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Government Department : मंत्रालय से पुलिस मुख्यालय तक पहुंचकर आदेश निकलने में लगे 29 महीने, दूरी महज डेढ़ किमी

Government Department : मंत्रालय से पुलिस मुख्यालय तक पहुंचकर आदेश निकलने में लगे 29 महीने, दूरी महज डेढ़ किमी

भोपाल। मप्र के सरकारी विभागों में फाइलों के चलने की गति क्या होती है, इसका अंदाजा गृह विभाग के एक पत्र के जरिए आसानी से पता किया जा सकता है। गृह विभाग ने पुलिस के दैनिक लिखा पढ़ी में उर्दू, फारसी आदि अन्य भाषाओं के प्रचलित शब्दों के स्थान पर हिंदी के शब्दों का अधिक प्रयोग करने को लेकर गृह विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने 11 जनवरी 2022 को डीजीपी विवेक जौहरी को पत्र लिखा था। 

करीब 29 महीने बाद अब जाकर इस फाइल पर क्रियान्वयन शुरू हुआ है। अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, तत्कालीन एसीएस डॉ. राजोरा ने अपने लेटर हेड पर तत्कालीन डीजीपी जौहरी को पत्र लिखकर कहा कि उर्दू फारसी आदि शब्दों के स्थान पर हिंदी भाषा के शब्दों का उपयोग किया जाए। उन्होंने बाकायदे करीब 69 शब्दों की एक सूची भी डीजीपी को सौंपी। इसमें हिंदी शब्दकोष के अनुसार हिंदी के शब्द दिए गए। हालांकि इसमें कई शब्द ऐसे भी हैं, जो पुलिस की लिखा पढ़ी के साथ ही आम बोल चाल की भाषा में भी प्रचलित है।

पुलिस के ज्यादातर लिखा-पढ़ी में उर्दू व अरबी शब्दों का चलन ज्यादा है। अब जाकर पुलिस मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन कुमार श्रीवास्तव ने 13 मई 2024 को भोपाल पुलिस आयुक्त नगरीय पुलिस भोपाल व इंदौर के साथ ही प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षक, रेल व अजाक पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उक्त शब्दों की शब्दावली सहित निर्देश जारी किया है। उनसे कहा गया है कि अपने अधीनस्थ इकाईयों को वितरित कराकर अधिकाधिक हिंदी शब्दों का प्रयोग कराने का कष्ट करें। किंतु  महत्वपूर्ण आदेश में भी अफसर हीलाहवाली करते रहे हैं , इसका ज्वलंत उदाहरण है। 

अन्य भाषाओं के प्रयोग को लेकर पुलिस विभाग ने एक बार फिर आपत्ति जताई 

पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई में उर्दू-फारसी समेत अन्य भाषाओं के प्रयोग को लेकर विभाग ने एक बार फिर आपत्ती जताई है। विभाग का कहना है कि कार्रवाई में हिंदी भाषा के शब्दों का प्रचलन किया जाए। इस आशय से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक में सभी अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया है। आदेश में लिखा गया है कि वर्तमान में पुलिस विभाग द्वारा जो करवाई की जा रही है। उसमें उर्दू और फारसी सहित अन्य भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। अपेक्षा की गई है कि पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई में गैर हिंदी शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए विभाग द्वारा शब्दकोश भी अधीनस्थ अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं।


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