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भाजपा दबाव बनाकर लड़ती है चुनाव, फिर  भी कांग्रेस 70 से 80 सीटें लाएगी, हमारी पार्टी ने बहुत मेहनत की है

भाजपा दबाव बनाकर लड़ती है चुनाव, फिर  भी कांग्रेस 70 से 80 सीटें लाएगी, हमारी पार्टी ने बहुत मेहनत की है

भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण  सिंह का कहना है कि राम मंदिर बन रहा था, हमको जाना था। राम मंदिर का ताला तो तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने खुलवाया था। तो कांग्रेस को इसमें आपत्ति नहीं करनी थी। इसे आगे जाकर सुधारेंगे। भाजपा दबाव बनाकर चुनाव लड़ती है, फिर भी कांग्रेस 70 से 80 सीटें लाएगी, हमारी पार्टी ने बहुत मेहनत की है।

लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ईवीएम की शिकायत आती है। हर चुनाव में आती है। कुछ मशीनों में ज्यादा वोट डल गए। कम डल गए। हमारी शिकायत पर बदली गईं नई मशीन पर वोटिंग भी हुई। देश में 10 लाख पोलिंग केंद्र हैं। ऐसा तो नहीं होगा कि 10 लाख मशीनें मैनेज होंगीं। लेकिन, कहीं-कहीं ऐसा होता है। कुछ मशीन खराब होती हैं तो उन्हें बदला जाता है। मशीनों से चुनाव हो रहा है तो मशीन पर विश्वास करना होगा।  लक्ष्मण सिंह हरिभूिम व आईएनएच न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ.हिमांशु द्विवेदी से ‘चुनावी संवाद’ में अपनी बात रख रहे थे।


प्रश्न: इस चुनाव को िकस तरह देख रहे हैं? मोदी की धमाकेदार वापसी, 400 पार, कांग्रेस में हाहाकार या इससे इतर कुछ दिख रहा है?

उत्तर: एनडीए 400 पार नहीं होगी। मोदी कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए ऐसी बात कह रहे हैं। जमीनी हालात बहुत अलग हैं। जनता मंहगाई, बेरोजगारी से परेशान है। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। 

प्रश्न: कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है, पीएम हमलावर हैं, कांग्रेस के घोषणा पत्र से विवाद हो रहा है? ऐसे में किस आधार पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहेगा? 

उत्तर: कांग्रेस आक्रामक रही है। रैली में भीड़ है। लोग सुन रहे हैं। हमें आशा है पिछली बार से हमारी सीटें बढ़ेंगी। 

प्रश्न: कितनी सीटें बढ़ने की उम्मीद है? 2019 में 52 सीटें थीं कितनी सीटों की इस बार उम्मीद कर रहे हैं?

उत्तर: हमें आशा है 70-80 सीटें लाएंगे। पहले से अच्छा प्रदर्शन रहेगा। भाजपा बहुत अिधक दबाव बनाकर लड़ती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बहुत अिधक मेहनत की है। पिछली  बार से हमारी सीटें बढ़ेंगी। कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहेगा।

प्रश्न: कांग्रेस कहां से कहां पहुंच गई, आत्ममूल्यांकन की जरूरत महसूस करते हैं?

उत्तर: 1984 में सहानुभूति का वोट मिला था। उसके बाद ज्यादा सीटें घट गई हैं। सीटों को कैस बढ़ाएं मंथन कर रहे हैं, प्रचार कर रहे हैं। 

प्रश्न: बहुत लोग भाजपा छोड़कर गए हैं। क्या कांग्रेस नेताओं के बयानों ने नुकसान किया है? अंजाने में बयान या भाजपा के इशारे पर आपका अनुभव क्या कहता है?

उत्तर: यह मैं नहीं कह सकता हूं। हालांकि, इसका कुछ नुकसान होता है।

प्रश्न:  लोग ऐसे बयान क्यों देते हैं?

उत्तर:  यह तो बयान देने वालों से पूछा जाए ऐसे क्यों बोलने लगे।

प्रश्न: लक्ष्मण सिंह खरे-खरे बोलने वाले हैं। क्या अभी समय नहीं आया कि सीधे तौर पर बोलने का? कांग्रेसियों में भाजपाई होने की क्यों होड़ हैं क्यों लालायित हैं भाजपा में जाने के लिए?

उत्तर: मैं पूछता हूं कि भाजपा को इतने कांग्रेस के लोगों की जरूरत क्यों पड़ रही है। 400 पार कह रहे हैं और बता रहे हैं कि मजबूत स्थिति में हैं तो फिर कांग्रेसियों की जरूरत क्यों? ऐसे लोग भी हैं िजन्होंने न चुनाव लड़ा, न जीते, लड़े तो कई हारे उन्होंने भी लिया, यह तो भाजपा की कमजोरी है।

प्रश्न: रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे, कमलेश शाह ये जीते हुए विधायक हैं। हर वर्ग का जीता हुआ व्यक्ति भाजपा में जा रहा है?

उत्तर: जाने वाले को रोक नहीं सकते। जाने वाले की जगह 4 मजबूत कार्यकर्ता खड़े हो जाते हैं। उसकी जगह लेने के लिए। यह एक प्रक्रिया है। नए मजबूत कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करेंगे।

प्रश्न: कितने नए लोग तैयार करेंगे?

उत्तर: यह प्रक्रिया है। समय लगता है। लेकिन कांग्रेस में उत्साह है। नेतृत्व को भी चाहिए कि वो नए लोगों को आगे आने दें तभी कांग्रेस मजबूत होगी।

प्रश्न: नए लोगों में जीतू पटवारी उमंग सिंघार कैसा काम कर रहे हैं?

उत्तर: दोनों अच्छा काम कर रहे हैं। मेहनत कर रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों में बहुत संघर्ष के समय में काम कर रहे हैं। उनकी हिम्मत और मेहनत की दाद देता हूं।

प्रश्न: वे मेहनत क्या कर रहे हैं? इसके बारे में बताएं।

उत्तर: दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। घूम रहे हैं। मैं उनके साथ हूं। जब भी मदद और मार्गदर्शन चाहते हैं। अनुभव से मदद करते हैं। करते रहेंगे।

प्रश्न: आपके अनुभव का क्या लाभ लिया? और मार्गदर्शन लिया कहां-कहां पसीना बहाया?

उत्तर: जहां बोला, वहां गया। जहां काम बताया वो किया। पार्टी जब भी कोई काम बताती है तो वो काम करते हैं। भाई साहब राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं तो मैं वहां हूं।

प्रश्न: जीतू पटवारी ने आपका क्या उपयोग किया ?

उत्तर: उपयोग किया जा रहा है। पर थोड़ा ज्यादा उपयोग करेंगे तो मैं उनका आभारी रहूंगा। मै तैयार हूं जो भी काम वो देंगे वो करूंगा। चुनाव बाद चर्चा करेंगे। अभी चुनाव में व्यस्त हैं। 

प्रश्न: 70-80 सीटों में से कांग्रेस मध्य प्रदेश से कितनी सीटें जीतेगी?

उत्तर: मेरा अनुमान है। मध्य प्रदेश में 7 से 8 सीटें आएंगी। हम ज्यादा सीटें जीतते। पर इंदौर में हमारा उम्मीदवार बीच चुनाव भाजपा में चला गया। उससे आस-पास की सीटों पर प्रभाव पड़ा तो फिर भी हम सीटें जीतेंगे।

प्रश्न: सनातन विरोधी, राम मंदिर और राम जी कितने भारी पड़ रहे हैं?

उत्तर: मैंने खुलकर बोला है। राम मंदिर  बन रहा था हमको जाना था। राम मंदिर का ताला तो राजीव ने खुलवाया था। तो कांग्रेस को इसमें आपत्ति नहीं करनी थी। इसे आगे जाकर सुधारेंगे।

प्रश्न: प्रमोद कृष्णम बता रहे हैं क्या राम मंदिर की जगह मस्जिद बन जाएगी?

उत्तर: नहीं, ऐसा कुछ नहीं कहा है। राहुल ने नहीं कहा है। अब प्रमोद कृष्णम क्यों कह रहें हैं ये तो वो जाने। मैं समझता हूं ऐसा कोई विचार पार्टी में नहीं है। न ही राहुल गांधी ऐसा सोचते हैं।

प्रश्न: सुरेश पचौरी राम विरोधी पार्टी में नहीं रह सकते और आप कांग्रेस में बने हुए हैं?

उत्तर: सुरेश पचौरी को यह समझने में इतने साल लग गए। यह बड़ी आश्चर्य की बात है। वो क्यों गए हम सब जानतेे हैं। जिसका  जाना है वो जाएगा। आने वाले समय में मजबूत लोग आएंगे। कांग्रेस मजबूती से उभरेगी।

प्रश्न: कमलनाथ और नकुलनाथ की भाजपा जाने की खबर ने इस कोशिश ने कांग्रेस का कितना नुकसान किया?

उत्तर: कमलनाथ ने तो कहा है कि ये मीडिया कह रहा था। उन्होंने कभी नहीं कहा। वे परिवक्व नेता है। अगर वो दिल्ली आए तो यह नहीं वे भाजपा में जा रहे थे। नकुलनाथ दिल्ली आए थे इसका मतलब ये नहीं था कि वे भाजपा में जा रहे हैं। नकुलनाथ ने चुनाव जीता है और जीतेंगे। कमलनाथ कमिटेड कांग्रेस लीडर और परिवक्व नेता हैं।

प्रश्न: कमलनाथ ने पांच दिन ले लिए यह बात कहने में आपकी 5 लाइन को कहने में। देश का मीिडया चीख-चीखकर कह रहा था। इतना सारा धुंआ बगैर आग के था?

उत्तर: यह कमलनाथ का अिधकार है वे मीिडया में कब बोलें और कब न बोलें। उन्हें उस समय उिचत नहीं लगा। समय आया तो बाद में स्पष्टीकरण दिया।

प्रश्न: 5 दिन की खामोशी ने कांग्रेस का कितना फायदा कितना  नुकसान किया?

उत्तर: खामोशी नहीं थी। निरंतर उन्होंने कहा मैंने तो नहीं कहा मीिडया कह रहा था उन्होंने नहीं कहा। अगर कोई खामोश है तो ये अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि  वो ऐसा करेंगे वैसा करेंगे। वो कांग्रेस में ही हैं और रहेंगे।

प्रश्न: दीपक सक्सेना पुराने कांग्रेसी चुनाव में भाजपा के साथ चले गए। कमलनाथ जी का भी समय पूरा हो गया छिंदवाड़ा में ?

उत्तर: दीपक सक्सेना का यह फैसला उनका अिधकार है। कांग्रेस में बहुत अच्छे कमिटेड लीडर हैं कार्यकर्ता हैं। वे आगे आएंगे। आगे आने का अवसर मिलेगा। अच्छे लोग कांग्रेस में आएंगे और कांग्रेस मजबूत स्थिति में रहेगी।

प्रश्न: राजगढ़ से  दिग्विजय सिंह ...यह गलत किया या ठीक किया ?

उत्तर: वे मेरे बड़े भाई हैं। कांग्रेस का फैसला था, चुनौती को स्वीकारा किया। खूब मेहनत की। सबसे ज्यादा मेहनत की। हम आशा करते हैं वो जीतेंगे।

प्रश्न:  दिग्विजय सिंह की मर्जी के खिलाफ उन्हें प्रत्याशी बनाया यह यह गलत किया या ठीक किया ?

उत्तर: दिग्विजय सिंह ने चुनौती को स्वीकार किया । उन्होंने कहा था कि वे पहले से ही राज्यसभा सांसद हैं। यह चुनाव लड़ने का अवसर किसी  और को दें। बड़े अच्छे और नौजवान साथी लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार थे। जब पार्टी ने उनसे कहा तो वे इसके लिए तैयार हो गए।

प्रश्न:पिछली बार भी दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे। कमलनाथ जी ने फंसा दिया। इस बार कौन था जिसने उनको किसने उलझा दिया ? यह जानने में दिलचस्पी है?

उत्तर: पार्टी का आदेश था। कमलनाथ जी उस समय सीएम और अध्यक्ष थे। अभी की मुझे जानकारी नहीं है। इससे टीवी के माध्यम से जानकारी हुई।

प्रश्न: अच्छे परिणाम की क्यों उम्मीद हैं? कितने बुरी तरह से हारी थी मोना सुस्तानी जी?

उत्तर: पिछली बार गलत उम्मीदवार को टिकट दिया था। हम लोगों ने तो उसका विरोध किया था। उनके ससुर गुलाब सिंह पुराने नेता, पुराने कमिटेड कार्यकर्ता इसलिए दिया था अब चली गई तो क्या करें।

प्रश्न: भाजपा को पसंद है दिग्विजय सिंह क्या?

उत्तर: मेहनत तो सबने की है। फैसला जनता के हाथ में है। 4 जून को पता चलेगा सब।

प्रश्न: दिग्विजय सिंह खुलेआम बताते हैं क्या परिणाम की उम्मीद करें मोदी की इवीएम सेट है तो 4 जून को उम्मीद क्यों कर रहे हैं?

उत्तर: यह शिकायत आती है। हर चुनाव मे आती है। कुछ मशीनों में ज्यादा वोट डल गए। कम डल गए मशीन बदल दी जाती है। हमारी शिकायत पर नई मशीन पर वोटिंग भी हुई। देश में 10 लाख पोलिंग हैं। 10 लाख मशीनें हम लोग समझे मैनेज होंगीं ऐसा तो नहीं। लेकिन कहीं-कहीं ऐसा होता है। कुछ मशीन खराब होती हैं तो उन्हें बदला जाता है। मशीनों से चुनाव हो रहा है तो मशीन पर विश्वास करना होगा।

प्रश्न: 4 जून को जनता के परिणाम को देखेंगे या ईवीएम को दोष देंगे?

उत्तर: मैंने पहले भी नहीं कहा है। जो भी परिणाम आएगा जनता का फैसला स्वीकार करेंगे। 

प्रश्: मोहन यादव के सीएम बनने से सहूलियत हुई या दिक्कत?

उत्तर: मैं पहले कह चुका हूं। शिवराज का जनता से जो संवाद था, कनेक्ट था, वो डॉ. मोहन यादव का नहीं है। डॉ. यादव के बनने से कांग्रेस को लाभ हुआ है। उनका जनता से संवाद अच्छा नहीं है जैसा शिवराज का था। मैंने उनके भाषण भी सुने हैं बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। भाजपा के लोग कहते हैं चुनाव के बाद उनको बदल दिया जाएगा।  

प्रश्न: विदिशा में प्रतापभानु शर्मा की क्या जमानत बचेगी या नहीं?

उत्तर: उनका संवाद अच्छा है। वहीं के रहने वाले हैं। लोकप्रिय, िमलनसार, मृदुभाषी हैं। बहुत समय से वहां हैं। अच्छी टक्कर देंगे। 

प्रश्न: शिवराज के लिए लोग 8 से 10 लाख अंतर की बात कर रहे हैं?

उत्तर: हमारे प्रत्याशी िकिसी से कम नहीं। कमजोर नहीं। फाइट देंगे। भाजपा वाले लंबी-चौड़ी बातें कर रहे हैं। 4 जून को स्पष्ट हो जाएगा।

प्रश्न: प्रतापभानु इतने लोकप्रिय तो 30 साल बाद शो पीस में क्यों रखा?

उत्तर: मेरे जैसा छोटा कार्यकर्ता सुषमा जी के खिलाफ साढ़े तीन लाख वोट एक डेढ़ महीने में ला सकता है। प्रतापभानु का कद बड़ा है। वहीं के रहने वाले हैं। निश्चित तौर पर उनको मुझसे कहीं अधिक वोट मिलेंगे।


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