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इंदौर लोकसभा : 'बम' के जाने के बाद कांग्रेस देगी इस प्रत्याशी को समर्थन?

इंदौर लोकसभा : 'बम' के जाने के बाद कांग्रेस देगी इस प्रत्याशी को समर्थन?

इंदौर लोकसभा : मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में झटके शांत होने का नाम नहीं ले रहे है। बीते दिन इंदौर प्रत्याशी अक्षय कांति ने नामांकन वापस लेकर सियासत में बम फोड़ दिया, तो वही विजयपुर में कांग्रेस विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया। और तो और बीजेपी में जाने वाले सुरैश पचौरी ने इंदौर और सीहोर के कई कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में जाने का दावा ठोक कर कांग्रेस को टेंशन में डाल दिया। खैर इंदौर में तो बीजेपी ने खेला कर दिया, लेकिन अब कांग्रेस इंदौर में अपना जनाधार बनाए रखने के लिए किस प्रत्याशी को समर्थन देगी, ऐसे सवाल अब सियासत में उठने लगे है। 

भाजपा करा अहंकार, इंदौर के संस्कार

इंदौर में घटित हुए सियासी घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में पटवारी का गुस्सा बीजेपी पर फूटा। जब पत्रकारों ने पटवारी से पूछा की अब इंदौर लोकसभा में उनकी पार्टी किस प्रत्याशी का समर्थन करेगी तो पटवारी से साफ तौर पर कह दिया की कांग्रेस किसी भी निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेगी। पटवारी ने आगे कहा कि हमारे पास नोटा का विकल्प है। अब यह लड़ाई भाजपा के अहंकार और इंदौर के संस्कार की है। इंदौर चुनाव से पंजा तो निकल गया, लेकिन हम इंदौर के है, और कांग्रेस पार्टी इंदौर के लोगो से आह्वान करती है कि आप लोग सही निर्णय लो और सब​क सिखाओं, लेकिन हम और हमारी पार्टी किसी को समर्थन नहीं देगी। 

भाजपा को सबक सिखाना जरूरी

जीतू पटवारी ने आगे कहा की बीजेपी अहंकार में है, भाजपा को सबक खिखाना जरूरी है। पटवारी ने अपने एक बयान में यह भी कहा है कि पहले तो बूथ कैप्चर होते थे, लेकिन बीजेपी में राज में तो प्रत्याशी ही कैप्चर होने लगे है। पटवारी ने मीडिया से कहा की वे बहुत शर्मिंदा है। इंदौर के घटनाक्रम के चलते वे रात भर नही सो पाए।

पटवारी ने विजयवर्गीय को लेकर कहा की वे बड़े नेता है, कई बड़े पदों पर रहे, वे वर्तमान में मंत्री है, लेकिन उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हाईजैक करके छुटभैया नेताओं जैसा काम किया है, जो उन्हें शोभा नहीं देता। आपको बता दें कि पटवारी ने इंदौर में किसी भी प्रत्याशी को समर्थन नहीं देने की बात की है। अगर ऐसा होता है तो इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में नहीं होगा। 


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