भोपाल। उज्जैन में रेलवे स्टेशन से लेकर भगवान महाकाल मंदिर तक में रोप-वे निर्माण के लिए रेलवे की करीब 14 हजार स्क्वायर मीटर जमीन की जरूरत पड़ रही है। इसके लिए रेलवे ने राज्य शासन से 17 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की मांग की है।
इसमें जीएसटी की राशि भी जोड़ी गई है। रेलवे ने राज्य शासन ने कहा कि जमीन 35 वर्षो के लीज पर दी जाएगी, किंतु इससे पहले राशि जमा कराने के बाद ही प्रक्रिया पूरी होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रेलवे स्टेशन से लेकर महाकाल मंदिर तक में रोप-वे निर्माण की घोषणा की थी। इसे पूरा करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पािरत होने के बाद सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी गई। इसमें जीएसटी की दो करोड़ रुपए से अधिक की राशि को यह कहते हुए मंजूरी नहीं दी गई कि शासकीय कार्य में इसकी जरूरत नहीं है। किंतु रेलवे विभाग राज्य सरकार की मंजूरी से सहमत नहीं है। रेलवे ने 14 करोड़ 60 लाख रुपए के अतिरिक्त ढाई करोड़ रुपए की जीएसटी का भुगतान भी राज्य सरकार करें। इसके बाद ही रेलवे की जमीन मुहैया कराई जाएगी।
राज्य सरकार राशि खर्च करने के लिए तैयार, रेलवे को भी इसकी सूचना दी
उज्जैन रेलवे स्टेशन से सीधे महाकाल मंदिर तक रोप-वे निर्माण पर करीब 12 करोड़ रुपए की लागत आएगी, किंतु रेलवे को दी जाने वाली 17 करोड़ रुपए की राशि जोड़ने के बाद इस पर लगभग 30 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। राज्य सरकार यह राशि खर्च करने के लिए तैयार है। रेलवे को भी इसकी सूचना दे दी गई है। दरअसल, रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर के लिए रोप-वे का निर्माण रेलवे की जमीन पर होगा। चूंकि रेलवे के अलावा और किसी के पास मौके पर जमीन नहीं है। जल्दी ही एग्रीमेंट के बाद जमीन पर काम शुरू हो जाएगा।