'मुझे रत्न और वस्त्र नहीं दक्षिणा में चाहिए पीओके': जगद्गुरु ने सेना प्रमुख से की मांग

'मुझे रत्न और वस्त्र नहीं दक्षिणा में चाहिए पीओके': जगद्गुरु ने सेना प्रमुख से की मांग

Upendra Dwivedi Guru Dakshina: थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी पत्नी सुनीता के साथ जगद्गुरु रामभद्राचार्य से बुधवार को मुलाकात की है इस बीच चित्रकूट में जगद्गुरु से जनरल उपेंद्र और उनकी पत्नी ने गुरु दीक्षा ली है। इस दौरान दीक्षा देकर सेना प्रमुख से गुरु रामभद्राचार्य ने कहा- 'मैं शास्त्र से और तुम शस्त्र से लड़ो' इसके आगे रामभद्राचार्य ने कहा कि मुझे  गुरु दक्षिणा में न वस्त्र न रत्न चाहिए बस दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे  वाला POK चाहिए। अब समय आ गया है जब पीओके में आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर भारत माता का ध्वज लहराया जाए। 

राम मंत्र की मैंने दीक्षा दी: 

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा-सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मुझसे राम मंत्र की दीक्षा ली है। मैंने उन्हें राम मंत्र के साथ वही दीक्षा दी जो भगवान हनुमान ने माता सीता से प्राप्त की थी और फिर लंका पर विजय प्राप्त की थी। मैंने उनसे दक्षिणा मांगी है कि मुझे पीओके वापस चाहिए।

ये युद्ध धर्म और राष्ट्र का है : 

रामभद्राचार्य ने तुलसी पीठ आवास में थल सेना प्रमुख से कहा-ये सिर्फ सैन्य लड़ाई नहीं है, ये धर्म और राष्ट्र की रक्षा का युद्ध है। यह युद्ध सीमाओं का है नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और आत्मा का भी है। जगद्गुरु ने आगे मीडिया से कहा कि, आगे कोई भी आतंकवादी वारदात को पाकिस्तान अगर अंजाम देता है तो इस बार वह पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो जाएगा।

थल सेना का स्मृति चिह्न किया भेंट :

चित्रकूट में  जनरल द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता इस दौरान लगभग 5 घंटे रहे।  और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को उपेंद्र द्विवेदी ने गदा भी भेंट किया है। इसके अलावा   सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय का सेना प्रमुख ने निरीक्षण किया है। साथ ही सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में भी भाग लिया। और  उनका स्वागत पद्मश्री डॉ. बीके जैन ने किया। वहीं जगद्गुरु रामभद्राचार्य को उपेंद्र द्विवेदी ने थल सेना का स्मृति चिह्न दिया।


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