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अक्षय कांति बम : अक्षय ने फोड़ा बम, क्यों दिया कांग्रेस को दगा, सुनाई पूरी दास्तान

अक्षय कांति बम : अक्षय ने फोड़ा बम, क्यों दिया कांग्रेस को दगा, सुनाई पूरी दास्तान

अक्षय कांति बम : मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी में जाकर पार्टी को कई झटके दिए, लेकिन सबसे बड़ा झटका तो इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने दिया। अक्षय ने बीच चुनाव में कांग्रेस को झटका देकर पाला बदलते हुए नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नामाकंन फॉर्म वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी में जाने के कुछ दिनों बाद अब अक्षय कांति बम ने फिर बम फोड़ते हुए कई खुलासे किए है। 

अक्षय कांति बम ने मीडिया के सामने खुलासा करते हुए कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी में जाने की वजह बताई है। अक्षय के साथ कद्दावर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहे। कैलाश विजयवर्गीय इस पूरे सियासी घटनाक्रम के कर्ता—धर्ता रहे। मीडिया को विजयवर्गीय ने बताया की उन्हें अक्षय ने 29 तारीख को अपना नामाकंन वापस लेने के लिए फोन किया था। इस पर मैने उनसे पूछा की ऐसा क्यों? तो अक्षय का कहना था की वह कांग्रेस की नकारात्मक सोच के चलते अपना नामांकन वापस लेना चाहते है। विजयवर्गीय ने आगे बताया कि अक्षय ने मुझ से कहा था की वह अकेले जाकर अपना नामांकन वापस लेंगे, लेकिन फिर मैने भाजपा विधायक रमेश मेंदोला जी को अक्षय के साथ जाने को कहा। 

इसलिए छोड़ी कांग्रेस

अक्षय कांति बम ने मीडिया के सामने खुलासा करते हुए कहा कि जब मैं पहली बार चुनाव लड़ा तब मैरे साथ कांग्रेस के बहुत कम लोग आए थे। मैरे पास सभी बूथों पर काम करने के लिए लोग नहीं थे। कांग्रेस कार्यकर्ता भी नहीं आए। चुनाव के ऐसे दौर में मैं 24 और 25 अप्रैल को फ्री रहा, मैने 26 अप्रैल को होने वाला जनसंपर्क भी निरस्त कर दिया और 27 और 28 अप्रैल को खुद मैने अकेले कार्यक्रम किए, 29 अप्रैल को भी मैने जनसंपर्क निरस्त कर दिया। चुनाव का समय नजदीक था, जनसंपर्क नहीं हो पा रहा था, ऐसे में मैं क्या करता? 

अक्षय ने आगे बताया कि मुझे कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाकर चिन्ह दिया था। फॉर्म के 7 नंबर कॉलम में लिखा था कि अगर मेरा फॉर्म निरस्त होता है तो मोती सिंह पटेल प्रत्याशी होंगे। मैने पार्टी से विधानसभा चुनाव के दौरान राजा मांधवानी को 4 नंबर विधानसभा से प्रत्याशी बनाने की मांग की थी, लेकिन मेरी मांग नहीं मानी गई, इसलिए मैने 29 अप्रैल को अपना फॉर्म वापस लेने का फैसला किया। फॉर्म लेने बाद भी कांग्रेस के पास काफी समय था, कांग्रेस चाहती तो दूसरा प्रत्याश घोषित कर सकती थी, लेकिन नहीं किया। मेरी ईमानदारी थी की मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गया था। 

अक्षय ने बताया की पार्टी का इतना बड़ा संगठन मैरे साथ नहीं था, नेता साथ नहीं थे, पटवारी जी से भी मेरी 3 बार बात हुई, दिल्ली आलाकमान को भी मैने नेताओं की सभा कराने का कहा, लेकिन जिनकी सभा होनी थी वो 25 अप्रैल को दो घंटे इंदौर एयरपोर्ट पर बैठे रहे, लेकिन सभी नहीं की। केस दर्ज को लेकर उन्होंने बताया की उनके 22 साल के कैरियर में उनके खिलाफ सिर्फ एक मामला दर्ज है। उनके कॉलेज में भी कोई गड़बड़ नहीं है। अक्षय का कहना है कि मैं खुशनसीब हूं की मैरे साथ कैलाश जी जैसे नेता साथ है। 


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