भोपाल। बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले से जुड़े मानव तस्करी मामले के आरोपियों श्वेता विजय जैन , आरती दयाल और चिंटू उर्फ अभिषेक सिंह ठाकुर को राजधानी की एक अदालत ने दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी की अदालत ने सोमवार को सुनाया है। अदालत ने मामले की एक अन्य आरोपी श्वेेता स्वपनिल जैन के खिलाफ कार्यवाही के पर्याप्त आधार नहीं होने से उसे चार्ज के समय 12 फरवरी 2020 को आरोपों से उन्मोचित करते हुए आरोपी श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और चिंटू उर्फ अभिषेक सिंह ठाकुर के विरूद्व प्रकरण चलाए जाने के आदेश दिए थे।
मामले का फैसला सुनाए जाते समय तीनों आरोपी अदालत में उपस्थित थे। चिंटू उर्फ अभिषेक सिंह ठाकुर की ओर से प्रकरण में तारिक सिददीकी ने पैरवी की। उल्लेखनीय है कि इंदौर नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने श्वेता विजय जैन ,आरती दयाल श्वेेता स्वपनिल जैन और मोनिका यादव के खिलाफ हनी ट्रैप का प्रकरण दर्ज किया था।
इसी हनी ट्रैप मामले की आराोपी मोनिका यादव के पिता हीरा लाल यादव ने 24 सितंबर 2019 को पलासिया पुलिस थाना में आरती दयाल सहित अन्य आरोपियों के विरूद्व शिकायत दर्ज कराई थी । बाद में यह मामला सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया था। सीआईडी ने मोनिका यादव के पिता हीरालाल पुत्र रामसिंह यादव निवासी ग्राम नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ की शिकायत पर 25 सितंबर 2019 को आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी और आपराधिक षड़यंत्र रचने का मामला दर्ज किया था।
मोनिका को सेक्स रैकेट व ब्लैकमेलिंग में धकेला
हीरालाल ने शिकायत में बताया था कि उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उनकी बेटी मोनिका यादव को आरोपी आरोपी श्वेता विजय जैन , श्वेता स्वपनिल जैन ,आरती दयाल और चिंटू उर्फ अभिषेक सिंह ठाकुर ने मिलकर कॉलेज में अच्छी शिक्षा दिलाने एवं आर्थिक मदद कर उसे बहला-फुसलाकर उसकी सहमति के बिना अवैध धंधे में धकेल दिया। आरोपी अभिषेक सिंह, श्वेता विजय जैन की एनजीओ का पूर्व कर्मचारी है। अभिषेक सिंह के माध्यम से ही मोनिका यादव को सुनहरे भविष्य का सब्ज बाग दिखाकर भोपाल लाया गया और महत्वकांक्षी मोनिका यादव को सेक्स रैकेट एवं ब्लैकमेलिंग के काम में धकेल दिया गया।
मोनिका यादव ने भी अपने बयान में बताया था कि उसके फ़ोन मित्र अभिषेक सिंह ठाकुर के माध्यम से आरती दयाल और श्वेता विजय जैन द्वारा उच्च शिक्षा व रोजगार के नाम पर उसे गांव से भोपाल आने के लिए उत्प्रेरित किया। मोनिका यादव ने बयान में बताया था कि इस काम के लिए उसे आरती दयाल ने लालच दिया था कि उसकी पूरी फैमिली को सैटल करा देंगें। बाद में मोनिका और उसके पिता अदालत में दिए गए अपने पूर्व के बयानों से पलट गए थे। इसी आधार पर अदालत ने आरोपियों को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है।