व प्रशासन का ही है...मामले से हुक्मरानों ने अपना मुह मोड़ लिया है फलस्वरूप आज तालाब अपना अस्तित्व खो चुका है और प्लाट में बदलकर रह गया है.

जनांदोलन की तैयारी में नगरपालिका प्रतिनिधि:

इस मामले नगरपालिका परिषद के जनप्रतिनिधियों ने एक सुर में इसका विरोध कर तालाब को पाटने वाले भूमाफिया पर कार्रवाई और साथ ही तालाब को पुर्नजीवित कर वापस स्वरूप में लाने की बात कही गई है नगरपालिका के अध्यक्ष रोहित शुक्ला,उपाध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा और पूर्व नगरपालिका परिषद के उपाध्यक्ष और पार्षद मोहन मल्लाह ने सरोवर को पाटने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है इसके लिए विशेष पहल करने की बात कही गई है...वही अब तालाब के साथ दाऊपारा में पाटे गए तालाब को पुनर्स्थापित कर यही करीब में स्विमिंग पूल निर्माण की योजना बनाई जा रही है.

एसडीएम और सीएमओ हुए सख्त,मामले की स्वयं करेंगे जांच:

तालाब को संरक्षित और संवर्धित करना साथ ही अगर तालाब में जल का स्तर कम हो तो उसपर जलभराव करना प्रशासन का दायित्व है पर विभागीय अनदेखी के चलते मुंगेली नगरपालिका क्षेत्र में तालाब का अस्तिव खतरे में है जरूरी यह है कि इसपर संज्ञान लेते हुए त्वरित तालाब का स्वरूप वापस लाया जाना जनहित में उचित होगा...इस मामले पर मुंगेली नगरपालिका सीएमओ आशीष तिवारी और एसडीएम पार्वती पटेल ने खुद मौके पर जाकर मामले की जांच राजस्व और नगरीय प्रशासन की टीम के साथ मिलकर करेंगे साथ ही ऐसी करतूत करने वाले भूमाफिया पर कार्रवाई साथ ही उच्च अधिकारियों से दिशा निर्देश प्राप्त कर तालाब को पुर्नजीवित करने की दिशा में कार्य करने की बात कही है.

कैसे वापस आए तालाब का स्वरूप:

तालाब को पुनर्जीवित करने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नही की गई है एक तरफ सरकार अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबो को सौदर्यीकरण किया जा रहा तो वही दूसरी तरफ भूमाफिया शहर की धरोहर तालाब के अस्तित्व खत्म कर रहे है हैरानी की बात यह है इस मामले में न कोई व्यक्तिगत रूप से और न ही कोई समाजिक संगठन की तरफ से बड़ा विरोध नही हुआ है यही वजह है जिम्मेदार भी मामले से अपना पलड़ा झाड़ लिए है जरूरी है मामले पर जनआंदोलन हो ताकि तालाबो का अस्तित्व और हमारी धरोहर बच सके.

नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार से आमजन को आस:

नगर में गिनती के सरोवर को भूमाफियाओं के चंगुल से बाहर निकालना किसी टेढ़ी खीर से कम नही लेकिन नवपदस्थ कलेक्टर के पदभार ग्रहण करने के साथ ही एक बार फिर स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे है कि वजूद खो चुके तालाब को भूमाफ़ियाओं के चंगुल से वापस निकालकर पुनर्जीवित किया जाएगा बहरहाल आने वाला वक्त तय करेगा कि लोगो के द्वारा किये गए आस पर कलेक्टर साहब कितना खास करते है.


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