भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास, यह बोलने के लिए नहीं, करके दिखाने के लिए है। भाजपा ने यह करके दिखाया है। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जिसमें एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बनता है, एक गरीब का बेटा मुख्यमंत्री, सांसद, मंत्री बनता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इनके नेताओं को हमारे धर्मों की बातें चुभती हैं।
हम मंदिरों, देवी-देवताओं का जयकारा लगाते हैं, तो इनको तकलीफें होती हैं। ये बोलते हैं कि भाजपा के लोग धर्म की बातें क्यों करते हैं? कांग्रेस ने हमेशा से सनातन धर्म का विरोध किया है, मंदिरों का विरोध किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को हरियाणा के बाद उप्र के झांसी लोकसभा सीट में आयोजित जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने उत्तरप्रदेश के झांसी में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रोड-शो भी किया। यहां पर मुख्यमंत्री के रोड शो में जनसैलाब उमड़ा पड़ा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर लगातार फूलों की बारिश होती रही। इससे पहले झांसी पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभूतपूर्व स्वागत, सत्कार किया गया। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री रथ पर सवार होकर झांसी की गलियों में घूमे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं। सबका साथ सबका विकास, यह बोलने के लिए नहीं करके दिखाने के लिए है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करके भी दिखाया है। मुख्यमंत्री उप्र के झांसी में आयोजित रोड शो में भी शामिल हुए। इस दौरान उनका अभूतपूर्व स्वागत, सत्कार हुआ। रोड शो में भाजपा के वरिष्ठ नेता व मप्र न्यू ज्वाॅइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के साथ रथ पर सवार होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान उन्होंने भी जनता का अभिवादन स्वीकार किया और स्वागत से भी अभिभूत नजर आए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से सनातन धर्म का विरोध किया है, मंदिरों का विरोध किया है। कांग्रेस ने सोमनाथ के मंदिर का विरोध किया था, इसका गवाह इतिहास भी है। कांग्रेस पार्टी 70 वर्षों तक अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण में रोड़ा डालती रही। हिन्दू-मुसलमान को लड़ाकर राजनीति करती रही। इन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण का भी विरोध किया। इससे बढ़कर इन्होंने जो पाप किया है, वह भी इतिहास में दर्ज होगा, क्योंकि कांग्रेस और इनके घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने श्रीरामलला मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का आमंत्रण भी ठुकराया था। अब जनता ही इन्हें ठुकराने वाली है।