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inh exclusive: नगर पालिका ने गरीब को किया घर से बेघर, शिकायत करने पर अधिकारी बना रहे हैं दबाव

inh exclusive: नगर पालिका ने गरीब को किया घर से बेघर, शिकायत करने पर अधिकारी बना रहे हैं दबाव

रिपोर्टर- राजा शर्मा (डोंगरगढ़)

राजनांदगांव जिले के धर्म नगरी डोंगरगढ़ में शासकीय जमीन अधिग्रहण मामले पर विवाद को लेकर बाधियाटोला निवासी प्रकाश यादव नामक एक गरीब व्यक्ति का मकान नगर पालिका ने तोड़ कर बेघर कर दिया। प्रकाश यादव शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है। 

जबकि  बढ़ियाटोला में लगभग 50 प्रतिशत आबादी  शासकीय भूमि पर कब्ज़ा कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले चुकी हैं। सूत्रों की माने तो बधियाटोला में कई पूंजी पति लोग आवास योजना के नियम से बाहर होने के बावजूद शासकीय भूमि को कब्ज़ा कर प्रधानमंत्री आवास का लाभ ले कर बेच चुके हैं । बारीकी से निष्पक्ष जॉच पड़ताल से अधिकारी कर्मचारियों सहित अन्य भी दोषी मिलेंगे । पूर्व में inh न्यूज़ चैनल ने प्राथमिकता से डोंगरगढ़ में बने प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी को लेकर समाचार प्रसारित भी किया था। इसका कोई असर ना दिखा बल्कि अधिकारी अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं। 

पीड़ित प्रकाश यादव ने मीडिया को बताया बधिया टोला वार्ड में सभी लोगों के जैसे मैंने भी शासकीय जमीन घेर रखा था । कब्ज़ा जमीन पर मकान बनाने के पहले नगर पालिका को लिखित आवेदन के माध्यम से सूचना देने के बाद मकान बना कर रहने लगा मकान बनने के तीन महीने बाद नगर पालिका से मेरे सहित अन्य 5 लोगों को नोटिस मिला। ये सब पैसे वसूली के लिए एक षड्यंत्र था बधिया टोला वार्ड के पार्षद पति जयश सहारे ने यह षड्यंत्र रचा था, अन्य व्यक्ति को मेरे पास भेज कर मकान ना तोड़ने के लिए रुपयों कि मांग की गई। रकम पूरा ना देने पर मेरा मकान तोड़ दिया। जबकि मेरे साथ कब्जा किए हुए लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले पक्का मकान मे रह रहे हैं। 

डोंगरगढ़ के अधिकारी उड़ा रहे हैं मेरा मजाक :

प्रकाश यादव ने यह भी कहा की मेरा मकान टूट जाने के बाद सभी शासकीय दफ्तरों में लिखित शिकायत किया लेकिन ये सभी मेरा मजाक बना कर रखे है। 6 माह से ज्यादा हो गया मैं डोंगरगढ़ से राजनांदगांव पेशी में जाते जाते परेशान हो चुका हूं।  अब ऐसी स्थिति आ गई हैं की मैं कुछ अप्रिय घटना ना घटित कर दू ।

      कलेक्टर साहब ने जब मेरे विषय में डोंगरगढ़ तहसीलदार एवम् नगर पालिका अधिकारी से जानकारी मांगा तो तहसील कार्यालय में तहसीलदार मुझ पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगा। तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी कुलदीप झा ने मेरे विषय में लिखित पत्र देते हैं जिसमे मेरा कोई पक्का मकान और कोई जगह ना होना बताया। कुछ दिन बाद नगर पालिका अधिकारी का तबादला हो गया , नया अधिकारी फिर से जॉच कर मेरा पक्का मकान और जमीन होना लिखित जानकारी से रहे हैं। ये कैसा खेल मेरे साथ खेला जा रहा है। 

मेरे पूछे जाने पर मेरे बेटे का मकान को मेरा बता रहे हैं। जबकि मैं अपने पत्नी के साथ अलग रहता हूं बधिया टोला में मैं ऐसे कई घर बता दूंगा जिनके घर में 5 बेटे है तो सभी को पक्का मकान एवम् उनके पिता का पक्का मकान प्रधानमंत्री आवास का लाभ ले शासकीय भूमि पर रहते हैं। मैं तो अपने स्वयं के खर्च पर कच्चा मकान बना कर रह रहा था।  मैं जितनी बातें मीडिया को बता रहा हूं उन सबका दस्तावेज मेरे पास हैं और कलेक्टर साहब के पास भी है । 


अधिकारी कहते हैं हमारा विभाग तोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया :

डोंगरगढ़ तहसीलदार मुकेश ठाकुर का कहना हैं की हमारे विभाग से मकान तोड़ने से संबंधित कोई आदेश जारी नही हुआ है। वो नगर पालिका जाने , रही बात मुझ पर शिकायत वापस लेने का दबाव वाली बात तो वह निराधार हैं। वर्तमान नगर पालिका अधिकारी से सम्पर्क करना चाहा तो मीडिया को बाइट देने से मना करते हुए अपनी शारीरिक अस्वस्थता होना बताया। 

        वहीं पूरे मामले को लेकर तात्कालिक सीएमओ कुलदीप झा ने बताया कि उसे वार्ड में अस्पताल प्रस्तावित था जिसकी जानकारी उन्हें पार्षद पति जयेश सहारे के द्वारा दी गई थी जिसके लिए जर्जर हो चुके पटवारी भवन को तोड़ने के संबंध में एसडीएम से चर्चा मात्र हुई थी चर्चा को ही आदेश मानते हुए जयेश सहारे के द्वारा  पटवारी भवन के तोड़े जाने की  जानकारी मिली। नगर पालिका के जेसीबी का उपयोग करके प्रकाश यादव के मकान को भी तोड़ने की जानकारी मिली । क्योंकि निर्माण एजेंसी आर ई एस है इसलिए नगर पालिका द्वारा उस समय कोई भी आदेश इस संबंध में जारी नहीं किया गया था ।

      नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने कहा की ग्रामीणों की स्वास्थ सुविधा के लिए हॉस्पिटल निर्माण करना था। वार्ड नंबर 8 बधियाटोला में स्थित पटवारी निवास को तोड़ने का आदेश आया था लेकिन तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी के मौखिक आदेश पर पीछे के कुछ एरिया प्रकाश यादव का मकान तोड़ा गया हैं। किसके कहने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी कुलदीप झा ने तोड़ने का आदेश दिया है वोही जाने यह एक जॉच का विषय है।

वही दूसरी ओर जयश सहारे से इस विषय में जानकारी लेना चाहा तो उनका कहना है की मैं नगर पालिका में दैनिक वेतनभोगी रूप मे कार्यरत हूं , मुझे बाइट देने का अधिकार नहीं है।मौखिक बता रहा हूं की प्रकाश यादव से मैं कभी भी कोई बातचीत नही किया है और ना ही किसी को भेज कर पैसे का मांग किया है, रही बात मकान तोड़ने की तो मैं उनका मकान नही तोड़ा है। 

गरीबों को रहने के लिए देश के प्रधानमंत्री योजनाएं चला कर इनको मकान दे रही है और अधिकारी गरीब का मकान तोड़ गोल मोल जवाब दे कर बच रहे हैं। सरकार की योजनाओं को चंद पैसे की लालच में पूरा मट्टी पलीत करने में जुटे हुए हैं। इन सबके ब्यान से तो ये प्रतीत होता हैं, कि प्रकाश यादव का मकान किसी ने नही तोड़ा क्या नगर पालिका की जेसीबी अपने आप जा कर प्रकाश यादव का मकान तोड़ दिया।

आखिर दोषी कौन हैं ? इसके ऊपर कोई कार्यवाही ना करते हुए उसे बचाने में लगे हुए है ये सभी सरकारी तन्त्र 6 माह से ऊपर हो गया गरीब अपने घर के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रहा है। अपने आप में संदेहात्मक कार्यशैली दर्शा रहा है प्रशासन के खिलाफ... 

 


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