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Rape In Hostel : हॉस्टल में बच्ची के साथ किया बलात्कार, सीएम ने लिया संज्ञान, एसआईटी गठित

Rape In Hostel : हॉस्टल में बच्ची के साथ किया बलात्कार, सीएम ने लिया संज्ञान, एसआईटी गठित

भोपाल। राजधानी के बोर्डिंग स्कूल में एक मासूम के साथ बलात्कार किए जाने के मामले में सीएम यादव ने संज्ञान ले लिया है। इसके साथ ही इस मामले की तहकीकात के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है। इस मामले में एक पुलिसकर्मी पर भी एफआईआर न किए जाने को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की मां ने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी है जिसपर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि बच्ची का गेटनोलॉजी मेडिकल टेस्ट कराए जाने के बाद इस मामले में नामजद एफआईआर दर्ज की जाएगी। फिलहाल आरोपों की जांच की जा रही है। पीड़िता की मां द्वार लगाए गए आरोपों को स्कूल की संचालिका द्वारा बेबुनीयादी आरोप बताया जा रहा है।  

गठित हुई एसआईटी

राजधानी में हुए 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में एमपी के सीएम मोहन यादव ने संज्ञान ले लिया है। इस मामले की तहकीकात के लिए सीएम द्वारा एक एसआईटी गठित की गई है। इस एसआईटी के अध्यक्ष एसीपी मिसरोद रजनीश कश्यप को बनाया गया है। साथ ही इस एसआईटी में थाना प्रभारी मिसरोद और मिसरोद एसआई श्वेता शर्मा भी सदस्य रहेंगी। इस मामले की जांच के लिए पुलस द्वारा हर संभव प्रयास किए जाने लगे हैं। 

बेहोश कर बलात्कार 

मालूम हो कि ये वारदात पांच दिन पुरानी बताई जा रही है। इसमें भापाल में मिसरोद के ज्ञानगंगा नाम के आवासीय स्कूल में एक बच्ची के साथ बेहोश कर बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया है। जिसकी रिपोर्ट बच्ची की मां ने घटना के पाच दिन बाद दर्ज कराई थी। क्योंकि तचब तक स्कूल के वार्डन और अन्य कर्मचारियों ने महिला को अपनी बच्ची से बीत ही नहीं करने दी थी। साथ ही बच्ची को धमकाया भी गया था। आखिर कुछ गलत की आशंका के चलते बच्ची की मां उससे मिलने पहुंची तब इस बात का खुलासा हुआ और फिर बच्ची की मां ने स्कूल पर आरोप लगाते हुए इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई है। 

दाढ़ी ववाले अंकल कर रहे थे गलत काम 

बच्ची की मां ने बताया है कि उसने अपनी बेटी को कई बार फोन किया था, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण के चलते वार्डन उससे बात नहीं करने देती थी। कभी सोने का बहाना तो कभी दो मिनट से अधिक देर बात नहीं करना। इन सबके बाद मां ने एक दिन उसे वीडियो कॉल किया था। इस कॉल में उसने अपनी बेटी को रोते देखा तो तुरंत उसे लेने हॉस्टल चली गई। हॉस्टल जाते ही बेटी से जैसे ही वह मिली तो बेटी उससे लिपट कर रोने लगी थी। मां उसे लेकर बाहर आई, तब कार में बच्ची ने मामं को अपनी आपबीति सुनाते हुए कही कि चार-पांच दिन पहले शाम को उसने दाल-चावल खाए थे। बाद में हॉस्टल की वार्डन ने उसे दोबारा दाल-चावल खिलाए थे। उसे उस रूम में ले जाकर खिलाया गया, जो अभी रहने के लिए चालू भी नहीं हुआ है। रात में जब नींद खुली तो वह अपने कमरे और बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी सर, बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो-तीन बार बोला। इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। मेरे पेट में दर्द हो रहा था और प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। बच्ची फिर से बेहोश हो गई। बच्ची को सुबह होश आया तब वो अपने पलंग पर सो रही थी। उसने होश में आने के बाद वार्डन से कहा कि मेरे पेट में पेन हो रहा है। उन्होंने बच्ची को नहलाया-धुलाया।

नहीं करने दे रहे थे बात 

मां ने कहा कि इसके बाद जब बच्ची ने अपनी मां से बात करने की इच्छी जताई तो उससे कहा स्कूल जाओ, वहां से आने के बाद बात करा देंगे। हॉस्टल के लोगों ने बच्ची को इस बात को छुपाने के लिए धमकाया भी था। उन्होंने कहा- संडे को बात कराएंगे। जब महिला ने बेटी से बात करने के लिए फोन किया तो उन्होंने कहा कि बच्ची अभी सो रही है, अभी बात नहीं करा सकते। फिर कॉल किए जाने पर 2 मिनट से ज्यादा बात मत करना कहा और फोन कट कर दिया। इसके बाद मां ने वीडियो कॉल किया तब बच्ची रोने लगी, तो उससे फोन छीनकर कॉल कट कर दिया। महिला तुरंत मौके पर पहुंची और अपनी बच्ची को लेकर अस्पताल गई, जिसके बाद हॉस्टल संचालकों के खिलाफ महिला ने एफआई आर दर्ज कराई है। 

आरोप बताए बेबुनियाद 

वहीं स्कूल संचालिका प्रियंका मोदी ने सभी आरोप बेबुनियाद बता दिए हैं। उनका कहना है कि वे 28 साल से स्कूल चला रहे हैं। आज तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई। जिस महिला ने आरोप लगाए हैं उसने बेटी का एडमिशन 19 तारीख को कराया था और 29 को उसे हंसी-खुशी यहां से लेकर गई। उसने टीचर्स से कहा कि इसे ऑनलाइन पढ़ाना। मुझे कुछ भी न्यूसेंस चीज नहीं लगी थी। उसी दिन रात को फोन आता है कि पुलिस इन्वेस्टिगेशन करना चाहती है, यहां आना चाहती है। उन्होंने यहां देखा, एक-एक डॉक्यूमेंट और कैमरे का डेटा देखा। हमने अपने बयान सहित एक-एक चीज पुलिस को उसी समय बता दी। संचालिका का कहना है कि हम चाहते हैं कि अच्छे से जांच हो। हम ये भी चाहते हैं कि उस महिला की भी जांच हो कि वो अपनी बच्ची के साथ ऐसा क्यों कर रही है। अगर आरोप सच निकलते हैं तो हम खुद बच्ची के साथ हैं।

की जा रही है जांच 

पुलिस ने मामले में कहा है कि घटना पांच दिन पुरानी है। पुलिस का कहना है कि एफआईआर भी रात के वक्त दर्ज कराई गई है। पीड़िता की मां एक बार बिना एफआईआर के ही लौट गई थी। पीड़िता की मां उसे लेकर अस्पताल पहुंची थी वहां प्रारंभिक रिपोर्ट में बच्ची के गुप्तांग से छेड़छाड़ किए जाने के चलते उसमें सूजन और ब्लीडिग होने की पुष्टि की गई है, लेकिन पुलिस इस मामले में गायनेकोलॉजिस्ट द्वारा जांच पूरी किए जाने के बाद ही इस बात की पूर्णतः पुष्टि करेगी। पुलिस द्वारा इस घटना के दिन के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं। इसके लिए पुलिस स्कूल के हॉस्टल के सीसीटीवी का डीवीआर जब्त कर चुकी है। हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। मामले में पीड़िता की मां ने कहा था कि जब वो हॉस्टल पहुंची तो बच्ची अकेली ही थी। बाकी सब बच्चे अपने घर जा चुके थे। पुलिस इस बात की शिनाख्त के लिए भी हॉस्टल के रजिस्टर को जब्त कर चुकी है। मामले की जांच जारी है। 

एसआई पर भी एफआईआर 

महिला ने इस मामले में एक पुलिस वाले पर एफआईआर न करने के लिए दबाव बनाए जाने का आरोप भी लगाया है। इस आरोप के चलते पुलिस द्वारा एसआई प्रकाश राजपूत पर भी अफआईआर दर्ज कर ली गई है। प्रकाश राजपूत पर मामले को दबाने का आरोप का आरोप पीड़िता की मां द्वारा लगाया गया है। इनपर आरोप है कि इन्होंने इसे मामले में संचालकों के साथ समझौता करने के लिए महिला पर दबाव बनाया गया है। 
 


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