DMF घोटाला: 6 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश , शासन को 75 करोड़ का चूना लगाने का आरोप

DMF घोटाला: 6 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश , शासन को 75 करोड़ का चूना लगाने का आरोप

कोरबा: जिले के DMF घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने विशेष कोर्ट में करीब 6,000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। EOW द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि निविदा राशि के आवंटन में सुनियोजित षड्यंत्र कर लगभग 40 प्रतिशत राशि—करीब 75 करोड़ रुपये—की आर्थिक क्षति सरकार को पहुंचाई गई।

23.79 करोड़ की संपत्तियां कुर्क, IAS अधिकारी शामिल:

इस घोटाले में पिछले साल 11 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, माया वरियर सहित अन्य आरोपियों की 23.79 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। इनमें से 21.47 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति DMF फंड से अर्जित अवैध आय (ब्लैक मनी) से खरीदी गई थी।

बेहिसाब कैश और जेवरात की बरामदगी:

ED की जांच के दौरान 2.32 करोड़ रुपये नकद और भारी मात्रा में आभूषण जब्त किए गए। यह रकम DMF से जुड़े ठेकों के दौरान अधिकारियों को दी गई रिश्वत का हिस्सा थी। अब तक इस मामले में कुल अपराध से अर्जित आय (POC) का आंकड़ा 90.35 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसमें से 23.79 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही अनंतिम रूप से जब्त की जा चुकी है।

ठेकों में 15 से 42 प्रतिशत तक कमीशन का लेनदेन:

यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ED ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर को आधार बनाकर जांच शुरू की थी। इन मामलों में आरोप है कि राज्य के कुछ अधिकारियों ने ठेकेदारों से सांठगांठ कर DMF फंड को हड़पने की साजिश रची। DMF से संबंधित कार्यों के ठेके फर्जी तरीके से हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने 15 से 42 प्रतिशत तक रिश्वत और कमीशन का भुगतान किया।


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