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भूलभुलैया या भूतों का चमत्कार? चांद बावड़ी का रहस्य: चांदनी रात में सफेद हो जाती है दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी...

भूलभुलैया या भूतों का चमत्कार? चांद बावड़ी का रहस्य: चांदनी रात में सफेद हो जाती है दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी...

The Mysterious Chand Baori: राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गांव में स्थित चांद बावड़ी (Chand Baori) दुनिया की सबसे गहरी और खूबसूरत बावड़ियों में से एक मानी जाती है। इस ऐतिहासिक स्थल को देखकर आज भी लोग हैरान रह जाते हैं। कहा जाता है कि इस बावड़ी को भूतों ने एक ही रात में बना दिया था। यही नहीं, चांदनी रात में यह बावड़ी सफेद चमकती हुई दिखाई देती है, जो इसे और रहस्यमयी बना देती है।

राजा चांद ने करवाया था निर्माण:

इतिहासकारों के अनुसार, इस बावड़ी का निर्माण 8वीं से 9वीं शताब्दी के बीच राजा चांद ने करवाया था। इसी कारण इसका नाम “चांद बावड़ी” पड़ा। हालांकि स्थानीय मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि इस बावड़ी का निर्माण एक ही रात में भूतों द्वारा किया गया था। पास के गांवों की अलूदा बावड़ी और भांडारेज बावड़ी को भी इन्हीं रहस्यमयी कहानियों से जोड़ा जाता है।

भूलभुलैया सी बनी संरचना:

चांद बावड़ी को “भूलभुलैया की बावड़ी” कहा जाता है क्योंकि इसमें करीब 3500 सीढ़ियां हैं, जो इतने अनोखे ढंग से बनी हैं कि कोई भी व्यक्ति एक ही रास्ते से नीचे जाकर उसी रास्ते से ऊपर नहीं लौट सकता। बावड़ी की गहराई लगभग 19.5 मीटर और चौड़ाई 35 मीटर है, जिससे यह दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी बन जाती है।

चांदनी रात में बदल जाता है रंग:

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बावड़ी चांदनी रात में सफेद दिखाई देती है, इसलिए इसे “अंधेरे-उजाले की बावड़ी” भी कहा जाता है। कहा जाता है कि बावड़ी में एक गुप्त सुरंग है जो अलूदा और भांडारेज की बावड़ियों से जुड़ी हुई है। किंवदंती है कि एक बार इस सुरंग में पूरी बारात समा गई थी, जिसके बाद इस रास्ते को पत्थरों से बंद कर दिया गया।

हर्षद माता मंदिर से जुड़ा है इतिहास:

चांद बावड़ी के पास ही स्थित है हर्षद माता का प्राचीन मंदिर, जो अपनी महामेरु स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। इसमें सीमेंट या चूने का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर में देवी-देवताओं की कई मूर्तियाँ हैं, जिनमें से कई अब क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, लेकिन उनकी कलात्मकता आज भी देखने योग्य है।

विदेशी सैलानियों का आकर्षण केंद्र:

पिछले कुछ वर्षों में चांद बावड़ी ने विदेशी पर्यटकों को भी खूब आकर्षित किया है। साल 2023 में यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या में 144% की वृद्धि दर्ज की गई। यह बावड़ी अब भारत के शीर्ष 5 पर्यटन स्थलों में शामिल है, जहां विदेशी पर्यटकों की संख्या के मामले में इसने फतेहपुर सीकरी को भी पीछे छोड़ दिया है। ताजमहल, कुतुब मीनार, आगरा किला, और हुमायूं का मकबरा के बाद, आभानेरी की चांद बावड़ी अब भारत का पांचवां सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गई है। चांद बावड़ी सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि रहस्य, वास्तुकला और लोककथाओं का अनोखा संगम है। इसकी भूलभुलैया जैसी सीढ़ियाँ, रहस्यमयी सुरंगें और चांदनी में निखरता सौंदर्य इसे दुनिया की सबसे अद्भुत बावड़ियों में शुमार करता है।


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